रानी और रजनी पक्की सहेलियां हैं. दोनों मध्यवर्गीय, पढ़ीलिखी, उदार, सहिष्णु, मितव्ययी, परिवार का खयाल रखने वाली, नईनई चीजों को सीखने की इच्छुक हैं. बस दोनों में एक ही अंतर है. यह अंतर देह प्रेम को ले कर है. एक छत के नीचे रहते हुए भी रानी और उस के पति के बीच देह प्रेम उमड़ने में काफी वक्त लगता है. महीनों यों ही निकल जाते हैं. उधर रजनी और उस का पति हफ्ते में 1-2 बार शारीरिक निकटता जरूर पा लेते हैं. रानी इस प्रेम को गंदा भी समझती है, जबकि रजनी ऐसा नहीं सोचती है. दोनों एकदूसरे के इस अंतर को जानती हैं.
आप कहेंगे कि भला यह क्या अंतर हुआ? जी हां, यही तो बड़ा अंतर है. पिछले दिनों इस एक अंतर ने दोनों सहेलियों में कई और अंतर पैदा कर दिए थे.
इस एक अंतर से ही रानी तन को स्वच्छ रखने में संकोची हो गई थी. केवल वह ही नहीं, बल्कि उस के पति का भी यही हाल था. उसे अपने कारोबार से ही फुरसत नहीं थी. वह हर समय गुटका भी चबाता रहता था.
सैक्स सिखाए स्वच्छ रहना
उधर, रजनी नख से शिख तक हर अंग को ले कर सतर्क थी. बेहतर तालमेल, प्रेम, अंतरंगता और नियमित सहवास की वजह से रजनी को यह एहसास रहता था कि एकांत, समय और निकटता मिलने पर पति कभी भी उसे आलिंगन में भर सकता है. वह कभी भी उस के किसी भी अंग को चूम सकता है. कभी भी दोनों के यौन अंगों का मिलन हो सकता है. ऐसे में वह अंदरूनी साफसफाई को ले कर लापरवाह नहीं हो सकती थी. रजनी की तरफ से इसी प्रकार की कोई भी प्रतिक्रिया उस के पति को भी अंदरूनी रूप से स्वच्छ रखने में मदद करती थी.
इस एक अंतर से ही रानी अपनी देह और खानपान के प्रति भी लापरवाह हो गई थी. जब देह को निहारने वाला, देह की प्रशंसा करने वाला कोई न हो तो अकसर शादी के बाद इस तरह की लापरवाही व्यवहार में आ जाती है. रानी इस का सटीक उदाहरण थी. इस वजह से समय बीतने के साथ उस ने चरबी की कई परतों को आमंत्रण दे दिया था. उधर रजनी का खुद पर पूरा नियंत्रण था, लिहाजा वह छरहरे बदन की स्वामिनी थी.
इस एक अंतर के कारण ही रानी एक दिन डाक्टर के सामने बैठी थी. रजनी भी साथ थी. रानी को जननांग क्षेत्र में दर्द की समस्या थी, जो काफी अरसे से चली आ रही थी. डाक्टर ने बताया कि इन्फैक्शन है. इन्फैक्शन का कारण शरीर की साफसफाई पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाना है. साफसफाई में लापरवाही से समस्या गंभीर हो गई थी.
रानी का मामला रजनी के पति को भी पता चल गया था. वास्तव में हर वह बात जो रजनी और उस के पति में से किसी एक को पता चलती थी, वह दूसरे की जानकारी में आए बिना नहीं रहती थी. वे दोनों हर मामले पर बात करते थे. रात में जब रजनी ने पति राजेश को सारी बात बताई तो राजेश ने कहा, ‘‘तुम्हें अपनी सहेली को समझाना चाहिए कि देह प्रेम गंदी क्रिया नहीं है. मैं यह तो नहीं कहता कि ऐसे सभी विवाहित लोग जो सहवास नहीं करते, वे शरीर की साफसफाई को ले कर लापरवाह रहते होंगे, लेकिन मैं यह गारंटी से कह सकता हूं कि यदि पतिपत्नी नियमित अंतराल पर देह प्रेम करते हैं, तो दोनों ही अपने तन की स्वच्छता के प्रति लापरवाह नहीं रह सकते यानी यदि वे सहवास का आनंद लेते हैं तो वे ज्यादा स्वस्थ और स्वच्छ रहते हैं.’’
दवा है सैक्स
राजेश ने बिलकुल ठीक कहा. दरअसल, जब पतिपत्नी को यह एहसास रहता है कि वे एकदूसरे को प्यार करते हैं और उन्हें शारीरिक रूप से जल्दीजल्दी निकट आना है, तो दोनों ही स्वाभाविक रूप से अपने हर अंग की साफसफाई के प्रति सचेत रहते हैं. इस से न सिर्फ उन का व्यक्तित्व निखरता है और दोनों में प्रेम बढ़ता है, बल्कि कई रोग भी शरीर से दूर रहते हैं. इस के उलट जो दंपती शारीरिक संबंधों के प्रति उदासीन रहते हैं, वे अपनी साफसफाई के प्रति भी लापरवाह हो सकते हैं.
हम सभी जानते हैं कि वैवाहिक जीवन में पतिपत्नी के बीच शारीरिक संबंध के 2 प्रमुख उद्देश्य होते हैं. पहला संतान की उत्पत्ति और दूसरा आनंद की प्राप्ति. लेकिन बारीकी से नजर डालें तो सहवास से एक परिणाम और निकलता है, जिसे तीसरा उद्देश्य भी बनाया जा सकता है. दरअसल, सहवास से पतिपत्नी अच्छा स्वास्थ्य भी पा सकते हैं. इसे हम यों भी कह सकते हैं कि यदि पतिपत्नी के बीच नियमित अंतराल पर शारीरिक संबंध बन रहे हैं, तो इस बात की संभावना ज्यादा है कि वे स्वस्थ भी रहेंगे.
जी हां, पतिपत्नी के बीच सैक्स को कई तरह की दिक्कतें दूर करने की दवा बताया गया है. सैक्स को ले कर दुनिया भर में अनेक शोध किए गए हैं और किए जा रहे हैं. विभिन्न शोधों के बाद दुनिया भर के विशेषज्ञों ने सैक्स के फायदे कुछ इस तरह गिनाए हैं:
– पतिपत्नी के बीच नियमित अंतराल पर शारीरिक संबंध बनने से तनाव और ब्लड प्रैशर नियंत्रण में रखने में सहायता मिलती है. तनाव में कमी आती है, तो अनेक अन्य रोग भी पास नहीं फटकते हैं.
– सप्ताह में 1-2 बार किया गया सैक्स रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
– सैक्स अपनेआप में एक शारीरिक व्यायाम है और विशेषज्ञों के अनुसार आधे घंटे का सैक्स करीब 90 कैलोरी कम करता है यानी सैक्स के जरीए वजन घटाने में भी मदद मिलती है.
– एक अध्ययन कहता है कि जो व्यक्ति हफ्ते में 1-2 बार सैक्स करते हैं उन में हार्ट अटैक की आशंका आधी रह जाती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि शारीरिक प्यार एक तरह से भावनात्मक प्यार का ही बाहरी रूप है, इसलिए जब हम शारीरिक प्यार करते हैं, तो भावनाओं का घर यानी हमारा दिल स्वस्थ रहता है.
– वैज्ञानिकों के अनुसार सैक्स, फील गुड के एहसास के साथसाथ स्वसम्मान की भावना को भी बढ़ाने में सहायक होता है.
– शारीरिक संबंध प्रेम के हारमोन औक्सीटौसिन को बढ़ाने का काम करता है, जिस से स्त्रीपुरुष का रिश्ता मजबूत होता है.
– सैक्स शरीर के अंदर के स्वाभाविक पेनकिलर ऐंडोर्फिंस को बढ़ावा देता है, जिस से सैक्स के बाद सिरदर्द, माइग्रेन और यहां तक कि जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है.
– वैज्ञानिकों के अनुसार जिन पुरुषों में नियमित अंतराल पर स्खलन (वीर्य का निकलना) होता रहता है, उन में ज्यादा उम्र होने पर प्रौस्टेट संबंधी समस्या या प्रौस्टेट कैंसर की आशंका काफी कम हो जाती है. यहां नियमित अंतराल से मतलब 1 हफ्ते में 1-2 बार सहवास से है.
– सैक्स नींद न आने की दिक्कत को भी दूर करता है, क्योंकि सैक्स के बाद अच्छी नींद आती है.
सहवास एक दवा है. दवा भी ऐसी जिस का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं है, इसलिए पतिपत्नी को स्वस्थ रहने के लिए इस दवा का नियमित अंतराल पर सेवन अवश्य करना चाहिए.