नौसेना दिवस: दुश्मन के हर हमले का करारा जवाब देता है- भारतीय नौ सेना

विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना ( भारतीय नौ सेना) के सम्मान में हर साल 04 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है. 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय 04 दिसंबर के दिन ही ऑपरेशन ट्राइडेंट नाम अभियान शुरू करके पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भारी बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था . तब से हर वर्ष उस कामयाबी कों याद करते हुए हर साल 04 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है.

हमारी नौ सेना ने जंग-ए-आजादी से आज तक कई बहादुरी के कारनामों कों अंजाम दिया है.

1965 की लड़ाई में नौसेना ने बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के सारे तटीय कुटनीतिक कों तोड़ने में कामयाबी हासिल किया.  इसके साथ ही 1971 की लड़ाई में नौसेना ने अपने समुद्री क्षेत्र में काफी आगे बढ़ते हुए दुश्मन कों मुह तोड़ जवाब दिया, पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को तबाह करने के साथ पाकिस्तानी पनडुब्बी  गाजी कों जलमग्न कर दिया.

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भारतीय नौ सेना का इतिहास काफी पुराना है, मुस्लिम शासको के समय में कई महान शासको  ने अपने तटीय इलाकों के रक्षा एवं समुद्री व्यापार की रक्षा के लिए समुद्री सेना की स्थापना किया था. फिर  ब्रिटिश उपनिवेश के दौरान इस समुद्री सेना के स्वरूप में आधुनिकता का समावेश हुआ और धीरे-धीरे रायल इंडियन नेवी के  नाम से पुरे विश्व में प्रसिद्ध हुआ. आजादी के बाद  रायल इंडियन नेवी का नाम बदलकर भारतीय नौसेना कर दिया गया. तब से आज तक भारतीय नौसेना पूरी लगन से दुश्मन कों करार जवाब देने के लिए हर पल तैयार रहता है.

जानकारों एवं इतिहासकारो का कहना है कि आजादी प्राप्ति के बाद भारत की नौसेना में तेजी से शक्ति भरा गया, क्यों कि विभाजन के समय बाद लगभग एक तिहाई सेना के साथ कई महत्वपूर्ण  नौ सैनिक संस्थान पाकिस्तान को चली गई थी .

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आजादी प्राप्ति के बाद  भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई और एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन कई टन क्रूजर कों खरीदा .

आजादी के 17 साल बाद  1964 ई. तक भारतीय नौ सेना में कई भारी बेड़े शामिल कर लिए गये थे, जिनमे  वायुयान वाहक विक्रांत, क्रूजर दिल्ली एवं मैसूर के साथ  अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन शामिल था .

1965  और 1971  के युद्ध के बाद इसके शक्ति में और बढ़ोतरी की गई. आज के समय में भारतीय नौ सेना अति आधुनिक तकनीको से लैस है, आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट के साथ कई  नए फ्रिगेट हैं . इसके साथ ही आई एन एस अरिहन्त जैसे आधुनिक पनडुब्बी भारतीय नौ सेना की शक्ति में चार चाँद लगा रहा  है . छोटे नौसैनिक जहाजों के नवनिर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है, जबकि  तीन सागरमुख प्रतिरक्षा नौकाएँ अजय,अक्षय तथा अभय हर पल समुद्री हमलावरों कों मुह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहता है .

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