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सौजन्य- मनोहर कहानियां

भारती ने अपनी मां को फोन मिलाया. 20 सेकेंड तक रिंग बजती रही. उस की मां ने फोन रिसीव नहीं किया. ऐसा पहली बार हुआ, जब उस की मां ममता कास्ते ने फोन नहीं उठाया हो. वह चिंतित हो गई. ममता अपनी 2 बेटियों रूपाली (20 साल) और दिव्या (16 साल) के साथ मध्य प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में अकेली रहती थी.

ममता के पति अपने बेटे संतोष और बड़ी बेटी भारती के साथ पीथमपुर में रहते थे. यह सब काम की तलाश में नेमावर से यहां आए थे. तीनों ही अलगअलग जगहों पर काम कर रहे थे. भारती वहीं एक फैक्ट्री में काम करती थी. अपनी मां और 2 बहनों के अलग रहने के कारण भारती दिन में एकदो बार उन का हालचाल पूछ लिया करती थी. हालांकि भारती की मौसी की एक 16 वर्षीय बेटी पूजा और 14 वर्षीय बेटा पवन भी ममता के साथ नेमावर में रहते थे.

उस रोज 13 मई, 2021 को भी भारती ने हमेशा की तरह मां से हालचाल जानने के लिए फोन किया था. लेकिन मां के फोन नहीं उठाए जाने पर भारती ने परिवार के दूसरे लोगों को भी फोन किया, उन के फोन बंद मिलने पर भारती और भी परेशान हो गई.

कारण, न तो मां उस का फोन उठा रही थी और न ही परिवार के दूसरे लोगों से बात हो पा रही थी. भारती के सामने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई थी. घबराहट में उस का मन विचलित होने लगा था. मन में कई तरह के विचार उठने लगे थे. अनहोनी की आशंकाओं से उस का दिमाग झनझना उठा था.

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