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सौजन्य- मनोहर कहानियां

आगरा के ट्रांसयमुना कालोनी के रहने वाले सीनियर डाक्टर उमाकांत गुप्ता अपने रोजाना की रुटीन के मुताबिक 13 जुलाई, 2021 की शाम साढ़े 7 बजे अपने विद्या नर्सिंग होम जाने के लिए घर से अपनी नीले रंग की बलेनो कार से निकले थे. उन का नर्सिंग होम घर से महज 700 मीटर की दूरी पर रौयल कट चौराहे के पास है और रामबाग क्षेत्र में उन का दूसरा बांकेबिहारी हौस्पिटल भी है.

वह हौस्पिटल और नर्सिंग होम में विजिट कर हमेशा रात 10 बजे तक वापस घर लौट आते थे. लेकिन उस दिन वे रात 11 बजे तक घर नहीं लौटे थे. इस कारण घर वालों को  चिंता हुई. उन की पत्नी डा. विद्या गुप्ता ने उन्हें कई बार फोन मिलाया. हर बार फोन स्विच्ड औफ मिला.

डा. विद्या ने नर्सिंग होम फोन कर स्टाफ से डाक्टर साहब के बारे में पूछा. वहां से पता चला कि आज तो डाक्टर साहब विजिट करने नर्सिंग होम आए ही नहीं. यह सुन कर डा. विद्या गुप्ता का माथा ठनका, वह सोच में पड़ गईं, ‘‘आए नहीं तब कहां गए?’’

उन्होंने तुरंत बांकेबिहारी हौस्पिटल में फोन मिलाया. वहां से भी वही सुनने को मिला कि डाक्टर साहब आज आए ही नहीं. डा. विद्या की अपने पति के सकुशल होने की चिंता अनहोनी की आशंका में बदलती जा रही थी. देरी किए बगैर उन्होंने इस की सूचना पुलिस को दे दी.

सूचना पर थाना एत्माद्दौला के थानाप्रभारी देवेंद्र शंकर पांडेय पुलिस टीम के साथ  डाक्टर के आवास पर पहुंच गए. पूरे घटनाक्रम की जानकारी ले कर परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगा दिया. इसी के साथ डा. गुप्ता के मोबाइल की अंतिम लोकेशन का पता लगाया, जो सैयां के गांव रोहता की मिली.

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