क्या करें जब बहकने लगें उन की निगाहें

नई शादी, ढेरों उमंगें. राजेश और नीता ने हनीमून के लिए नैनीताल जाने का प्रोग्राम बनाया. नैनीताल पहुंचते ही नीता चहक उठी, ‘‘अब हम जी भर कर घूमेंगे और प्यार करेंगे.’’

नीता की बात का राजेश ने भी पूरा समर्थन किया, ‘‘हां, यहां तो अपने ही दिन हैं और अपनी ही रातें. खो जाएंगे एकदूजे में हम और तुम, तुम और हम.’’

जब तक वे दोनों होटल के कमरे में रहते, तब तक तो सब ठीक रहता. पर जब भी वे कहीं घूमने जाते, तो नीता हमेशा पाती कि उस से बातें करते समय राजेश का ध्यान आसपास घूमती अन्य स्त्रियों पर चला जाता है. नईनवेली होने के कारण वह राजेश से कुछ न कह पाई.

मर्दों की आदत

हनीमून से लौट कर जब नीता ने अपनी भाभी को यह बात बताई तो वे हंस दीं, ‘‘अरी बन्नो, इतनी सी बात को ले कर पूरे हनीमून में परेशान रहीं तुम. पराई औरतों को ताकना तो मर्दों की आदत होती है.’’

‘‘एकदम ठीक कहा भाभी आप ने,’’ सरिता ने समर्थन किया, ‘‘यदि पुरुषों के पास मेनका को भी बैठा दो, तो भी वे इधरउधर ताकनेझांकने से बाज नहीं आएंगे.’’

इस पर तेजतर्रार रश्मि ने एक मजेदार वाकेआ सुनाया, ‘‘मैं तो अपने पति पर हमेशा निगरानी रखती हूं, फिर भी वे मौका पा कर आंखें सेंक ही लेते हैं.

विपरीत सैक्स के प्रति आकर्षण

सभी पत्नियों ने इस बात को एकमत से स्वीकार किया कि उन के पति उन की उपस्थिति में भी अन्य महिलाओं को घूरने से नहीं चूकते.

सामने खूबसूरत बीवी बैठी है, पर पति महोदय हैं कि बीवी से बातें करतेकरते बीचबीच में आसपास बैठी लड़कियों पर भी दृष्टिपात कर ही डालते हैं. आखिर पुरुष ऐसा क्यों करते हैं?  इस विषय में जब कुछ पुरुषों से ही पूछा कि क्या यह सच है कि अधिकांश पुरुषों की नजरें चंचल होती हैं तो सब ने यह स्वीकार किया कुछ अलगअलग ढंग से.

‘‘पत्नियां तो जरा सी बात का बतंगड़ बना देती हैं. अब आप ही बताइए एक नजर किसी और महिला पर डालने में क्या कोई बुराई है? हमारे देखने से वह दूसरी महिला हमारी तो नहीं बन सकती है न?’’

‘‘अजी, क्या बताएं सुंदर चेहरे पर तो निगाहें अपनेआप ही चली जाती हैं. कुदरत ने हर खूबसूरत चीज बनाई ही देखने के लिए है.’’

संदेह न पालें

‘‘बीवी तो यही चाहती है कि उस का पति चौबीसों घंटे बस उसी को ताकता रहे. पति की नजरें किसी और औरत पर पड़ी नहीं कि बीवी न जाने क्याक्या ऊलजलूल सोचने लगती है. हम पतियों की तो मुसीबत ही मुसीबत है. मैं तो किसी बुढि़या को भी देखूं तो पत्नी घूरने लगती है. संदेह तो पत्नियों के मन में होता है, हमारे मन में ऐसीवैसी कोई बात नहीं होती है.’’

देखा आप ने, कितनी सहजता से पुरुषों ने अपनी बात कह दी. पर पत्नी यदि अपने पति को अन्य महिला की ओर देखते या उस की प्रशंसा करते सुनती है तो उस के मन में न जाने कैसेकैसे विचार पनपने लगते हैं. उस के मन में असुरक्षा की भावना भी उत्पन्न होने लगती है. वह सोचती है कि उस में अब पहले जैसा आकर्षण नहीं रहा. उस के पति उसे पहले जैसा प्यार नहीं करते, तभी तो उस के सामने रहते हुए भी अन्य स्त्रियों पर उन की निगाहें टिक जाती हैं.

प्यार दें प्यार लें

जब 2 प्राणी विवाह के बंधन में बंधते हैं, तो दोनों यही चाहते हैं कि एकदूसरे के प्रति पूरी तरह समर्पित रहें. दोनों अपना पूरा प्यार, पूरा ध्यान तथा समय एकदूसरे को ही दें. पर कभीकभी पति पत्नी से बेहद प्यार करते हुए भी किसी अन्य सुंदर स्त्री को देख कर उस की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाता. इस का मतलब यह तो नहीं कि वह अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता.

किसी की तारीफ करना कोई बुरी बात तो नहीं. इसलिए आप के पति यदि आप के सामने किसी अन्य महिला की प्रशंसा करें तो आप मुंह फुला कर अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय न दें, बल्कि उसे सहज रूप से लें और हो सके तो आप भी उस महिला की तारीफ में चंद शब्द कह दें.

यदि आप सोचती हैं कि आप अपने पति के प्रति बहुत अधिक भावुक हैं या उन के किसी अन्य महिला की ओर देखने से अपना अधिकार छिनता हुआ महसूस करती हैं तो पहले अपने मन की इस असुरक्षा की भावना का भी परीक्षण करें. क्या आप को अपनी सुंदरता, बुद्धिमत्ता या योग्यता में कहीं कुछ कमी नजर आती है? आप अपने व्यक्तित्व को, अपने गुणों को निखारने की कोशिश करें. आप पति को पूरा प्यार देंगी, तो वे आप से दूर नहीं जाएंगे.

पति की इस आदत को गंभीरता से ले कर राई का पहाड़ न बनाएं. आप के पति लाख इधरउधर देखें, पर अधिकार तो उन पर सिर्फ आप का ही है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें