शादीविवाह सचमुच गुड्डेगुडि़यों का खेल नहीं है. इस अवसर पर बड़ों की भूमिका बहुत जरूरी हो जाती है. जवान होते जो बच्चे शादी को खेल समझ कर अपनी राहें एक कर लेते हैं, उन की जिंदगी में कई तरह के व्यवधान आते हैं. कभीकभी तो अर्पिता और तुषार की तरह...