24 मई 2020 को दिन के कोई 4 बजे का समय रहा होगा. काशीपुर (उत्तराखंड) से तकरीबन 5 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित गांव फिरोजपुर गांव की कुछ औरतें हेमपुर डिपो के जंगल में घास काटने गई हुई थीं.
उन औरतों की नजर झाडि़यों में एक युवती की लाश पर पड़ी. लाश देख कर औरतों की हिम्मत जबाव दे गई. एक तो देश में महामारी कोरोना के चलते देश भर में लौकडाउन था. ऊपर से 10 तरह के डर. खुद तो एक पहर भूखे रह लें, लेकिन बेजुबान पशुओं को तो भूखा नहीं रखा जा सकता था.
दूरदूर तक इंसान नजर नहीं आ रहा था. औरतें घास काटना छोड़ कर गांव की ओर चली आईं. गांव आती उन औरतों ने जंगल में एक युवती की लाश पड़ी होने की बात ग्राम प्रधान मथुरी लाल गौतम को बता दी.
जंगल में युवती की लाश पड़ी होने की जानकारी मिलते ही ग्राम प्रधान मथुरी लाल गौतम ने फोन कर के यह बात काशीपुर कोतवाली को बता दी. फिर ग्राम प्रधान 10-12 लोगों को साथ ले कर उस जंगल की ओर चले गए.
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यह सूचना मिलते ही काशीपुर कोतवाली निरीक्षक चंद्रमोहन सिंह, सीओ मनोज ठाकुर, एसएसआई सतीश चंद्र कापड़ी, आईटीआई थानाप्रभारी कुलदीप सिंह अधिकारी, एसआई गणेश पांडे आदि घटनास्थल की तरफ रवाना हो गए. कुछ ही देर में पुलिस ग्राम प्रधान द्वारा बताई गई जगह पर पहुंच गई.
देश में कोरोना महामारी के चलते लोगों के मन में इस कदर डर बैठा था कि कोई भी उस युवती की लाश के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने सब से पहले उस लाश के आस पास वाले क्षेत्र को पूरी तरह सैनेटाइज कराया. फिर पुलिस ने महिला के शव का निरीक्षण किया.
निरीक्षण में युवती के गले और ठुडडी पर नील के निशान दिख रहे थे. जिस से लग रहा था कि युवती की गला दबा कर हत्या की गई थी. शक यह भी था कि कहीं किसी ने उस के साथ दुराचार करने के बाद तो हत्या नहीं कर दी.
युवती के शरीर पर काले रंग का कुरता और पीले रंग की सलवार थी. उस की उम्र भी 19-20 वर्ष के आसपास थी. युवती की लाश और घटनास्थल को देख अनुमान लगाया गया कि उस की हत्या कहीं और कर के लाश यहां ठिकाने लगाई गई है. चेहरे के मेकअप से मृतका शादीशुदा लग रही थी.
शाम ढल गई थी. चारों तरफ अंधेरा छाने लगा था. दूसरे लौकडाउन के चलते हर शख्स घर से बाहर निकलते डरता था. फलस्वरूप, उस समय युवती की शिनाख्त नहीं हो सकी. काशीपुर पुलिस ने उस की लाश मोर्चरी में रखवा दी. इस मामले में एसएसआई सतीश चंद्र कापड़ी ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करा दिया. साथ ही इस की सूचना पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई.
पुलिस ने मृतका के फोटो वाट्सऐप पर प्रसारित किए तो उस की शिनाख्त हो गई. मृतका की शिनाख्त अलीगंज रोड स्थित कुसुम वाटिका, निवासी सुनयना के रूप में हुई थी. काशीपुर के विजय नगर, नई बस्ती निवासी बबीता पत्नी शंभू गिरि ने उस की शिनाख्त अपनी छोटी बहन सुनयना के रूप में की. शिनाख्त हो जाने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. 27 मई को डा. कैलाश राणा ने सुनयना के शव का पोस्टमार्टम किया. रिपोर्ट में बताया गया कि उस की हत्या गला दबा कर की गई थी.
गले के साथसाथ उस के चेहरे पर भी नाखूनों के निशान थे. इस के साथ ही पुलिस की बलात्कार के बाद हत्या की शंका भी खत्म हो गई. लेकिन पुलिस को अभी भी शक था कि मृतका की हत्या घटना स्थल पर नहीं गई थी.
शिनाख्त हो जाने के बाद पुलिस ने सब से पहले उस की बहन बबीता से पूछताछ की. बबीता ने बताया कि लगभग 7 महीने पहले ही सुनयना की शादी अलीगंज रोड निवासी बंटी के साथ हुई थी. बबीता ने बताया कि बंटी उस का पूर्व परिचित था.
बबीता शहर में ही किसी के घर पर काम करती थी. बंटी के पिता भी उसी मालिक के यहां पर माली का काम करते थे. बंटी अपने पिता को खाना देने वहां अकसर जाता रहता था. उसी दौरान उस की बबीता से जानपहचान हुई थी.
बबीता को लगा कि बंटी सुनयना के लिए ठीक रहेगा, इसलिए उस ने बंटी के पिता से सुनयना और बंटी की शादी के बारे में बात की. पिता ने सुनयना का फोटो देखा तो वह राजी हो गया. फिर बंटी और सुनयना की शादी सामाजिक रीतिरिवाज से हो गई.
बबीता ने पुलिस को बताया कि 23 मई को वह सुनयना को अपने घर ले आई थी. अगले ही दिन बंटी उसे गड्ढा कालोनी में किराए का कमरा दिखाने की बात कह कर अपने साथ ले गया था. इस के बाद उसी शाम सुनयना की जंगल में लाश मिली.
सुनयना फिरोजपुर के जंगल में कैसे पहुंची यह बात उस की समझ से भी बाहर थी. बबीता का बयान लेने के बाद पुलिस ने मृतका के पति बंटी यादव को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया. पूछताछ में बंटी से भी सुनयना की हत्या के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी.
पुलिस पूछताछ में बंटी ने बताया कि वह उसे किराए का मकान दिखाने के बाद सीधा घर ले आया था. उस के बाद वह किसी काम से शहर चला गया. उसी दौरान सुनयना घर में किसी को बिना कुछ बताए ही घर से चली गई थी. उस की हत्या किस ने की, इस की उसे कोई जानकारी नहीं थी.
यह बात तो सुनयना की बहन बबीता भी पुलिस को बता चुकी थी कि उस का मानसिक संतुलन सही नहीं था. जिस की वजह से वह कभी भी चुपचाप घर से निकल जाती थी.
मृतका की बहन और उस की ससुराल वालों से पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिली तो पुलिस ने इस केस की तह तक जाने के लिए 4 टीमों का गठन किया.
काशीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक चंद्रमोहन सिंह के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने शहर में अलगअलग जगहों पर लगे लगभग 40 सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों की गहन पड़ताल की.
इस के अलावा घटनास्थल के आसपास, उस की ससुराल वालों के निवास, व मृतका की बहन बबीता के घर के पास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा. कई संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ की गई.
इसी दौरान 23 मई, 2020 को दढि़याल रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे से ली गई एक फुटेज में सुनयना एक संस्था द्वारा गरीबों को बांटा जा रहा खाना लेती हुई देखी गई. इस से साफ जाहिर हो गया कि 23 मई को सुनयना काशीपुर टांडा चौराहे के आसपास ही थी. पूछताछ में बबीता भी पुलिस को बता चुकी थी कि 23 मई को वह सुनयना को अपने घर ले गई थी.
पुलिस द्वारा ली गई अलगअलग सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों की गहन पड़ताल में पुलिस को बहुत बड़ी कामयाबी मिली. एक सीसीटीवी फुटेज में सुनयना के साथ उस का पति बंटी और बहन बबीता घटना वाले दिन 24 मई, 2020 को एक साथ रामनगर रोड की ओर जाते दिखाई पड़े.
यह जानकारी मिलते ही जांच में लगी पुलिस टीम ने उसी दिशा में बढ़ते हुए लोगों से जानकारी हासिल की. पता चला कि फिरोजपुर गांव से रामनगर जाने वाली ट्रेन की पटरी पर दोपहर के समय एक लड़की और एक लड़के को साथसाथ जाते देखा गया था.
इस से यह साफ हो गया कि सुनयना की हत्या उस के पति बंटी ने ही की है. इस के बावजूद पुलिस इस केस के पुख्ता सबूत जुटाने में लगी रही थी.
पुलिस ने फिर से बंटी और बबीता को पूछताछ के लिए थाने बुलाया. दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई. दोनों पुलिस के सामने ज्यादा समय तक टिकने की हिम्मत नहीं कर पाए. बंटी और बबीता ने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार करते हुए हत्या का खुलासा कर दिया. उन्होंने बताया कि प्रेमप्रसंग के चलते दोनों ने सुनयना को योजनानुसार गला दबा कर मार डाला था.
उन से पूछताछ के बाद पुलिस ने बंटी की निशानदेही पर सुनयना का थैला, उस की चप्पलें और मास्क रामनगर रोड स्थित ट्रांसफार्मर के पास से बरामद कर लें. बंटी ने पुलिस को बताया कि उस ने बबीता के कहने पर ही सुनयना की हत्या की थी.
बंटी और बबीता की उम्र में लगभग 20 वर्ष का अंतर था. बंटी 20 वर्ष और बबीता लगभग 40 साल की थी. इस समय बबीता का बड़ा लड़का भी बंटी से लगभग 4 साल बड़ा था. आखिर बबीता ने बंटी से कैसे दोस्ती गांठी और दोस्ती की आड़ में अपनी बहन की शादी उस के साथ करा दी.
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पुलिस तहकीकात में इस केस की जो सच्चाई सामने आई वह रोचक कहानी थी—
थाना मलाई टोला, जिला गोपालगंज बिहार निवासी शंभू गिरि की शादी सालों पहले तमकनी रोड ठकाना बाजार, सुनाभवानी निवासी हीरामन गिरि की बबीता के साथ हुई थी. शादी के कुछ ही दिनों बाद शंभू गिरि रोजगार की तलाश में काशीपुर आ गया था. काशीपुर में शंभू गिरि को एक फैक्ट्री में काम मिल गया. वह उसी फैक्ट्री में काम करते हुए वहीं पर बने कमरे में रहने लगा था.