अमन को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत थी. नैना का प्लान था कि शनिवार सुबह वह अमन के लंच में उस की बीपी की दवाइयां जरूरत से ज्यादा डाल देगी जिस से लंच के बाद उस की तबीयत बिगड़ेगी और शाम तक तो उस का खेल खत्म हो जाएगा. उस की औटोप्सी रिपोर्ट में जब आएगा कि उस की मौत हाइ डोज से हुई है तो सब को लगेगा कि उस ने जान कर दवाई इतनी मात्रा में ली. इस तथ्य की पुष्टी के लिए वह सब को कहेगी कि अमन डिप्रेस्सड रहने लगा था क्योंकि वे दोनों कब से बच्चा चाहते थे पर वह कंसीव नहीं कर पा रही थी और अमन की नौकरी से भी वह खासा टेंशन में था और इन्हीं सब चीजों की वजह से परेशान था. नैना को पूरा यकीन था कि वह बच निकलेगी.
शनिवार की सुबह प्लान के मुताबिक नैना ने अमन के टिफिन में दवाई मिला दी. अमन औफिस के लिए निकल गया. आज भी नैना ने कामवाली को छुट्टी दे रखी थी. विकास 12 बजे नैना के घर आ गया. नैना उसे देखते ही उस के गले से लिपट गई. उस के चेहरे को चूमने लगी. दोनों एकदूसरे की आगोश में खोने लगे. उन्हें बेडरूम में जाने की भी सुध नहीं रही. वे वहीं सोफे पर गिर गए. तभी दरवाजे की घंटी बजी. नैना और विकास एकदूसरे को देखने लगे. आखिर, इस वक्त कौन हो सकता है.
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नैना ने अपनी टीशर्ट और लोअर पहना और दरवाजे की तरफ बड़ गई. नैना ने अंदर वाला दरवाजा खोला ताकि वह जाली वाले दरवाजे से देख सके कि बाहर कौन है और वह उसे वहीं से लौटा दे. नैना ने दरवाजा खोला तो बाहर अमन को देख कर सन्न रह गई. वह अमन को तो लौटा नहीं सकती थी. उस की कनपट्टी से पसीने की लंबीलंबी धारें बहने लगीं. उस ने दरवाजा खोला और अमन का बैग हाथ में ले लिया.