Sex News in Hindi: शादीशुदा जिंदगी को कामयाब व सुख से भरा बनाने के लिए जहां विश्वास, प्यार, समर्पण और तालेमल का अहम रोल रहता है, वहीं सैक्स (Sex) भी खास अहमियत रखता है. सैक्स संबंध पतिपत्नी को शारीरिक (Physical) ही नहीं, मानसिक (Mentally) रूप से भी एकदूसरे के करीब लाते हैं. अगर पतिपत्नी के बीच कामयाब सैक्स नहीं हो पाता है, तो शादीशुदा जिंदगी (Marriage Life) एक समय में आ कर बोझ सी बन जाती है. सैक्स को खुशनुमा बनाने में जहां एकांत, तनावरहित (Stressless) माहौल व पतिपत्नी (Husband Wife) का मूड में रहना जरूरी होता है, वहीं सैक्स को मजेदार बनाने और दूसरी परेशानियों से बचने के लिए लुब्रिकैंट (lubricant) का भी अहम रोल होता है.
आमतौर पर फोरप्ले के दौरान पतिपत्नी के अंगों में कुदरती तौर से ही लुब्रिकैंट बनना शुरू हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में बाहर के लुब्रिकैंट इस्तेमाल कर के सैक्स का मजा लेना पड़ता है.
औरतों में लुब्रिकैंट की मात्रा का लैवल इन हालात पर निर्भर करता है:
माहवारी के दौरान
माहवारी के समय एस्ट्रोजन हार्मोन औरतों के निजी अंगों के लुब्रिकेशन को गड़बड़ा देता है, जबकि ओवुलेशन के समय यह सब से ज्यादा होता है.
उम्र
रजोनिवृत्ति का समय निकल जाने के बाद औरतों को जोश में आने में काफी समय लगता है. ऐसा एस्ट्रोजन का लैवल कम हो जाने के चलते होता है.
तनाव
तनाव किसी भी संबंध को खराब करने का काम करता है. तनाव के चलते औरतों में सैक्स का जोश कम हो जाता है. इस के अलावा एकाग्रता, खून के दौरे और वेजाइना में नमी बनाए रखने में परेशानी होती है.
सैक्स के समय होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए डाक्टर भी बाहरी लुब्रिकैंट को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. वैसे तो बाजार में कई तरह के लुब्रिकैंट मौजूद हैं लेकिन इन का इस्तेमाल औरतों की शारीरिक जरूरत के आधार पर ही करना चाहिए.
लुब्रिकैंट के बारे में कुछ अहम जानकारी:
तेल वाले लुब्रिकैंट
बेबी औयल, पैट्रोलियम वाली क्रीम या त्वचा पर लगाने वाली क्रीम तेल वाले लुब्रिकेट होते हैं. लेकिन इन के इस्तेमाल करने से कई बार वेजाइनल संक्रमण के खतरे बढ़ जाते हैं. सैक्स के बाद जब भी वेजाइना को साफ किया जाता है तो औयल ठीक से धुल नहीं पाता है और आगे चल कर यही फंगल या बैक्टीरियल इंफैक्शन का रूप लेने लगता है, जिस से वेजाइना में खुजली, बारबार पेशाब आना और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं. इस के अलावा घरों में लंबे समय तक रखने पर कई बार इन की क्वालिटी में भी खराबी आ जाती है. साथ ही, ये शुक्राणुओं की क्वालिटी में भी कमी ला सकते हैं. तेल वाले लुब्रिकैंट से कंडोम के फटने का भी खतरा होता है, जिस से अनचाहे बच्चे के ठहरने का भी डर बना रहता है.
पानी वाले लुब्रिकैंट
इस तरह के लुब्रिकैंट के लिए बाजार में कई तरह की चीजें मौजूद हैं. इन में नमक का लैवल कम होता है और औरत की प्रजनन ताकत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है. इस के अलावा ये संवेदनशील त्वचा पर भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
सिलिकौन वाले लुब्रिकैंट
ये पानी वाले लुब्रिकैंट से भी ज्यादा महफूज होते हैं. इस के साथ ही इस के इस्तेमाल से त्वचा ज्यादा नरम और मुलायम हो जाती है.
ध्यान रखने वाली बातें
लुब्रिकैंट का इस्तेमाल करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आप इन लुब्रिकैंट का इस्तेमाल अपने शरीर के संवेदनशील हिस्सों पर कर रहे हैं, इसलिए हमेशा ऐसे लुब्रिकैंट का इस्तेमाल करें जिस से आप की त्वचा को नुकसान न पहुंचे.
लुब्रिकेशन में कुछ जोड़े थूक का इस्तेमाल करते हैं. थूक में कीटाणुओं की भरमार होती?है, जो आसानी से वेजाइना में जा कर बैक्टीरियल इंफैक्शन की समस्या पैदा कर सकते हैं. इस के इस्तेमाल से जननांगों में होने वाली हरपीज और यीस्ट इंफैक्शन जैसी खतरनाक बीमारियों का भी डर बना रहता है.
फ्लेवरफ्री लुब्रिकैंट के इस्तेमाल से सैक्स सुख भले ही मिल जाए लेकिन वेजाइना में सूखेपन की समस्या हो जाती है. जब जोड़ा एकसाथ नहा रहा हो तो कंडीशनर या बौडी जैल जैसी चीजें चरम सुख पाने के लिए उस एक पल के लिए सुखद जरूर लगती हैं, पर उस के बाद वेजाइना में परेशानी हो सकती है.
कैसे करें इस्तेमाल
लुब्रिकैंट का इस्तेमाल करना या न करना केवल जोड़ों की निजी इच्छा पर निर्भर करता है. अगर लुब्रिकैंट पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है तो सब से पहले थोड़ी मात्रा में लुब्रिकैंट को खरीद कर इस के असर को देखें, फिर इस की बड़ी मात्रा खरीदें. लुब्रिकैंट को अपने बिस्तर के पास ही रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर इस का इस्तेमाल किया जा सके. याद रखें, सैक्स का मजा बढ़ाने के लिए सब से पहले थोड़ी मात्रा में ले कर इस का इस्तेमाल करें.