बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. एक तरफ राजग गठबंधन है, तो दूसरी तरफ महागठबंधन. महागठबंधन की अगुआई नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव के हाथ में है. एक तरफ राजग गठबंधन में मंजे हुए राजनीतिबाज हैं तो दूसरी तरफ 30 साल का नौजवान नेता तेजस्वी यादव उन्हें चुनौती देने के लिए मुस्तैदी के साथ खड़ा है.
तेजस्वी यादव वर्तमान में बिहार विधायक दल के नेता प्रतिपक्ष हैं. वे बिहार विधानसभा में राघोपुर से विधायक हैं. वे खासकर नौजवानों के चहेते नेता के रूप में उभरे हैं. उन के ट्विटर हैंडल पर 20 लाख से भी जायद फालोअर हैं. तेजस्वी यादव जैसे नौजवान चेहरे से बिहार के लोगों में एक नई उम्मीद जगी है.
तेजस्वी यादव वर्तमान सरकार के मुखिया नीतीश कुमार और उन के सहयोगी दल भाजपा को हर मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं. इस कोरोना काल में हो रहे चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर वे काफी ऐक्टिव हैं. लोगों को अपनी बात सोशल मीडिया और अपने कार्यकर्ताओं के जरीए जनजन तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.
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कृषि सुधार बिल और बेरोजगारी जैसे मुद्दे को तेजस्वी यादव चुनावी मुद्दा बनाने जा रहे हैं. तेजस्वी यादव का कहना है कि किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई थी, लेकिन अब उन के पेट पर ही प्रहार होने लगा है. शिक्षा, स्वास्थ्य के बाद कृषि को भी पूंजीपतियों के हाथों बेचा जा रहा है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बाध्यता खत्म की जा रही है. किसान पूंजीपतियों के खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते. राज्य सरकार ने इस बिल का समर्थन कर के यह साबित कर दिया है कि वह राज्य के 70 फीसदी किसानों का भला नहीं चाहती है. इस सरकार को किसान तबके की जान की रत्तीभर भी परवाह नहीं है.
तेजस्वी यादव ने यह ऐलान कर दिया है कि किसानों के हकों की हिफाजत के लिए राजद का कृषि बिल के खिलाफ संसद से सड़क तक विरोध जारी रहेगा. नए कृषि बिल के जरीए सरकार किसानों को बरबाद करना चाहती है. उन की पार्टी इसे बरदाश्त नहीं करेगी. किसान विरोधी बिल का विरोध करते हुए उन्होंने ट्रैक्टर का स्टेयरिंग थामे हुए विरोध प्रदर्शन किया.
बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार में हर जातिधर्म के नौजवान बेरोजगारी से बेहाल हैं. राजग के लोग नौजवानों और बेरोजगारों को जातिधर्म के जाल में उलझाए रखना चाहते हैं, ताकि उन का सत्ता रूपी रोजगार चलता रहे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थक चुके हैं. उन पर उम्र का असर साफ दिखाई पड़ रहा है. वे रूढ़िवादी और अहंकारी सोच के चलते बिहार के करोड़ों नौजवानों के सपनों को साकार करने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने एक मंजे हुए नेता की तरह लोगों से अपील की थी कि अगर 15 साल के लालूराबड़ी शासनकाल में गलतियां हुईं तो वे उस के लिए माफी चाहते हैं. एक बार उन्हें मौका दे कर देखें. अगर मौका मिला तो वे किसी को निराश नहीं होने देंगे.
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बिहार के अवाम से उन्होंने अपील की कि अगर वह एक कदम आगे बढ़ेंगी तो वे चार कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. उन्हें एक मौका दे कर देखें.
युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव ऋषि कुमार ने दिल्ली प्रैस को बताया कि वर्तमान सरकार से इस प्रदेश की जनता तंग आ चुकी है. वह इसे हर हाल में बदलेगी. तेजस्वी यादव की अगुआई में बिहार का कायाकल्प होगा. तेजस्वी यादव उत्साही, लगनशील और कर्मठ नौजवान हैं. बिहार को आगे बढ़ाने के लिए उन का एक अलग विजन है. बिहार को आगे बढ़ाने में वे हर हाल में खरा उतरेंगे.