दिनभर के काम के बाद सबसे आरामदेह होता है मैड मेन के क्रेडिट्स पर आंखे गड़ाना और फिर अपने बिस्तर के आगोश में समा जाना. यदि आप अकेली हैं तो ऐसा करना बिल्कुल सही है, लेकिन यदि आप अपने पार्टनर के साथ हैं और फिर भी उनसे बात करने के बजाय डेरेक ऐंड मेरेडिथ देखना पसंद करती हैं तो ये चिंता की बात है.
केवल एक आप ही नहीं हैं, जिसके अच्छे-भले सेक्शुअल जीवन में, दोस्त समझे जानेवाले बुद्धू बक्से ने सेंध लगा दी है. इटली में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, ऐसे जोड़े जिनके बेडरूम में टीवी है, उनके बीच सेक्शुअल संबंधों की संख्या, ऐसे जोड़े की तुलना में जिनके बेडरूम में टीवी नहीं है, आधी होती है.
मुंबई के सेक्शुअल मेडिसिन कंसल्टेंट राज ब्रह्मभट्ट इस अध्ययन का समर्थन करते हैं. ‘‘बेडरूम में टीवी आपके सेक्शुअल जीवन को बर्बाद कर देता है,’’ वे आगे बताते हैं,‘‘इन दिनों घर के हर कमरे में टीवी होना फैशन बन गया है. लेकिन इसका विपरीत परिणाम ये है कि कई कपल्स सेक्स के लिए समय निकालने के बजाय सीरियल देखना पसंद करते हैं.’’
सेक्स विनाशक
‘‘मैं अपना पसंदीदा टीवी सीरियल, लिविंग रूम के बजाय आराम से अपने बेडरूम में देखना पसंद करूंगी,’’ कहना है पीआर एग्जेक्यूटिव रितिका साहनी, का. ‘‘पर समस्या ये है कि मेरे और मेरे पति के पसंदीदा प्रोग्राम अलग-अलग हैं. जब तक मैं अपना सीरियल देखकर सोने के लिए तैयार होती हूं, वे अपने प्रोग्राम्स, खबरें या ऐक्शन मूवीज देखना शुरू कर देते हैं. सेक्स का तो नंबर ही नहीं आ पाता.’’
एक तर्क ये हो सकता है कि रिमोट उठाकर टीवी को बंद करने की ही देर है कि अंतरंग पल जिए जा सकते हैं, लेकिन ये इतना आसान नहीं है. ‘‘कई बार कोई सेक्सी फिल्म देखने के बाद हम निजी पल जीने के मूड में आ जाते हैं,’’ ये बताते हुए मीडिया प्रोफेशनल तनिका बसक कहती हैं, ‘‘पर अधिकतर समय हम न्यूज देखते हैं और इसे देखकर निजता की कोई भावना नहीं उभरती.’’
रचनात्मक तरीके
राज बताते हैं, ‘‘मेरे बहुत-से पेशेंट्स बेडरूम से टीवी हटाने के मेरे सुझाव का विरोध करते हैं. पर ये महसूस करना ज़रूरी है कि एल्कोहल की ही तरह टीवी देखने से इच्छाएं तो बढ़ती हैं, लेकिन सक्रियता कम हो जाती है. अत: इसे लिविंग रूम में रखें, ताकि आप इसे अन्य परिजनों के साथ ही देखें. आप इसे देखने के समय में कटौती करने से भी शुरू कर सकते हैं. यदि आप रोज छह घंटे टीवी देखती हैं तो इसे तीन घंटों तक सीमित कर दें. और ये समय ऐसा रखें कि आप दोनों को दाम्पत्य जीवन के सहज पलों को साथ बिताने का पूरा समय मिले.’’
ये कठिन ज़रूर है, पर पूरी तरह संभव है. अपने सेक्शुअल संबंधों की गर्माहट को पुनर्जीवित करें. फिर आपको ख़ुद ही महसूस होने लगेगा कि वास्तविक जीवन का यह एपिसोड टीवी सीरियल्स के एपिसोड से कहीं ज्यादा अच्छा अनुभव है.