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थाने में जब धीरज से पूछताछ की गई तो धीरज ने बताया कि विजेत ने दोस्ती में विश्वासघात कर के मेरी बहन को बहलाफुसला कर शादी की थी. इस अपमान का बदला लेने के लिए मैं ने उस की हत्या कर दी. मैं ठान चुका था कि या तो वो जीवित रहेगा या मैं.

तिलवारा पुलिस ने आरोपी धीरज की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल हंसिया और खून से सने उस के कपड़े आदि जब्त कर लिए. आरोपी की सूचना पर पुलिस जब रामनगर इलाके के एक खेत में पहुंची तो वहां विजेत का धड़ पड़ा हुआ था.

वहां पर विजेत के घर वाले और रिश्तेदारों की भीड़ लगी थी. तिलवारा पुलिस ने लाश का पंचनामा तैयार कर उसे पोस्टमार्टम के लिए मैडिकल कालेज भिजवा दिया.

इधर धीरज के घर से जाने के बाद उस की बहन पूजा को जैसे ही होश आया, वह दौड़ कर खेत की तरफ गई. वहां विजेत के बिना सिर के धड़ को देख कर उस के सब्र का बांध टूट गया. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि शादी के 3 महीने के भीतर ही उस के सारे ख्वाब रेत के महल की तरह ढह गए हैं. शोक से व्याकुल वह अपने घर आई और एक कमरे में जा कर जोरजोर से रोने लगी.

चीखपुकार सुन कर आसपास की महिलाएं घर आ गईं तो पूजा की मां रोरो कर सब को घटना की जानकारी देने लगी.

घंटे दो घंटे के बाद जब पूजा के रोने की आवाज कमरे से आनी बंद हुई तो उस की मां ने कमरे के अंदर जा कर देखा तो उस की चीख निकल गई.

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