शादी के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों से बचकर रहे

13 नवंबर 2019 को मध्यप्रदेश की जबलपुर पुलिस ने एक यैसे मामले का खुलासा किया था , जिसमें कुंवारे लड़को की दूसरे राज्यों की खूबसूरत लड़कियों से शादी कराकर धोखाधड़ी की जाती थी. जबलपुर निवासी संजय सिंह नाम के युवक ने पुलिस को शिकायत में बताया  कि एक बेवसाइट के माध्यम से शादी के लिए रिश्ते की बात आगे बढ़ी तो लड़की ने अपने परिवार की तंगी का रोना रोया. चूंकि लड़की खूबसूरत थी और फोन पर प्यार भरी बातें करती थी, तो संजय ने लड़की के झांसे में आकर शादी का खर्च उठाने के लिए उसके खाते में पांच लाख रुपए डाल दिए.कुछ दिनों बाद जब लड़की का मोबाइल बंद आने लगा तो संजय ने अपने आपको ठगा हुआ महसूस किया. बाद में पुलिस ने मामले की पड़ताल करते हुए बिहार निवासी मनोहरलाल और लड़कियों के बड़े गिरोह को पकड़ा था.

आजकल अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी और ठगी के नये नये तरीके ईजाद किए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से भोले भाले गांव कस्बों के लोगों के साथ पढे लिखे शहरी युवकों को भी लूटा जा रहा है. शादी विवाह तय कराने, शादी होने के बाद कुछ दिन ससुराल में रहकर सोने चांदी के गहने हड़पकर दुल्हन के गायब होने की घटनाएं आम हो गई हैं.

कहा जाता है कि शादी कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है.अपने लड़के लड़कियों की‌ शादी तय करने के पहले बिचोलियों की बातों पर भरोसा न कर दोनों पक्षों को एक दूसरे के साथ बैठकर आर्थिक स्थिति के साथ वर बधु की शिक्षा और काम धंधे के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लेना चाहिए. क‌ई वार लोग बढ़ा चढ़ा कर अपनी हैसियत बताते हैं, इसलिए इसकी जानकारी तीसरे पक्ष से जुटाने में भी कोई परहेज़ नहीं करना चाहिए.अपनी लड़की की शादी तय कर लड़के वालों से नगदी रकम और स्वर्ण आभूषण लूटने वालों से सावधान रहने की जरूरत है.

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के पश्चिम में आखिरी छोर पर बसा एक गांव है सिरसिरी . यह गांव दो जिलों रायसेन और होशंगाबाद की सीमाओं से लगा हुआ है . कल कल बहती नर्मदा नदी और दुधी नदी के संगम पर बसे सिरसिरी गांव की आबादी मुश्किल से दो हजार होगी . आज भी इस गांव में स्वास्थ्य और शिक्षा की अच्छी सुविधायें गांव वालों को नसीब नहीं है .यही कारण है कि इस गांव के लड़कों की शादी मुश्किल से हो पाती है .

पहुंच बिहीन और बुनियादी सुख सुविधाओं से कोसो दूर  खेती किसानी वाली पृष्ठभूमि के इस गांव में शिवनारायण शर्मा का परिवार रहता है . नर्मदा नदी के तटो की उर्वर भूमि में कृषि कार्य करने वाले शिवनारायण के परिवार में एक अविवाहित वेटा रूपेश है ,जिसकी उम्र लगभग 25-26 वर्ष होगी.  रूपेश को गांव वाले प्यार से रूपा के नाम से भी बुलाते हैं, . गांव में कक्षा दसवी तक पढ़ने के लिये एक सरकारी हाई स्कूल है जिसमें केवल एक शिक्षक ही है . यही कारण है कि दसवी कक्षा पास होते ही गांव वाले अपने लड़के लड़कियों की शादी कर देते हैं . गांव देहात के परिवेश के लिहाज से  रूपेश की उम्र अधिक होने एवं दूरस्थ गांव में निवास करने के चलते शादी के लिये रिश्ते तो आते थे ,  परन्तु लड़की वाले गांव के हालात देखकर रिश्ता तय करने से परहेज करते थे . रूपेश की  शादी न होने से शिवनारायण काफी परेशान रहते थे .

दीपावली का त्यौहार बीतते ही रायसेन जिले के बम्हौरी गांव के एक परिचित रिश्तेदार कौशल प्रसाद शर्मा ने रूपेश की शादी के लिए रिश्ते की पेशकश की. कौशल प्रसाद ने शिवनारायण को बताया कि भोपाल के महामाई वाग इलाके में रहने वाले नंदकिशोर शर्मा अपनी वेटी रागिनी के लिये लड़का तलाश रहे हैं.  शिवनारायण ने इसके लिए हामी भर दी तो कुछ दिनों के बाद नंदकिशोर शर्मा रूपेश को देखने सिरसिरी गांव आ ग‌ए.

रिश्ते की बात चली तो घर वालों की खुशी का ठिकाना न रहा . नंदकिशोर शर्मा ने शिवनारायण को बताया  – “मेरी वेटी रागिनी बी ए तक पढ़ी लिखी  है . उसने कम्प्यूटर और ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी किया है,परन्तु परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है . इसके चलते रागिनी की शादी नहीं हो पा रही है “.

शिवनारायण  ने भी यह सोचकर कि मुश्किल से वेटे के लिये कोई अच्छा रिश्ता आया है ,हामी भरते हुए कहा – “देखिए हमें दहेज की कोई भूख नहीं है . हमें तो अपने वेटे के लिये सुंदर और सुशील लड़की चाहिये “.

बात आगे बढते ही शिवनारायण रुपेश के लिए लड़की देखने रूपेश और कौशल प्रसाद के साथ भोपाल पहुंच गए. नंदकिशोर ने उनकी खूब खातिरदारी की . जब रागिनी उनके लिए चाय नाश्ता लेकर आई तो शिवनारायण और रूपेश को पहली ही नज़र में रागिनी भा गई.

लड़के लड़की की देखा परखी होते ही जब दोनों पक्षों की रजामंदी हुई तो पंडित को बुला कर सगाई की रस्म भी हो गई. पूरी तैयारी से गये शिवनारायण ने सगाई में पांच तोले सोने से बनी चूड़ियां और एक अंगूठी ,पायल , साड़ी , मिठाई और फल फूल देकर धूमधाम से सगाई की रस्म निभाई .

दोनों पक्षों के रिश्तेदारों की सहमति से 5 दिसम्बर शादी का मुहुर्त चुना गया . साथ ही केटरिंग का खर्चा आधा आधा देने की बात पर सबकी सहमति भी बन गई . नंदकिशोर वोले – “हम भोपाल के अवधपुरी इलाके के मैरिज गार्डन से  शादी समारोह करना चाहते हैं “.

शिवनारायण ने कहा – “ये तो बड़ी खुशी की बात है”.

“लेकिन मेरिज गार्डन में

कैटरिंग का खर्चा लगभग 4 लाख रूपये आयेगा” नंदकिशोर ने माथे पर चिंता की लकीरें बनाते हुए कहा.

शिवनारायण बोले -” आप चिंता न करें आधा खर्च हम दे देंगे”.

शादी समारोह की सहमति बनने के बाद दोनों पक्षों के शादी के आमंत्रण कार्ड भी बंटने लगे .  शादी के करीब एक सप्ताह पहले जब नंदकिशोर निमंत्रण पत्रिका देने सिरसिरी गांव आये तो उन्हे शिवनारायण ने केटरिंग के खर्च के लिये अपने हिस्से के दो लाख रूपये उसी समय यह सोचकर दे दिये कि उन्हें शहर में शादी की व्यवस्थाएं करने में कोई अड़चन न हो .

गांव देहात में प्रचलित परम्पराओं के अनुसार शिवनारायण के घर में मंगलगान होने लगे . 4 दिसम्बर को रूपेश के परिवार द्वारा गांव वालों को भोज में पंगत की जगह डिनर दिया गया . दूसरे दिन वे बड़े ही धूमधाम से अपने रिश्तेदारों और गांव के प्रमुख लोगों के साथ बस में सवार होकर दूल्हे की बारात लेकर शाम को भोपाल पहुच गये .लड़की पक्ष द्वारा कार्ड में दिये गये पते 284 /सी सेक्टर अवधपुरी में एक मैरिज गार्डन के पास जब वारात पहुंची तो वहां कोई इंतजाम न देखकर वारातियों को निराशा हुई . लड़के के पिता को यह तो पता था कि लड़की के परिवार वालों की माली हालत ठीक नहीं है , लेकिन बारात के रूकने के लिये कोई माकूल इंतजाम न पाकर उन्हे भी हैरानी हुई . मैरिज गार्डन में मौजूद कर्मचारी से पूछताछ करने पर पता चला कि इस गार्डन में आज की तारीख में कोई शादी नहीं है ,तो वारातियों के साथ लड़के के पिता का माथा ठनका . लड़की के पिता के मोबाइल नंबर पर बात करने की कोशिश की तो पता चला उनका मोबाइल स्विच आफ बता रहा है . आनन फानन में वारात की बस को सड़क किनारे खड़े करके वे नंदकिशोर के घर महामाई का वाग पहुंचे तो मकान मालिक ताराचंद जैन ने बताया कि वो एक महिना पहले ही मकान छोड़कर चले गये हैं .मकान मालिक ने बताया कि वे यह बताकर भी नहीं गये हैं कि कहां शिफ्ट हो रहे हैं .

अपने वेटे की शादी के अरमान पूरा न होते देख शिवनारायण को बड़ा दुख हुआ .पल भर को उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया .होश आते ही उन्हे समझ आ गया था कि वेटे से शादी करने के नाम पर उनसे ठगी की गई है .दुल्हन रागिनी के अपने परिवार के साथ गायब होने से शिवनारायण को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें . उन्हे बार बार यही डर सता रहा था कि  समाज में उनकी क्या इज्जत रह जायेगी . जैसे तैसे  शिवनारायण और दूल्हे के परिजनों ने वारातियों से आकर यह कह दिया कि लड़की के परिवार में गमी हो जाने के कारण शादी स्थगित हो गई है , इसलिये अब विवाह कार्यक्रम बाद में होगा . दूल्हे रूपेश को जब दुल्हन के गायब होने की जानकारी दी गई तो रूपेश का दिल कांच की तरह टूट गया . रूपेश ने जो अपनी शादी के लिए जो सपनों का महल बनाया था,वह   ताश के पत्तों की तरह पल भर में विखर चुका था .

किसी तरह साथ में आये वारातियों को बहाना बनाकर वापिस सिरसिरी गांव रवाना कर शिवनारायण अपने ममेरे भाई रमाकांत शुक्ला के साथ भोपाल के ऐशवाग पुलिस थाने पहुंचे .

उस समय पुलिस थाने में अपने कक्ष में मौजूद टी आई अजय नायर किसी जरूरी केस की फाईल पलट रहे थे . शिवनारायण और रमाकांत ने जैसे ही पुलिस थाने के अंदर बने टीआई साहब के कमरे में प्रवेश किया तो उनका ध्यान फाइल से हटा . प्रश्नवाचक निगाहो से घूरते हुये उन्होने पूछा – ‘‘क्या काम है कैसे आये हो’’ ? शिवनारायण ने घबराते हुये कहा – “साब हमारे साथ ठगी हुई है . रिपोर्ट लिखाने आये हैं” . टीआई अजय नायर ने दोनों को सामने पड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा करते हुये कहा – ‘‘ हां , बताइये किसने आपके साथ धोखाधड़ी की  हैं’’ . भरी ठंड में अपने माथे पर उभर आये पसीना को पोंछते हुये शिवनारायण ने एक ही सांस में उनके साथ हुई घटना का ब्यौरा दे दिया . टीआई अजय नायर ने हबलदार को बुलाकर शिवनारायण की रिपोर्ट लिखने का निर्देश दिया और भरोसा भी दिलाया कि उनके साथ न्याय होगा . जल्द ही धोखाधड़ी करने वाले नंदकिशोर को  खोज निकालेंगे .भोपाल के एशवाग पुलिस स्टेशन में अपने साथ हुई ठगी और धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद शिवनारायण दूसरे दिन सुबह जब अपने गांव सिरसिरी पहुंचे तो उनके वेटे की वारात वैरंग आने की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल चुकी थी . शिवनारायण के घर में खुशी की जगह मातम जैसा माहोल था .दूल्हा रूपेश और उसकी मां गहरे सदमें में थे . भोपाल के अखवारों में इस धोखाधड़ी की खबर प्रकाशित हुई थी जो सोशल मीडिया में वायरल होकर गांव तक भी पहुंच चुकी थी . सिरसिरी गांव में शिवनारायण के घर उनके शुभचिंतकों का आना जाना शुरू हो गया था .

इस घटनाक्रम को चार महीने का समय हो चुका है , लेकिन भोपाल की ऐशबाग थाने की पुलिस को गायब दुल्हन और इसके परिजनों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. शिवनारायण को दो लाख नगद, लगभग तीन लाख रुपए के आभूषण, कपड़े और गांव में कराये गये भोज में तीन लाख रुपए सहित लगभग आठ लाख रुपए की चपत लगी है. शादी कराने के नाम पर हुई धोखाधड़ी की यह घटना बताती है कि हमें विवाह संबंध तय करने से पहले अच्छी तरह से तहकीकात पूरी करके आगे के कदम उठाना चाहिए. शादी तय करने में केवल बिचोलियों पर भरोसा कर उतावले होने पर लाखों रुपए लुटने के साथ समाज में किरकिरी भी होती है.

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