भोजपुरी फिल्मों की ‘ड्रीमगर्ल’ : शुभी शर्मा

भोजपुरी सिनेमा की मशहूर हीरोइन शुभी शर्मा किसी पहचान की मुहताज नहीं हैं. वे बौलीवुड से ले कर भोजपुरी फिल्मों तक अपनी शानदार अदायगी के लिए जानी जाती हैं. दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, रवि किशन, पवन सिंह जैसे तमाम ऐक्टरों के साथ उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं.

शुभी शर्मा को भोजपुरी फिल्मों से अच्छीखासी पहचान मिली है और इसी के चलते आज वे एक कामयाब हीरोइन के रूप में देखी जाती हैं. भोजपुरी फिल्म ‘बलम सतरंगी’ के सैट पर शुभी शर्मा से एक लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

आप पोस्ट ग्रेजुएट हैं. जैसा कि कालेज लाइफ में अकसर लोगों को क्रश हो जाता है, क्या कालेज लाइफ में आप का भी कोई क्रश रहा था?

बाप रे, कालेज लाइफ के क्रश के बारे में तो पूछिए ही मत, क्योंकि मेरी दीदी अनुराधा शर्मा भी मेरे ही स्कूल में पढ़ती थीं. वे इतनी ज्यादा स्ट्रिक्ट थीं कि स्कूल के सारे लड़के उन्हें ‘अन्ना डौन’ के नाम से पुकारते थे, इसलिए मैं ही क्या मेरी दीदी या हमारी सहेलियों की ओर लड़के देख भी नहीं सकते थे. अगर किसी लड़के ने हम लोगों की तरफ देख कर हंस भी दिया, तो दीदी उस का कौलर पकड़ती थीं और थप्पड़ जमा देती थीं.

आप ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही ऐक्टिंग की तरफ कदम बढ़ा दिया था, फिर भी आप ने हायर ऐजूकेशन तक का सफर तय किया. यह सब कैसे मुमकिन हुआ?

बचपन से ही मेरा रुझान ऐक्टिंग की तरफ था, लेकिन मेरे मम्मीपापा नहीं चाहते थे कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में जाऊं, क्योंकि उन दोनों की इच्छा थी कि मैं पढ़लिख कर सरकारी नौकरी में जाऊं.

लेकिन मैं बारबार पापामम्मी से ऐक्टिंग में अपने रुझान को जाहिर करती रही. फिर एक दिन पढ़ाई के दौरान मेरे पापा ने कहा कि मैं तुम्हें एक साल का समय देता हूं. इस एक साल में अगर ऐक्टिंग में कामयाब रही तो ठीक है, नहीं तो पढ़लिख कर नौकरी में आना होगा.

फिल्मों में शुरुआती स्ट्रगल में काफी मशक्कत करनी पड़ती है और पैसे भी कम मिलते हैं. आप ने शुरुआत में इन सब हालात का सामना कैसे किया?

मेरे सामने तो विकट संकट था, क्योंकि पापा से किए वादे के मुताबिक मुझे एक साल में ही ऐक्टिंग में कामयाब हो कर दिखाना था, इसलिए मैं ने मुंबई में सब से पहले 5 महीने तक डांस और ऐक्टिंग करना सीखा, उस के बाद मैं ने फिल्मों और सीरियल में आडिशन दिए. इस दौरान मु झे हिंदी फिल्म ‘मनी है तो हनी है’ मिली. मेरे लिए यह खुशी की बात थी कि इस फिल्म से मु   झे ठीकठाक पैसे मिले थे. उस के बाद मेरे पास भोजपुरी फिल्मों के लिए औफर आने शुरू हो गए.

इसी दौरान मेरे पास एक  फिल्म ‘चलनी के चालल दूल्हा’ का औफर आया. पहले मैं घबराई कि कहां मैं राजस्थानी बैकग्राउंड से हूं और कहां भोजपुरी फिल्म, फिर भी मैं ने हां कर दी. इस फिल्म में काम कर के मु झे इतना मजा आया कि बाद में मैं भोजपुरी फिल्मों की हो कर रह गई.

आप ने हिंदी, तमिल और बंगला फिल्मों में भी काम किया है. इन तीनों इंडस्ट्री से भोजपुरी इंडस्ट्री में काम करना किस तरह से अलग है?

मैं ने हिंदी फिल्म ‘औब्जैक्शन माई  गौड’, ‘मनी है तो हनी है’ और ‘वैलकम बैक 2’ में भी काम किया है. साथ ही, बंगला और तमिल फिल्मों में भी काम किया है. जहां तक भोजपुरी इंडस्ट्री का दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से अलग होने का सवाल है, तो भोजपुरी बैल्ट में मु   झ जैसी हीरोइनों को दर्शकों का खूब सारा प्यार और सम्मान मिलता है, जो दूसरी इंडस्ट्री में उतना नहीं है.

शुरुआती स्ट्रगल में परिवार में सब से ज्यादा साथ किस का मिला?

शुरुआती दौर में मुझे फिल्मों तक पहुंचाने में मेरी बड़ी बहन और दादी का सब से ज्यादा साथ मिला. इन की बदौलत ही आज मैं कामयाबी के इस मुकाम पर हूं.

आप को ‘भोजपुरी फिल्मों की ड्रीमगर्ल’ कहा जाता है. हेमा मालिनी जैसा खिताब पाने पर आप कैसा महसूस करती हैं?

आप ने सच कहा है कि मुझे लोग हेमा मालिनी की तरह ‘ड्रीमगर्ल’ के नाम से पुकारते हैं. लोगों का यह प्यार मेरे हौसले को कई गुना बढ़ाता है.

सुना है कि किसी ने आप को सोशल मीडिया पर काफी परेशान कर रखा था. क्या मामला था? इस से कैसे छुटकारा पाया?

जी हां, आप ने सही सुना है. कुछ साल पहले मु   झे सोशल मीडिया पर एक आदमी बहुत ही परेशान कर रहा था, जिस के बाद मैं काफी तनाव में आ गई थी. उस ने सोशल मीडिया के जरीए मु   झे बदनाम करने की कोशिश की.

उस ने बहुत ज्यादा गलत लिखा. उस ने मेरी पिक्स एडिट कर के अपलोड की, फिर मेरी फैमिली फोटो को एडिट कर के अपना फोटो लगा के अपलोड किया और गंदे मैसेज भेजे. मैं ने मुंबई पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने मु   झे बहुत सपोर्ट किया और इस के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

आप ने कई यादगार रोल किए हैं. कोई ऐसा रोल, जो आप के दिल को छू गया हो?

मैं ने दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के साथ फिल्म ‘निरहुआ हिंदुस्तानी-3’ में सोना का रोल किया था. इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि कई बार सैट पर ही रोल करते समय मैं भावुक हो जाती थी. इस फिल्म में सोना का रोल मेरे दिल के बेहद करीब रहा.

आप की इस खूबसूरती का राज क्या है?

मेरी खूबसूरती का राज बस इतना ही है कि मैं कुदरती तौर पर खूबसूरत हूं और इसे बरकरार रखने के लिए मैं अपनी डाइट और वर्कआउट पर खास ध्यान देती हूं.

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