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3 साल पहले फिर से ताजा हुई निशा की अंशुल से पुरानी मोहब्बत दिनोंदिन परवान चढ़ती गई. वह अपनी मां से मिलने का बहाना बना कर अक्सर कंकरखेड़ा जाती और फिर कभी किसी होटल में तो कभी किसी दोस्त के घर पर अंशुल के गले का हार बन कर अपने पति को धोखा देती.

हालांकि हर घर में पतिपत्नी में छोटीमोटी बातों पर तकरार होती है, झगड़ा होता है यहां तक कि कभीकभी मारपीट तक हो जाती है. ऐसा ही रजत और निशा की जिदंगी में भी था. लेकिन जब से अंशुल उस की जिंदगी में आया था, तब से रजत का ऐसा हर व्यवहार उसे अपने ऊपर अत्याचार लगने लगा था. जब वह अंशुल से रजत के इस व्यवहार के बारे में बताती तो वह आग में घी डालने का काम करता.

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अब अक्सर ऐसा होने लगा कि जब भी रजत व निशा के बीच किसी बात को ले कर तकरार होती तो वह अकसर झगड़े में बदल जाती थी. धीरेधीरे रजत और निशा के बीच मनममुटाव झगड़े और मारपीट में बदलने लगे थे. जब भी ऐसा होता तो निशा अकसर मायके जाती और वहां अंशुल की बांहों का सहारा उसे दिलासा देता.

निशा के ऊपर अब अंशुल के प्यार की खुमारी इस कदर चढ़ चुकी थी कि वह रजत को छोड़ने का मन बना चुकी थी. अंशुल ने भी उसे अपनी बनाने को कह दिया था कि वह उसे भगा कर उस से शादी कर लेगा. ऐसा ही हुआ भी, निशा ने घर से भागने की पूरी तैयारी भी कर ली.

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