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सौजन्य- मनोहर कहानियां

रिंकू फोटोग्राफी का काम करता था, इसलिए उसे अकसर बाहर रहना पड़ता था. अब से करीब 8 साल पहले रिंकू दिल्ली में किसी शादी में फोटोशूट के लिए गया हुआ था. उसी दौरान उस की मुलाकात निशा से हुई. निशा देखनेभालने में ठीकठाक थी.

शादी में फोटोशूट के दौरान वह रिंकू से इंप्रैस हुई तो उस ने रिंकू का फोन नंबर ले लिया. उस शादी के बाद रिंकू अपने घर आ गया. रिंकू के घर आने के एकदो दिन बाद ही रिंकू के पास  निशा के फोन आने लगे.

फोन पर बात होने के दौरान ही निशा ने बताया कि हल्द्वानी और रुद्रपुर में उस की बहनें रहती हैं. वह उन के घर भी आतीजाती है. समय गुजरते निशा और रिंकू के बीच प्रेम अंकुरित हुआ और दोनों ही एकदूसरे के साथ जिंदगी बिताने के सपने देखने लगे.

उस दौरान निशा कई बार अपनी बहन के घर आई तो उस ने रिंकू को मिलने के लिए अपनी बहन के घर बुलाया. उसी दौरान रिंकू के परिवार वालों को भी पता चल गया था कि वह निशा नाम की किसी लड़की से प्यार करता है.

उस के परिवार वालों ने उसे समझाने की कोशिश की कि शादी के मामले इतने आसान नहीं होते. ऐसे मौके इंसान की जिंदगी में बारबार नहीं आते. किसी की लड़की घर में लाने से पहले उस के परिवार के बारे में जानकारी जुटाना बहुत जरूरी होता है.

लेकिन रिंकू अपने परिवार वालों की एक भी बात मानने को तैयार न था. वह निशा के प्यार में इस कदर पागल हो चुका था कि किसी भी कीमत पर उसे छोड़ने को तैयार न था. परिवार के इसी विरोध के चलते रिंकू ने परिवार वालों को बिना बताए निशा से कोर्टमैरिज कर ली.

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