रणजीत के गोरखपुर शहर के रहने वाले महंत योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. ऐसे में रणजीत ने भी अपना समाजवादी रूप छोड़ कर योगी आदित्यनाथ की तरह हिंदूवादी रूप बनाने का काम शुरू किया.
प्रदेश में हिंदुत्व की राजनीति को चमकाने के लिए रणजीत ने भी हिंदूवादी नेता की इमेज बनाने का काम शुरू किया. ऐसे में उस ने विश्व हिंदू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख के रूप में खुद को पेश करना शुरू किया.
अखिलेश सरकार के समय में दिए गए ओसीआर के सरकारी आवास में वह रहता था. यहीं उस ने 1 फरवरी, 2020 को शनिवार के दिन अपने जन्मदिन की पार्टी भी मनाई थी. कई लोग उस को बधाई देने सरकारी फ्लैट पर पहुंचे थे. यहीं ओसीआर में बने मंदिर में उस ने सुंदरकांड का पाठ भी रखा था.
समाजवादी विचारधारा पर परदा डालने के लिए रणजीत सिंह ने पिछले कुछ दिनों से प्रखर हिंदुत्व का चेहरा चमकाना शुरू कर दिया था.
जन्मदिन के बाद हत्या
1 फरवरी को अपने जन्मदिन की पार्टी मनाने वाले रणजीत को यह नहीं पता था कि अगले दिन मौत उस का इंतजार कर रही है. 2 फरवरी की सुबह तकरीबन 5 बज कर, 30 मिनट पर रणजीत अपने ओसीआर के सरकारी घर से बाहर मौर्निंग वाक के लिए निकला. रणजीत के साथ पत्नी कालिंदी और रिश्तेदार आदित्य ही था.
कालिंदी विधानसभा मार्ग पर बने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय से लालबाग ग्राउंड की तरफ मुड़ गई, जहां वह जौगिंग करती थी. रणजीत और आदित्य आगे बढ़ गए और हजरतगंज चौराहे से परिवर्तन चौक होते हुए ग्लोब पार्क के पास पहुंच गए.