अगर हवा न चल रही हो और काम करतेकरते माथे से टपटप पसीना बहता जा रहा हो, तो झुंझलाहट पैदा होना एक आम सी बात है. इन दिनों की उमस, बेचैनी और चिलचिलाती गरमी वाले मौसम में सब से ज्यादा चिड़चिड़ापन और गुस्सा पसीने के चलते भी आता है. लू के गरम थपेडे़ हों या 40 डिगरी से ऊपर तापमान, ये सब पसीना आने की वजहें ही तो हैं.
दिक्कत तब होती है जब पसीना भी टपक रहा है और शरीर से बदबू भी आने लगती है. दरअसल, होता यह है कि शरीर में मौजूद बैक्टीरिया हाइड्रोजन सल्फाइड बनाने लगते हैं, जिस से बदबू पैदा होती है. कई बार जब कोई मरीज अपने इलाज के दौरान कुछ खास तरह की तेज दवा लेते हैं, तो भी उन्हें पसीना और उस से बहुत तेज बदबू आने लगती है.
कुछ लोग हर समय तनाव में रहते हैं. ऐसे लोगों के माथे पर हमेशा ही पसीना रहता है. यह पसीना चेहरे पर चिपक जाता है, दाग बना देता है और कई बार तो पसीना सूखने पर कपड़ों पर सफेद और पीले दाग दिखने लगते हैं. ऐसा पसीने के रंग से नहीं, बल्कि उस में मौजूद नमक के चलते होता है.
ज्यादा और बारबार पसीना आने की वजह से लोग संकोच से भी बेहाल हो जाते हैं. इस की वजह यह है कि कुछ लोगों के पसीने में ज्यादा बदबू होती है, जिस की वजह से कहीं समूह में या परिचित और दोस्तों के बीच उन्हें मन ही मन शर्मिंदा होना पड़ता है.
कुछ लोग तो इस पसीने की वजह से सफेद, हलका गुलाबी या आसमानी रंग का कपड़ा पहनने को तरस जाते हैं. वजह यही है कि उन की त्वचा से जो पसीना बहता है, वह भद्दे दाग छोड़ देता है. पसीना तो तेज गरमी या मेहनत के बाद आता ही है, पर किसी हवादार या ठंडी जगह पर बदबूदार पसीना आ रहा है, तो तुरंत सावधान हो जाना चाहिए.
अगर किसी के आहार में तीखे मसाले इस्तेमाल हो रहे हैं और उन को अलकोहल लेने की आदत भी है, तो पसीना आता है. साथ ही, सिगरेटबीड़ी आदि की लत, नाश्तालंच वगैरह में कोलैस्ट्रॉल और नमक की मात्रा ज्यादा लेते हैं, तो पसीना आना स्वाभाविक है. मेनोपौज या किसी कैमिकल के इस्तेमाल से शरीर में हार्मोनल बदलाव होना भी पसीना पैदा करने वाली वजह है. जरूरत से ज्यादा चौकलेट, चायकौफी का सेवन करना भी पसीना पैदा करता है. पेट से होने की वजह से भी बारबार पसीना आता है.
ये हैं उपाय
ज्यादा पसीना आने पर दिन में 2 बार नहाने की आदत डालें. अगर पानी की समस्या है, तो टैलकम या एंटीफंगल पाउडर इस्तेमाल करें या कैलामाइन लोशन लगाएं. ये अपना तुरंत असर दिखाते हैं. आजकल तो पुदीने और नीम का इत्र भी बहुत आसानी से मिल जाते हैं, जो पसीने की इस समस्या को दूर कर सकते हैं.
फिटकरी तो हर घर में मिल जाती है और यह भी बहुत फायदा देती है. दिन में 2 बार फिटकरी को हलका गीला कर शरीर के पसीने वाली जगह पर लगा लें. इस से पसीना आना कम हो जाता है. फिटकरी से एक और फायदा यह भी है कि इस के इस्तेमाल से बैक्टीरिया भी कम पनपेंगे.
जरूरी मात्रा में पानी पिएं. कम पानी पीने से भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है और यह कमी भी पसीना पैदा करती है. अगर पैरों में बारबार चिपचिपा पसीना आता है, तो यह आगे जा कर खुजली की समस्या पैदा कर सकता है. जुराब और जूते सही और आरामदायक हों. इस के लिए त्वचा विशेषज्ञ की सलाह से ही चप्पल, जूते, जुराब वगैरह पहनें.
जहां तक हो सके नमक के पानी से पैर धोएं. यह बहुत आसान है. एक टब में कुनकुना पानी डालें और उस में 5 से 7 चम्मच नमक डाल कर पैरों को उस में आधा घंटे तक डुबो कर रखें. पानी से पैर निकालने के बाद उन्हें पोंछें नहीं, बल्कि अपनेआप सूखने दें, फिर जुराब पहनें.
दरअसल, नमक का पानी त्वचा को सूखा बनाता है, साथ ही पसीना आने से भी रोकता है. गरमी में बाहर जाने से पहले पसीना आने वाली जगहों पर बर्फ रगड़ने से भी पसीना कम आता है.
शरीर के जिस हिस्से पर ज्यादा पसीना आता है, उस पर आलू के टुकड़े काट कर मलने से पसीना आना कम हो जाता है.
चेहरे पर अगर ज्यादा पसीना आता है तो टमाटर या खीरे के रस को चेहरे पर लगाने से पसीने से राहत मिलती है. कुछ लोग ज्यादा पसीना आने के डर से चाय ज्यादा पीते हैं, जिस की वजह से पसीने में ज्यादा बदबू आती है. पसीने की बदबू से नजात पाने के लिए ज्यादा चाय नहीं पीना चाहिए.
पसीने वाली जगहों के लगातार गीला रहने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिस की वजह से बदबू आने लगती है, इसलिए वहां सूखा और साफसफाई का खास ध्यान रखना चाहिए.
नीबू एक लाभदायक उपाय है और नीबू भी हमारे शरीर से पसीने की समस्या और बदबू दोनों को दूर करने में काफी असरदार होता है. नीबू हमारी त्वचा के पीएच मान को कंट्रोल करता है. शरीर के जिन हिस्सों में हम नीबू के रस का इस्तेमाल करते हैं, वहां पर जीवाणु जल्दी पनप नहीं पाते हैं.
नीबू को रुई के सहारे अपने शरीर खासकर अंडरआर्म में लगाएं या उस जगह में नीबू के एक टुकड़े हलके हलके रगड़ें. इस से पसीने की बदबू आप से कोसों दूर रहेगी.
अगर आप को जरूरत से ज्यादा पसीना आता है, तो अपने आहार में चटपटा और तेल और मसालेदार चीजों का सेवन कम कर दें. हार्मोनल बदलाव और पेट से होने के दौरान भी ज्यादा पसीना आता है तो तुरंत डाक्टर से मिलें. टमाटर का जूस, ग्रीन टी व गेहूं के ज्वार का सेवन करें. ये चीजें ज्यादा पसीना आने में राहत देती हैं.
गरमी में खूब पानी पिएं. इस से पसीने में बदबू आने की समस्या नहीं होगी. फास्ट फूड और डब्बाबंद चीजों को अपनी आहार सूची से निकाल दें. गरमी में सूती वगैरह कपड़े ही पहनें, ताकि वह कपड़ा पसीने को आसानी से सोख सके.
बनावटी और ब्रांड वाले कोल्ड ड्रिंक की जगह दही, छाछ, लस्सी, शिकंजी, कैरी पना, खीरे का रस, लौकी का रस पीने की आदत डालना बहुत ही अच्छा है. ये आप का लिवर और किडनी भी साफ रहेंगे. ऐसी चीजों का सेवन ज्यादा करें, जिन में रेशा ज्यादा मात्रा में हो.