इन Sex Problems की वजह से टूट जाती है शादी

सैक्स एक ऐसा शब्द है जिसे सुन कर हम सबके मन में एक अलग सी खुशी की लहर दौड़ने लगती है और दिल खुशनुमा सा होने लगता है. हम सब सैक्स को एंजौय करते हैं और हम सबको लगता है कि सैक्स ऐसा होना चाहिए कि कुछ देर के लिए तो बस ऐसी फीलिंग आए कि हम जन्नत में पहुंच गए हैं. हर इंसान अपनी लाइफ में बहुत बार सोचता है कि वे अपने सैक्स लाइफ को किस तरह से और भी ज्यादा इम्प्रूव कर सकता है.

ऐसा कई बार देखा गया है कि हम सब सैक्स तो करते हैं लेकिन सैक्स को लेकर हमारे मन में कई तरह के विचार आते रहते हैं जैसे कि –
– मैं सैक्स सही से तो कर रहा या कर रही हूं न ?
– मेरा पार्टनर मेरे साथ खुश तो है या नहीं ?
– मैं अपने पार्टनर को अच्छे से सैटिस्फाई कर पा रहा या कर पा रही हूं नहीं ?
– कहीं मेरे अंदर कोई कमी तो नहीं है न ?

ऐसे कई सारे विचार हमारे दिमाग में आए दिन आते हैं जिससे कि हमे डर लगा रहता है कि हमारे सैक्सुअल प्रौब्लम की वजह से हमारा पार्टनर हमें छोड़ तो नहीं देगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी सैक्सुअल प्रौब्लम्स और उनके सौल्यूशन्स के बारे में जिससे कि आप अपनी शादी या रिलेशनशिप को टूटने से बचा सकते हैं.

सैक्स टाइमिंग्स

सैक्स टाइमिंग्स को लेकर हमारे मन में कई सारे विचार आते हैं. हर पुरूष को ऐसा लगता है कि उसकी पत्नी या गर्लफ्रेंड चाहती है कि वह लम्बे समय तक सैक्स करते रहें जिससे कि वह सैटिस्फाई हो पाए पर यह गलत है. सैक्स चाहे लम्बे समय तक हो या ना हो पर सैक्स ऐसा होना चाहिए जो आपको और आपके पार्टनर को जन्नत की सैर करा दे. आपको अपने पार्टनर को सिर्फ सैक्स में ही नहीं बल्कि सैक्स से पहले भी सैटिस्फाई करना चाहिए जैसे कि ओरल सैक्स कर के, अपने पार्टनर के नाजुक अंगों को छेड़ कर और अपने पार्टनर की पूरी बौडी पर जमकर किस कर के. ऐसा करने से आपका पार्टनर सैक्स से पहले ही खुद को काफी हद तक सैटिस्फाई फील करेगा.

अगर फिर भी आप को या आप  के पार्टनर लगता है कि आप की सैक्स ड्यूरेशन बहुत ही कम है तो आप को कभी भी खुद से कोई दवाई या स्प्रे जैसा कुछ नहीं लेना चाहिए बल्कि एक अच्छे सैक्स स्पैशलिस्ट से मिलना चाहिए और उससे यह सब डिस्कस करना चाहिए.

लिंग का साइज

विदेशी पोर्न वीडियोज ने हमारे मन एक बात डाल दी है कि लिंग काफी लंबा होगा तभी लड़कियां सैटिस्फाई हो पाएंगी और इसी कारण कई लड़के इंटरनेट से पढ़ कर लिंग लम्बा करने की दवाइयां लेने लग जाते हैं जिस के कई साइड इफैक्ट्स होते हैं. ऐसा करना और ऐसा सोचना काफी हद तक बिल्कुल गलत है. आपका पार्टनर आपके लिंग के साइज से नहीं बल्कि आपकी परफौर्मेंस से सैटिस्फाई होता है.

अगर आपके लिंग का साइज ज्यादा लम्बा नहीं है पर आपकी परफौर्मेंस काफी अच्छी है तो आपके पार्टनर को आप से कभी कोई शिकायत नहीं होगी. अगर फिर भी आप को और आप के पार्टनर को लगता है कि आप के लिंग का साइज काफी छोटा है और ठीक से परफौर्म नहीं कर पा रहा तब आपको जरूर सैक्स स्पैशलिस्ट डौक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन

समय से पहले ही अपना स्पर्म लूज़ कर देना या हल्का सा कुछ होते ही पहले ही क्लाइमैक्स तक पहुंच जाने को प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कहा जाता है. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन आजकल काफी कौमन प्रौब्लम है. कई पुरूषों की यही समस्या है कि वह सैक्स करते समय पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पाते और समय से पहले से स्पर्म लूज़ कर देते हैं जिससे कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी सैटिस्फाई नहीं हो पाती. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कई चीजों पर डिपैन्ड करता है.

अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आप सैक्स के समय अपनी पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पा रहे हैं तो आपको जल्द से जल्द किसी अच्छे डौक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

याद रहे, डौक्टर्स पर जाने से हमें कभी शर्माना नहीं चाहिए और ना ही उनसे कुछ छिपाना चाहिए. सैक्स प्रौब्लम्स डिस्कस करने से किसी की मर्दानगी नहीं घटती बल्कि अगर आपने डौक्टर्स से डिस्कस किए बिना कोई गलत दवाई ले ली तो अपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं. बेहतर यही है कि अच्छे स्पैशलिस्ट से संपर्क करें, अकसर ऐसे स्पैशलिस्ट आप की प्रौब्लम को खुद तक ही सीमित रखते हैं. सोसाइटी अब बदल चुकी है ऐसे मामलों में बोलने से वह हिचकती नहीं है और न ही दूसरे का मजाक उड़ाती है.

सुहागरात : मिलन की पहली रात, जरूरी नहीं बनाएं बात

दूध का गिलास लिए दुलहन कमरे में प्रवेश करती है. कमरा सुंदर रंगबिरंगे फूलों और लाइट से सजा व मंदमंद खुशबू से महक रहा होता है और माहौल में नशा सा छाया होता है. दूल्हा बेसब्री से दुलहन के आने का इंतजार कर रहा होता है. उस के आते ही वह दूध का गिलास लेने के बहाने उस को बांहों में भरने के लिए लपकता है. वह भी लजातीसकुचाती हुई उस की बांहों में समा जाती है.

इस के बाद पतिपत्नी के प्यार से कमरा सराबोर हो उठता है. यह दृश्य है हिंदी फिल्मों के हीरोहीरोइन पर फिल्माई गई मिलन की पहली रात का. विवाह और यौन संबंध बेहद नाजुक विषय है. पतिपत्नी का शारीरिक मिलन तभी सफल माना जाएगा, जब दोनों इस के लिए तैयार हों. अगर ऐसा न हो तो उसे एकतरफा भोग कहा जाएगा.

विवाह के बाद पतिपत्नी अपने नए जीवन की शुरुआत करते हैं. ऐसे में दोनों का एकदूसरे पर भरोसा और आपसी संवाद उन के आपसी संबंध को अधिक मजबूत बनाता है.

मगर सवाल यह उठता है कि क्या शादी की पहली रात का संबंध सचमुच संतुष्टि देने वाला होता है? क्योंकि एक ओर जहां पहली रात के बारे में अपेक्षाओं का मन पर बोझ होता है, तो वहीं दूसरी ओर व्यस्त दिनचर्या की थकान के कारण शारीरिक संबंध के लिए आवश्यक उत्साह, मनोदशा तथा शक्ति का अभाव महसूस होता है.

रखें भावनाओं का खयाल
ऐसा ही अनुभव सिद्धी और उमाकांत दंपती का भी रहा है. सिद्धी की शादी को 5-6 साल हो गए हैं. विवाह की पहली रात उन की मानसिक स्थिति कैसी थी, पूछने पर सिद्धी ने बताया, ‘‘विवाह से पूर्व हम अच्छे दोस्त थे. विवाह का निर्णय हम ने खुद और दोनों परिवार वालों की आपसी सहमति से लिया. फिर भी ससुराल वालों के साथ मेरा तालमेल बैठेगा या नहीं, इस के बारे में मुझे शंका थी, क्योंकि मैं शहर में पलीबढ़ी थी. हमारे घर का माहौल बंधनरहित था, जबकि उमाकांत के घर वाले गांव के थे.

‘‘खैर, शादी की सारी रस्में पूरी हुईं और मैं ससुराल आ गई. हमारी पहली रात के लिए ससुराल वालों ने पड़ोस का एक कमरा अच्छी तरह सजा रखा था. पिछले 4 दिनों से विवाह समारोह की धमाचौकड़ी की वजह से मैं ठीक से सो नहीं पाई थी. अत: पहली रात को बच्चों के साथ बतियातेबतियाते कब मेरी आंख लग गई मुझे पता ही नहीं चला. लेकिन उमाकांत इस बात पर मुझ से नाराज नहीं हुए.

“सच बात कहूं तो शादी के करीब 1 हफ्ते के बाद ही हम यौन संबंध बना पाए. दरअसल, शादी के बाद अनेक रीतिरिवाज नवविवाहित दंपती को पूरे करने होते हैं. इसलिए उस दौरान एकदूसरे को जाननेसमझने, नजदीकी बनाने का हमें समय मिला. उमाकांत ने भी मेरी मनोदशा समझ मेरी भावनाओं का खयाल रखा.’’

इस पर उमाकांत कहते हैं, ‘‘शादी की पहली रात हम संबंध न बना पाए, इस पर मैं भला नाराज कैसे हो सकता था, क्योंकि विवाह समारोह में हम मानसिक, शारीरिक थकान से गुजरे थे. सिद्धी के ऊपर जो मानसिक तनाव था उस का भी मुझे पूरा एहसास था. उस दिन आराम करना ही हम दोनों के लिए जरूरी था.

‘‘साथ ही मेरे लिए सिद्धी का मेरे परिवार से घुलनामिलना भी मेरे लिए अधिक महत्त्वपूर्ण था. मेरा मानना है कि हर पति पत्नी से नजदीकी बनाते समय उस की इच्छाअनिच्छा, उस की फीलिंग्स का खयाल रखे, क्योंकि यह रिश्ता प्यार से बनता है और प्यार से ही दिल जीता जाता है.’’

इस संदर्भ में यौन विशेषज्ञ डा. प्रभू व्यास कहते हैं, ‘‘आज के युवकयुवतियों को शारीरिक संबंधों की जानकारी के बहुत स्रोत उपलब्ध हैं. लेकिन शारीरिक संबंधों की सही जानकारी होने के बावजूद संबंध बनाते समय कई समस्याएं आती हैं. बहुत जोड़े ऐसे होते हैं, जो पहले प्रयास में यौन संबंध बनाने में असफल होते हैं. इसीलिए आपसी मजबूत रिश्ता, खुलापन, म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग बेहद जरूरी है.

“जैसे पहले प्रयास में कोई तैर नहीं पाता, साइकिल नहीं चला पाता ठीक उसी तरह यौन संबंध बनाने में सफल नहीं हो पाता. मैं विवाह के बंधन में बंधने वालों से यही कहना चाहूंगा कि संबंध बनाने की जल्दबाजी हानिकारक हो सकती है. पहले दोनों एकदूसरे को जानेंपहचानें. एकदूसरे के प्रति विश्वास पैदा करें.’’

समस्या का हल ढूंढ़ें
यौन संबंधों का वैवाहिक जीवन में बड़ा महत्त्व है. इन में समस्याएं, गलतफहमियां, कमियां हों तो उन का असर पतिपत्नी के वैवाहिक जीवन पर पड़ता है.

इस संबंध में रीना और विजय से यह सीख ले सकते हैं कि समस्याओं से डरने से वे और बढ़ेंगी. अत: उन से डरने के बजाय उन का हल ढूंढ़ें. विजय ने यही किया. रीना के मन में यौन संबंधों के प्रति बेहद डर था. वह अपने पति विजय के साथ प्रणय संबंधों में रुचि लेती मगर यौन संबंध बनाने में असमर्थता जाहिर करती.

विजय ने उस से खुल कर बातचीत की तो विजय को उस ने समस्या बताई. उस के मन में संभोग प्रक्रिया में भयंकर पीड़ा होने का डर था. दोनों ने यौन विशेषज्ञ की मदद ली. तब रीना का डर दूर हुआ. रीना ने बताया कि सहेलियों से हुई बातचीत से उसे यह गलतफहमी हुई थी.

काउंसलिंग में उसे समझाया गया कि यौन संबंध के दौरान स्त्री के योनिद्वार में स्थित कौमार्य झिल्ली सहवास के समय लिंग अंदर जाने से फट जाती है, जिस से थोड़ा सा खून निकलता है और हलका सा दर्द भी होता है. लेकिन यह दर्द स्त्री सहन न कर पाए इतना नहीं होता.

विजय की समझदारी की वजह से ही आज वे सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, ऐसा रीना का कहना है.

यौन विशेषज्ञ डा. हितेश बताते हैं कि मेरे पास ऐसे अनेक दंपती आते हैं, जो शादी के 6 महीने, 1 साल, 2 साल गुजर जाने के बाद भी इंटरकोर्स नहीं कर पाए हैं.

पुरुषों के मन में शीघ्रपतन, लिंग का सख्त न होना, लिंग का छोटा होना आदि डर रहता है, तो स्त्रियां कौमार्य झिल्ली के फटने से होने वाली पीड़ा और रक्तस्राव के डर की वजह से यौन संबंध का सुख नहीं ले पातीं. अत: बेहतर है कि अपने मन में जो डर है उस पर खुल कर बात की जाए. आपसी प्रेम, केयरिंग रिश्ता, खुलापन, मन की बातें शेयर करने का विश्वास यौन संबंध में सहजता लाता है. यौन संबंध स्थापित करना यकीनन एक कला है, जिसे शारीरिक सुख पाने के लिए सीखना पतिपत्नी दोनों के लिए जरूरी है

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