तमिलनाडु के धर्मपुरी की रहने वाली 52 वर्षीया पद्मम अपने परिवार से दूर पिछले 15 सालों से कोच्चि शहर में रह रही थी. जबकि उस का बीमार पति और 2 बच्चे धर्मपुरी में ही रहते थे. पद्मम वहां लौटरी की टिकटें बेचने का काम करती थी. वह कोच्चि के एर्नाकुलम स्थित कदावंथरा इलाके में किराए पर कमरा ले कर रह रही थी. बीते 6 महीने पहले उस का यह धंधा मंदा पड़ गया था, जिस के चलते वह दिहाड़ी मजदूरी का काम करने लगी थी.
अपना काम खत्म करने के बाद वह हर दिन अपने परिवार से फोन से बात करना नहीं भूलती थी. वह रोजाना अपने छोटे बेटे सेल्वम को फोन किया करती थी. एक दिन भी नहीं गुजरा जब उस ने अपने बेटे सेल्वम को फोन नहीं किया हो, लेकिन 26 सितंबर को देर शाम तक जब सेल्वम के पास मां का फोन नहीं आया तब वह चिंतित हो गया. वह तुरंत अपनी मां से मिलने के लिए कदावंथरा के लिए रवाना हो गया.
अगले रोज वह मां के कमरे पर गया, वहां ताला लगा था. मां को नहीं पा कर वह चिंतित हो गया. आसपास के लोगों से उस ने मां के बारे में पूछा तो किसी ने उसे बताया कि वह तो एक दिन पहले से ही अपने काम से वापस नहीं लौटी है.
मां को ले कर सेल्वम और अधिक परेशान हो गया. किसी अनहोनी की आशंका से वह डर गया. वह तुरंत कदावंथरा पुलिस थाने गया और अपनी मां की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करवा दी.
पुलिस को ऐसी ही अधेड़ महिला के लापता होने की शिकायत 4 माह पहले भी जून के महीने में मिल चुकी थी. वह भी लौटरी टिकट बेचने का ही काम करती थी. दोनों घटनाओं ने पुलिस को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि एक ही धंधे से जुड़ी बुजुर्ग महिलाएं अखिर कहां लापता हो सकती हैं.
दूसरी लापता महिला 49 वर्षीय रोजली थी. वह भी मूलरूप से त्रिशूर की रहने वाली थी, लेकिन कलाडी के मट्टूर में किराए के घर में एक व्यक्ति के साथ रह रही थी. उस के बारे में पुलिस को पता चला कि उस की शादी टूट गई थी और वह अपने पति से अलग रह रही थी. वह 6 जून, 2022 को लापता हो गई थी, जिस की गुमशुदगी बेटी मंजू ने 18 अगस्त, 2022 को कलाडी थाने में दर्ज कराई थी. शिकायत में उस ने बताया था कि वह जिस आदमी के साथ रह रही थी, उस के साथ भी उस के अच्छे संबंध नहीं थे.
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
उस के काम के बारे में बेटी ने बताया था कि वह एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय में भी काम कर रही थी, लेकिन कोच्चि शहर में लौटरी टिकट बेचने का काम भी करती थी. उस की मां से आखिरी मुलाकात जनवरी में तब हुई थी, जब वह छुट्टी मनाने मां के पास आई थी. उस के बाद वह वापस अपने पिता के पास चली गई थी.
जब 6 जून के बाद उस का मां से कोई संपर्क नहीं हो पाया, तब उस ने उस आदमी से संपर्क किया था, जिस के साथ वह रहती थी. किंतु उस ने मां के बारे में कोई सही जानकारी नहीं दी. उस के बाद उस ने अपनी मां के लापता होने की शिकायत की.
पुलिस ने सेल्वम से उस की मां का मोबाइल नंबर ले कर उसे सर्विलांस पर लगा दिया. इस के अलावा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की भी स्टडी शुरू कर दी. उस के लिए ज्यादातर सीसीटीवी तसवीरें और लापता पद्मम की फोन पर हुई सभी बातचीत की रिकौर्डिंग निकलवाई.
जल्द ही पुलिस को पद्मम की एक सीसीटीवी तसवीर मिल गई, जिस में वह त्रिरुवल्ला में एक युवक के साथ जाती हुई दिख रही थी. उन के मोबाइल की आखिरी लोकेशन भी वहीं की मिली थी.
इस तरह कोच्चि शहर की कदावंथरा पुलिस और एर्नाकुलम ग्रामीण की कलाडी पुलिस द्वारा 2 लापता महिलाओं के दर्ज मामलों में सब से पहला सुराग सेल्वम की मां पद्मम के फोन सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज से मिला था.
पुलिस ने जब इस दिशा में जांचपड़ताल की तब एर्नाकुलम के पेरुंबवुर निवासी शफी उर्फ रशीद के बारे में पता चला. उसे हिरासत में ले कर जब पूछताछ की जाने लगी, तब उस के जवाब अटपटे और भ्रमित करने वाले थे.
बातोंबातों में वह भगवान, तंत्रमंत्र और पूजापाठ की बातें असहजता के साथ करने लगा था. हर बात पर कभी भगवान की तो कभी अल्लाह व ईसा मसीह की कसमें खाने लगा था. उस की बातों से पुलिस को वह एक सनकी और बेतुका इंसान ही लगा.
थाने में एक पुलिसकर्मी ने जब नजरें तरेर कर हड़काया तो वह डर गया. फिर भी वह कहने लगा कि मुझे भगवान पर भरोसा है कि वह उसे बचा लेंगे.
इसी पूछताछ के दौरान पुलिस ने उसे 26 सितंबर, 2022 की वह सीसीटीवी की फुटेज दिखाई, जिस में वह पद्मम के साथ जाता हुआ दिख रहा था. कुछ सेकेंड के उस वीडियो को देखते ही बोल पड़ा, ‘‘वह तो मर गई…उसे मार दिया.’’
‘‘मर गई…! तूने मार दिया?’’
‘‘नहीं नहीं मैं क्यों मारूंगा? मैं तो सभी भगवान की पूजा करता हूं… यह पाप मैं भला क्यों करूंगा?’’ शफी डरता हुआ बोला.
‘‘तो किस ने मारा?’’ पुलिस अधिकारी ने एक झापड़ के साथ डांट लगाई.
‘‘मैं ने नहीं, उसी ने मारा. उस को पैसा चाहिए था,’’ शफी बोला.
‘‘पैसा चाहिए था! साफसाफ बताओ, क्या हुआ उस औरत के साथ..? जरा भी झूठ बोला तो देख ले ऊपर उसी खूंटी में लटकी रस्सी में लटका दूंगा.’’ जांच अधिकारी ने ऊपर की ओर अंगुली दिखाई और उस के बाल पकड़ कर उस का सिर उस ओर कर दिया.
‘‘छोड़ दो, मुझे छोड़ दो. मैं निर्दोष हूं, मैं ने कुछ नहीं किया. जो कुछ किया उस मसाज वाले ने किया साहब.’’ शफी बोला.
‘‘क्या किया उस ने?’’
‘‘उस की बलि दे दी!’’
‘‘बलि दे दी? क्या बक रहे हो, तुम होश में तो हो न?’’ चौंकते हुए जांच अधिकारी ने कहा.
‘‘हां साहब, मैं एकदम होश में हूं. उस की भागवल सिंह और लैला ने बलि दे दी है. उसी ने 4 महीने पहले भी एक और महिला की बलि दी थी,’’ शफी बोला.
‘‘और क्या जानते हो उस के बारे में, विस्तार से बताओ. भागवल कौन है, कहां रहता है? तुम उसे कैसे जानते हो? सब कुछ बताओ.’’ जांच अधिकारी की जिज्ञासा बढ़ी और उन्हें एहसास हुआ कि अब मामला जल्द ही सुलझने वाला है.
शफी ने उस बारे में आगे जो बताया वह काफी हैरान करने वाला था.
दरअसल, पथनामथिट्टा में एलंथूर के रहने वाले दंपति भागवल सिंह और उस की पत्नी लैला ने तांत्रिक मोहम्मद शफी के साथ मिल कर 3 महीने में दोनों महिलाओं की अलगअलग दिनों में पूजा के दौरान बलि दे दी थी.
इस बारे में तीनों से रात भर की गई गहन पूछताछ के बाद दोनों हत्याओं का विस्फोटक खुलासा हो गया. साथ ही पुलिस रिकौर्ड में दर्ज दोनों लापता महिलाओं के बारे में पूरी जानकारी मिल गई थी.पता चला कि तीनों आरोपियों ने उन की नृशंस हत्या कर के उन के शवों के 56 टुकड़े कर मकान के पास अगलबगल दफना दिए थे. यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर सी.एच. नागराजू ने 11 अक्तूबर, 2022 को मीडिया को सनसनीखेज मामले की जानकारी दी.
अब पुलिस को दोनों महिलाओं के शव बरामद करने थे. शवों की पहचान के लिए पुलिस ने शिकायतकर्ता बेटे और बेटी को बुलवा लिया, साथ ही डीएनए टेस्ट कराने की भी बात कही.
आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाने के बाद पुलिस ने महिलाओं की लाशों के 56 टुकड़े गड्ढा खोद कर बरामद कर लिए.
सबूत बरामद कर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से तीनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पुलिस कमिश्नर सी.एच. नागराजू ने बताया कि यह कई परतों वाला एक बहुत ही जटिल मामला है. चौंकाने वाले इस मामले के संबंध में सब से ज्यादा शिक्षित राज्य केरल से किसी को ऐसी घटना की उम्मीद नहीं थी. इस बारे में विस्तृत कहानी इस प्रकार सामने आई—
कोरोना के दरम्यान कई लोगों के रोजगार ठप हो गए थे. उन में डा. भागवल सिंह भी था. वह आयुर्वेद का डाक्टर है और उस ने अपने घर में ही आयुर्वेदिक मसाज का छोटा सा क्लिनिक खोल रखा था.
वह पंचकर्म और दूसरे तरह की आयुर्वेदिक तेल मसाज आदि का काम करता था. इस में उस की पत्नी लैला भी योगदान करती थी. स्थानीय मरीज से ले कर विदेशी पर्यटक तक उस के ग्राहकों में शामिल थे. किंतु कोरोना फैलने के बाद लोगों का आनाजाना लगभग बंद हो गया था, जिस का बुरा असर उस के काम पर भी पड़ा था.
वह भारी कर्ज में डूब गया था. उसे पैसे की सख्त जरूरत थी, ताकि वह अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर सके.
बात इसी साल मईजून महीने की है. वह किसी भी तरह से पैसा पाना चाहता था. उन्हीं दिनों उस की नजर फेसबुक पेज पर गई, जो श्रीदेवी के नाम से बना हुआ था. उस में जो जानकारी दी गई थी, वह उस के मतलब की थी. उस ने तुरंत उसे फ्रैंडशिप रिक्वेस्ट भेज दी. उस ने समझा कोई श्रीदेवी फैंस का ग्रुप होगा, जो जरूरतमंदों की मदद का काम करता है.
फेसबुक पेज पर एक क्रिएटिव में आर्थिक तंगी की समस्या के समाधान का शर्तिया उपाय करने का दावा किया गया था. उस ने तुरंत उस में दिए गए मोबाइल नंबर पर काल की. वह नंबर तांत्रिक मोहम्मद शफी का था.
शफी ने उसे बताया कि उस के पास आर्थिक तंगी दूर करने का जो तरीका है, उस बारे में मिल कर बताएगा. उस ने यह भी कहा कि वह उस पर भरोसा करे, ऐसा करने से उन के घर में धनवैभव आने लगेगा. इस काम में वह उन की पूरी मदद करेगा.
डा. भागवल उस की बातों पर भरोसा कर पत्नी लैला के साथ तांत्रिक शफी से जा कर मिला. शफी ने बताया कि उसे एक पूजा करनी होगी, जो मानव बलि का होगी. इस से भगवान खुश होंगे.
साथ ही यह भी बताया कि वो ही बलि के लिए महिलाओं का इंतजाम भी कर देगा. बदले में उसे थोड़े पैसे खर्च करने होंगे. पतिपत्नी इस के लिए तैयार हो गए. उस के बाद शफी इस काम में जुट गया.
इसी क्रम में शफी ने पहले कलाडी मट्टूर और बाद में धर्मपुरी की रहने वाली महिलाओं को पैसों और काम का लालच दे कर त्रिरुवल्ला ले आया.
कलाडी से लाई गई रोजली नाम की महिला को उस ने 6 जून को फिल्मों में काम दिलवाने का झांसा दिया था, जिस में उसे 10 लाख रुपए मिलने की बात बताई थी. दूसरी महिला पद्मम को उस ने 26 सितंबर को नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था.
तांत्रिक पहले जून में कलाडी की रहने वाली रोजली (49) को ले कर पथनामथिट्टा के एलंथूर ले गया. वहीं उस ने तंत्र साधना की और उस की बलि दी गई. डाक्टर की पत्नी लैला ने रोजली का सिर धड़ से अलग किया और डा. भागमल सिंह ने उस के स्तन काट कर अलग किए. फिर लाश के अनेक टुकड़े कर डाले. अनुष्ठान करने के बाद शव के टुकड़े वहीं दफना दिए.
इस तांत्रिक अनुष्ठान के बाद 3 माह बीत गए, लेकिन डा. भागवल की आर्थिक स्थिति में जरा भी सुधार नहीं हुआ. उस ने फिर तांत्रिक शफी से संपर्क किया. इस पर शफी ने उसे फिर झांसे में ले लिया और कहा कि उसे एक और मानव बलि देनी होगी. इस के लिए शफी ने ही दूसरी महिला पद्मम (52) का इंतजाम भी कर लिया. उस की तय कार्यक्रम के अनुसार बलि दे दी गई.
उन्होंने इस का भी गला काटा था. भागवल ने पद्मम के भी स्तन काट दिए थे. बलि दे कर मारी गई महिलाओं के शवों के 56 टुकड़े कर घर के पिछवाड़े में दफन कर दिए थे.
भून कर खाए महिलाओं के स्तन
काले जादू की रस्म के तहत दीवारों और फर्श पर खून के छींटे पड़े हुए थे. पुलिस को जांच में पता चला कि डा. भागवल ने दोनों महिलाओं के काटे हुए स्तन भून कर खाए थे. यह सब तांत्रिक के कहने पर काला जादू को प्रभावशाली बनाने के लिए किया था, ताकि धनसंपदा को अपनी ओर खींचा जा सके.
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद तांत्रिक मोहम्मद शफी के पुराने कुकर्मों का काला चिट्ठा भी खुल गया. जिस में वह मानव तस्करी के धंधे में लिप्त पाया गया.
पता चला कि वह एक सनकी और मनोरोगी इंसान है, जिस पर वर्ष 2020 में एर्नाकुलम के पथनामथिट्टा में 75 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जा चुका था.
पता चला कि पिछले 15 सालों में उस के खिलाफ 10 मामले दर्ज हो चुके हैं. पुलिस के मुताबिक शफी की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है. वही नरबलि मामले का मास्टरमाइंड भी था. वह बहुत ही शातिरदिमाग का था. श्रीदेवी के नाम से फेसबुक अकाउंट खोलने वाला शफी और राशिद एक ही व्यक्ति था, जिस ने भागवल सिंह को मानव बलि के लिए उकसाया था.
दरअसल, वह खुद मोहम्मद शफी था. भागवल सिंह और उस की पत्नी लैला उसे राशिद समझते थे.
पकड़े गए तीनों आरोपियों की ओर से अदालत में अधिवक्ता बी.ए. अलूर पेश हुए, जिन्हें कई सनसनीखेज मामलों में आरोपियों की पैरवी करने के लिए जाना जाता है. आईपीएस आर. निशानथिनी ने इस मामले को सुलझाते हुए बताया कि यह अपराध आर्थिक तंगी दूर करने और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया गया था.
इस लोमहर्षक घटना को ले कर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शोक व्यक्त करते हुए नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से बीमार लोग ही इस तरह के अपराध कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के काला जादू और जादूटोना की रस्मों को सभ्य समाज के लिए एक चुनौती के रूप में ही देखा जा सकता है.
इस बीच नरबलि का मामला सामने आने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन औफ इंडिया की ओर से विरोध मार्च निकाला, जहां काले जादू के तहत कथित तौर पर महिलाओं की बलि दी गई थी.
डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन औफ इंडिया ने कहा कि इस तरह की घटना केरल राज्य के लिए एक अपमानजनक बात है, जो देश में सामाजिक, सांस्कृतिक और साक्षरता के क्षेत्र में एक आदर्श है.
युवा संगठन ने बाद में एक विरोध सभा आयोजित की और कहा कि यह शर्म की बात है कि लोग अभी भी अंधविश्वास वाली मान्यताओं में विश्वास रखते हैं.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित