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सौजन्य- सत्यकथा 

16दिसंबर, 2020 की सुबह करीब 9 बजे का वक्त था. यमुना एक्सप्रेसवे से मथुरा के राया कस्बे में उतरने वाले रास्ते के किनारे लोगों ने झाडि़यों में खून से लथपथ एक युवक का शव पड़ा देखा.

कुछ ही देर में वहां राहगीर जुटने लगे. उसी दौरान किसी ने इस की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी. चूंकि यह क्षेत्र थाना राया क्षेत्र में आता था, इसलिए पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा वायरलैस मैसेज दे कर घटना से अवगत करा दिया गया.

राया थाने के प्रभारी निरीक्षक सूरज प्रकाश शर्मा को उन के मुंशी ने हत्या के बारे में बताया तो थानाप्रभारी एस.पी. शर्मा तत्काल तैयार हो गए. एसआई मोहनलाल यादव, राजकुमार, कांस्टेबल यशपाल, आशुतोष कुमार व प्रदीप कुमार को साथ ले कर वह उस स्थान पर पहुंच गए, जहां खून से लथपथ शव पड़े होने की सूचना मिली थी.

लाश को देखते ही इंसपेक्टर शर्मा समझ गए कि मामला दुर्घटना का नहीं बल्कि हत्या का है. क्योंकि पास में ही एक बड़ा सा पत्थर पड़ा था, जिस पर लगा खून इस बात की गवाही दे रहा था कि उसी पत्थर से मृतक के सिर पर प्रहार किया गया था. इसी से मृतक का सिर व चेहरा खून से सराबोर थे. उस के चेहरे पर ताजा खून बह रहा था. मतलब हत्या हुए ज्यादा वक्त नहीं बीता था. मृतक के चेहरे पर घनी दाढ़ी थी जो खून से लथपथ थी.

थानाप्रभारी ने एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर तथा सीओ आरती सिंह को राया मोड़ पर मिले शव के बारे में सूचना दे दी. एसएसपी व सीओ सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर पहुंच गए. फोरैंसिक टीम का दस्ता भी मौके पर आ गया.

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