सुरेंद्र गुर्जर पूर्व में राजस्थान के केशव और हनुमंत गिरोह में काम कर चुका है. उस के साथ उग्रसैन और लाखन भी थे. यह मध्य प्रदेश और आगरा में अपहरण कर फिरौती वसूल चुके हैं. गिरोह ने पहले आगरा के सदर क्षेत्र में दंत चिकित्सक का अपहरण कर मोटी फिरौती वसूली थी.
अधिवक्ता अकरम अंसारी की सकुशल बरामदगी की जानकारी जैसे ही उन के परिजनों को मिली तो पूरे परिवार की आंखें खुशी से छलछला उठीं. उन के आवास पर लोगों ने खुशी में आतिशबाजी की. पुलिस अधिकारी पूरे दिन अकरम से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे. 25 फरवरी को अकरम के घर आते ही मां ने उन्हें गले से लगा लिया. बच्चे भी उन से लिपट गए. अकरम ने बताया कि वह मौत के मुंह से निकल कर आए हैं.
26 फरवरी, 2020 को पुलिस लाइन में एडीजी अजय आनंद ने प्रैसवार्ता आयोजित कर इस सनसनीखेज अपहरण कांड का परदाफाश किया. उन्होंने बताया कि एसएसपी बबलू कुमार के निर्देशन में फूलप्रूफ औपरेशन चला कर पुलिसकर्मियों की 10 टीमें बनाई गई थीं. जिस में सीओ (कोतवाली) चमन सिंह चावड़ा, सर्विलांस टीम प्रभारी नरेंद्र कुमार, इंसपेक्टर कमलेश सिंह, अरविंद कुमार, अनुज कुमार, अजय कौश्ड्डाल, राजकमल, बैजनाथ सिंह, उमेश त्रिपाठी, एसआई राजकुमार गिरि, कुलदीप दीक्षित अरुण कुमार बालियान, सुशील कुमार, हैड कांस्टेबल आदेश त्रिपाठी, कांस्टेबल अजीत, प्रशांत, करन, विवेक, राजकुमार, अरुण कुमार, आशुतोष त्रिपाठी, रविंद्र, प्रमेश आदि शामिल थे.
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पुलिस ने अधिवक्ता को सकुशल बरामद करने के साथ 5 अपहर्त्ताओं व एक महिला को गिरफ्तार कर फिरौती की रकम, जो 15 लाख बता कर केवल साढ़े 12 लाख बैग में रखी थी, भी बरामद कर ली. एडीजी ने बताया कि अपहृत को 2-3 दिन पहले बरामद कर सकते थे. लेकिन उन की सकुशल बरामदगी के लिए इंतजार करना पड़ा.