आज नही करना चाहता आपका पार्टनर सैक्स, कैसे बताएं हाल ए दिल

आपके कौलेज का आखिरी सेमेस्टर है और कल सुबह की परीक्षा के बाद कौलेज खत्म हो जाएगा. यह सबसे कठिन विषय है और आप काफी समय से इसके लिए काफी मेहनत से पढ़ रहे हैं, और इसलिए इस समय सेक्स के खयाल आपके दिमाग के आस पास भी नहीं फटक रहे. फिर चाहे आपकी गर्लफ्रेंड आपके साथ बिस्तर पर निर्वस्त्र ही क्यूं ना हो. उसके इम्तिहान खत्म हो चुके हैं और उसके दिमाग में अब कोई दबाव नहीं है और शायद इसलिए वो सेक्स के बारे में सोच रही है. तो ऐसे में आप उसे सेक्स के लिए कैसे मना करेंगे और इससे क्या फर्क पड़ेगा?

लेकिन सच ये है कि आपके मना करने के तरीके से दरअसल फर्क पड़ेगा. किसी भी रिश्ते में ऐसा समय आ सकता है जब एक साथी मूड में हो और दूसरा नहीं. इस स्थिति को सही तरीके से सम्भालना महत्वपूर्ण है क्यूंकि सेक्स को लेकर हुई असमर्थता से भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है.

काफी कुछ दांव पर

‘मेरे विचार में इसका सम्बन्ध भावनात्मक अति संवेदनशीलता से है’, कनेडीयन शोधकर्ता जेम्स किम ने 2016 की इंटर्नैशनल असोसीएशन फोर रेलेशन्शिप रीसर्च कॉन्फ़्रेन्स के दौरान बताया “एक रिश्ते में दो लोगों के बीच में कई बातों को लेकर मतभिन्नता हो सकती है, जैसे कि घर की सफाई, खाने में क्या बनाना है, बच्चो को किस स्कूल में डालना है वगैरह, वगैरह. लेकिन जहां तक सेक्स की जरूरतें हैं, उनके लिए आपकी अपेक्षाएं केवल आपके साथी से होती हैं. और ऐसे में अकसर काफी कुछ दांव पर लगा होता है, क्यूंकि अपने साथी से यह सुनना तकलीफदेह हो सकता है कि वो आपके साथ सेक्स करने के इच्छुक नहीं हैं.’

बातचीत में शामिल हों

किम ये पता लगाना चाहते थे कि लोग अपने साथी को सेक्स के लिए कैसे मना करते हैं. वो ये भी देखना चाहते थे कि रिश्तों और सेक्स की संतुष्टि के नजरिए से क्या ना कहने के कुछ तरीके दूसरे तरीकों से बेहतर थे?

पहले, उन्होंने शोध में शामिल 1200 लोगों से पूछा कि वो सेक्स के लिए कैसे मना करते हैं. उन्होंने चार वर्गीकरण किए और हर एक का उदाहरण सामने रखा. प्रयोग के दूसरे चरण में उन्होंने ‘ना’ कहने के बेहतर तरीक़ों को बारीकी से देखा.

ना कहने के चार तरीके

किम ने ना कहने तरीकों को चार हिस्सों में बांटा

  1. ‘केवल चुंबन और आलिंगन करते हैं ना’

सकारात्मक से शुरू करते हैं. यदि आप सेक्स के मूड में नहीं हैं, तो अपने साथी को चुम्बन और आलिंगन करने के लिए कहें. इस तरह आपको उन्हें निराश नहीं करना पड़ेगा और उन्हें बुरा नहीं लगेगा. ये एक तरह से एक संदेश है, ‘कि मूड नहीं होने की वजह तुम नहीं हो, तुम से मुझे बेहद प्यार है और आकर्षण भी है.’

2.’उफ्फ, दूर हटो’

ये अगला वर्गीकरण जरा कटुतापूर्ण है. इसके फलस्वरूप आपके साथी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती है और इस तरीके का सम्बन्ध कमजोर और नाखुश रिश्तों और असंतुष्ट सेक्स जीवन से होता है.

3.’नहीं, मूड नहीं है’

ये ना कहने का एक निर्णयपूर्ण तरीका है जो बिना अपने साथी की भावनाओं की कद्र किए, बस सेक्स की पेशकश को खारिज करने जैसा है. जैसे कि, “नहीं, मेरा सेक्स करने का मूड नहीं है.”

  1. संकेत देना

और अंत में किम की रिसर्च में एक पहलू ड्रामेबाजी का भी सामने आया. यानि मुंह पर मना करने की बजाय सोने का नाटक करना या दूर रहने का शारीरिक संकेत देना.

सबसे बेहतर क्या?

तो सबसे सही और सबसे ख़राब तरीका कौनसा है? देखिए अगर आप सेक्स के मूड में नहीं हैं तो भी अपने साथी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना किसी भी लिहाज से सही नहीं है. सेक्स ना सही, आप कम से कम प्यार और पुनः आश्वासन तो दे ही सकते हैं, ताकि आपके साथी को ये महसूस हो सके कि आप उनसे प्यार करते हैं और यह रिश्ता और आप, दोनों ही, उनके लिए बहुत मायने रखता है.

निर्णयपूर्ण ‘ना’ या बहाने बनाना कैसा है? हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन तरीकों का रिश्तों पर क्या असर पड़ता है, लेकिन यह सच है कि स्पष्ट ‘ना’ कहना उस समय बुरा अवश्य लग सकता है लेकिन लम्बे समय में यह स्पष्टवादिता रिश्ते के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकती है.

ना कैसे कहें

इस भाव का शिकार होना आसान है कि ‘शायद मेरा साथी मेरे साथ सेक्स करना पसंद नहीं करता या शायद मैं उन्हें आकर्षक नहीं लगता/लगती.’

अपने साथी को विश्वास दिलाकर आप उन्हें इन नकारात्मक विचारों के चंगुल से मुक्त कर सकते हैं. आपको उन्हें अक्सर ये याद दिलाते रहना चाहिए कि वो आपको कितने आकर्षक लगते हैं और आज भले ही आपकी मनोदशा सेक्स करने की ना हो लेकिन इसका उनके प्रति आपके आकर्षण से कोई सम्बन्ध नहीं है.

सेक्स के दौरान क्यों आता है खून? जानें कारण और इलाज

कई महिलाओं को संभोग के बाद रक्त स्त्राव होता है. वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करती है. पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से योनि से खून आता है. लेकिन, यह महिलाओं की योनि में सेक्स के समय लगी किसी चोट, संक्रमण व सर्वाइकल कैंसर का भी संकेत करता है. अगर सेक्स के बाद योनि से लगातार खून निकल रहा हो तो इस स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

सेक्स करते समय खून क्यों आता है?

सेक्स के बाद योनि से खून आने की समस्या को चिकित्सा जगत में पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) के नाम से जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है. जो महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति में नहीं है, उनमें इस तरह की समस्या गर्भाशय ग्रीवा के कारण उत्पन्न होती है, जबकि रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में यह समस्या कई अन्य कारणों से भी होती हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है. खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है. सेक्स के बाद महिलाओं की योनि से इस कारण भी खून आता है.

इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनकी वजह से सेक्स के बाद रक्त स्त्राव होता है.

संक्रमण होना कुछ संक्रमण में सूजन व ऊतक भी योनि से खून आने की वजह होते हैं. इसमें निम्न संक्रमण शामिल होते हैं –

श्रोणि में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)

  • एसटीडी- यौन संचारित रोग
  • गर्भावशय की ग्रीवा में सूजन (Cervicitis)
  • योनि में सूजन (Vaginitis; वैजिनाइटिस)

रजोनिवृत्ति में जेनिटोयुरनेरी सिंड्रोम – यह सिंड्रोम महिलाओं की योनि की सक्रियता को कम करने का इशारा करता है. यह रोग रजोनिवृत्ति के समय व अंडाशय निकालने के कारण होता है. महिलाओं की अधिक उम्र होने पर महवारी बंद हो जाती है और ऐसे उनके शरीर में एस्ट्रोजन के बनने का स्तर कम हो जाता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार होता है.

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से कई तरह के रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इससे महिलाओं की योनि में कम ल्युब्रिकेशन बनता है. जिससे महिलाओं की योनि में सूखापन व जलन होने लगती है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के लचिलेपन पर भी असर पड़ता है. योनि के ऊतक सिकुड़ जाते हैं. जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द, असहजता व खून आता है.

पोलिप्स (Polyps)

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है. इसके होने से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा व गर्भाशय की अंदरूनी परत में भी हो जाते हैं. यह गोल आकार के होते हैं. इनके सक्रिय होने पर यह ऊतकों में जलन व रक्त वाहिकाओं में ब्लीडिंग की वजह बनते हैं.

जोश में सेक्स करना

जोश के साथ सेक्स करना भी योनि से खून आने का कारण होता है, क्योंकि इस तरह के सेक्स में शारीरिक बल लगाया जाता है जिससे योनि में खरोंच आ जाती है. रजोनिवृत्ति, स्तनपान व योनि में रूखापन होने के कारण भी योनि से खून आता है.

कैंसर

योनि से लगातार खून आना या सेक्स के बाद खून आना सर्वाइकल व योनि के कैंसर का लक्षण होता है. इस तरह के लक्षण पाए जाने वाली कई महिलाओं की जांच में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है. इसके अलावा कई मामलों में गर्भाशय के कैंसर को भी पाया गया.

योनि में सूखापन होना

योनि का सूखापन रक्त स्त्राव होने का आम कारण होता है. इसके अलावा भी योनि से खून बहने के निम्न अन्य कारण होते हैं –

  • स्तनपान कराना.
  • बच्चे के जन्म के बाद.
  • अंडाशय को निकालना
  • कई दवाएं, जैसे- सर्दी में ली जाने वाली दवाएं, अस्थमा की दवा, अवसाद को कम करने वाली दवाएं व एस्ट्रोजन को कम करने वाली दवाएं आदि.
  • किमोथेरेपी व रेडीएशन थेरेपी.
  • शारीरिक बल व जोश के साथ सेक्स करना.
  • किसी कैमिकल से योनि को साफ करना.

क्या सेक्स के बाद योनि से खून आना किसी समस्या की ओर संकेत करता है?

अगर आपको सेक्स के बाद खून आ रहा हो तो यह सामान्य स्तिथि होती है. लेकिन इस स्थिति के बारे में सही जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मिलना होगा. अगर आपको पीरियड्स के कुछ समय पहले या बाद के दौरान सेक्स करने के बाद खून आए तो आपको डॉक्टर से इस विषय पर अवश्य परार्मश कर लेना चाहिए. जब तक डॉक्टर की जांच की रिपोर्ट आपको न पता चले तब तक दोबारा सेक्स न करें. कई बार संक्रमण व किसी अन्य गंभीर समस्या के कारण भी संभोग के बाद योनि से खून आने लगता है.

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी

सेक्स के बाद खून आने के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर आपको सेक्स के बाद बेहद ही कम रक्त स्त्राव हो रहा हो, तो आपको इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इन लक्षणों के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें.

  • योनि में खुजली और जलन,
  • मूत्रत्याग में जलन महसूस होना,
  • संभोग करते समय अधिक दर्द होना,
  • अधिक खून बहना,
  • पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द,
  • जी मिचलाना और उल्टी आना,
  • योनि से सफेद पानी आना इत्यादि.

संभोग के बाद खून बहने पर कौन से परीक्षण कराएं?

यौन संबंध के बाद खून बहना आमतौर पर योनि के रूखेपन के कारण होता है, लेकिन कई बार यह समस्या गंभीर भी हो सकती है. इसमें डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की जांच करते हैं. जिसमें वह आपकी योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए पैप स्मीयर (Pap Smear) टेस्ट करते हैं. कैंसर की पहचान होने पर कैंसर विशेषज्ञ के पास आपको भेज दिया जाता है.

यौन संबंध के बाद खून बहने के अतिरिक्त कारणों की जांच निम्न परीक्षण से की जाती है.

  • कोलपोस्कोपी (Coloscope) – इसमें महिलाओं की योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच की जाती है.
  • ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड.
  • यूरीन टेस्ट (मूत्र का परीक्षण).
  • खून की जांच.
  • योनि से निकलने वाले सफेद पानी की जांच.

यौन संबंध बनाने के बाद खून आने का इलाज

यौन संबंध बनाने के बाद योनि से खून आने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है. जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

ल्यूब्रिकेंट्स –

अगर आपकी योनि से खून आने की वजह रूखापन है तो आपको योनि में मॉइश्चराइजर लगना चाहिए. नियमित रूप से मॉइश्चराइजर को योनि की त्वचा पर लगाने से यह योनि की अंदरूनी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इससे रूखापन खत्म होकर त्वचा में नमीं आने लगती है.

योनि के लिए आने वाले ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से संभोग के समय त्वचा के घर्षण से छिलने की समस्या कम हो जाती है. पानी युक्त ल्यूब्रिकेंट सेक्स के समय योनि से आने वाले खून को कम कर देता है. तेल युक्त ल्यूब्रिकेंट व कंडोम को साथ में इस्तेमाल करने से कंडोम के कटने या फटने का डर बना रहता है. इसलिए आप पानीयुक्त ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ यौन संबंध बनाते समय तेजी या जोश दिखाने की जरूरत नहीं हैं. अगर जोश में महिला को समस्या हो रही है तो आपको तुरंत रूक जाना होगा या इसको आराम से धीरे-धीरे करना होगा.

एस्ट्रोजन थेरेपी –

रजोनिवृत्ति या अंडाशय को बाहर निकलवाने से योनि में रूखापन आने की वजह में आप एस्ट्रोजन थेरेपी को अपना सकती हैं. योनि के लिए आने वाली एस्टोजन क्रीम व अन्य उपादों का इस्तेमाल कर सकती हैं. योनि से खून आने की स्थिति में आप एस्ट्रोजन अंगूठी (रिंग) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस लचीली अंगूठी को योनि में अंदर लगाई जाती है. यह सीमित मात्रा में एस्ट्रोजन को करीब 90 दिनों तक स्त्रावित करता है. ओरल हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीन को बदल दिया जाता है.  इसके लावा भी महिलाओं के लिए कई अन्य विकल्प मौजूद है.

अन्य इलाज –

योनि में सूजन आना रूखेपन व संक्रमण की ओर संकेत करता है. इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं. आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटीबॉटिक के कारण भी ऐसा हो सकता है. श्रोणी में दर्द व यौन संचारित रोगों की दवा के साथ भी आपको एंटीबॉयोटिक की दवा दी जा सकती है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने पर भी डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं, जिससे आपको योनि में रूखापन हो जाता है.

बड़े काम की है शीघ्रपतन की जानकारी, क्या यह है बड़ी बीमारी

आज के दौर में हर उम्र के मर्दों में शीघ्रपतन की समस्या देखने में आ रही है. आम भाषा में इसे जल्दी पस्त हो जाना और अंगरेजी में इसे प्रीमैच्योर इजैकुलेशन या अर्ली इजैकुलेशन कहा जाता है. ऐसा अकसर अंग में प्रवेश से पहले या उस के तुरंत बाद हो सकता है. इस की वजह से दोनों पार्टनर सैक्स संबंधों के लिहाज से असंतुष्ट रहते हैं.

दरअसल, शीघ्रपतन आदमियों में सैक्स की आम समस्याओं में से एक है. शायद हर मर्द अपनी जिंदगी में कभी न कभी इस परेशानी से घिरता है. अगर अंग में डालने से पहले ही मर्द का वीर्य गिर जाता है, तो ऐसे में उस जोड़े में बच्चे पैदा न होने की समस्या भी पेश आती है.

शीघ्रपतन की समस्या का असर आदमी की सैक्स लाइफ पर देखने को मिलता है. इस समस्या के चलते आदमी अपनी लाइफ पार्टनर या प्रेमिका को सैक्स सुख नहीं दे पाता. इस से नाजायज संबंध भी बन जाते हैं, जिस का नतीजा कई बार परिवार के टूटने के रूप में भी होता है.

इस समस्या के हल के लिए लोग नीमहकीमों के चंगुल में भी फंस जाते हैं, जो उन को लूटते हैं और समस्या को सुलझाने के बजाय और बढ़ा देते हैं.

ज्यादा हस्तमैथुन करने से शरीर के बायोलौजिकल क्लौक का सैट हो जाना है. इस की वजह से आदमी को क्लाइमैक्स पर पहुंचने की जल्दी होती है और वह जल्दी से जल्दी मजा पाना चाहता है.

* सैक्स के बारे में ज्यादा सोचना भी शीघ्रपतन के लिए जिम्मेदार होता है. सैक्स फैंटेसी या पोर्न फिल्में देखने से भी आदमी ज्यादा जोश में आ जाता है और जल्दी ही पस्त हो जाता है.

* शराब के ज्यादा सेवन या डायबिटीज की वजह से भी शीघ्रपतन की समस्या पैदा हो सकती है.

* सैक्स संबंध बनाने के शुरुआती दिनों में भी इस तरह की समस्या पैदा हो जाती है.

* नया पार्टनर होने के चलते जोश में जल्दी वीर्य गिर सकता है.

* जल्दी पस्त होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि जोश देने का तरीका कैसा है.

* ओरल सैक्स से भी आदमी जल्दी डिस्चार्ज हो सकता है.

क्या करें?

अगर शीघ्रपतन की समस्या आप की जिंदगी में भी तनाव की वजह बन चुकी है, तो इसे चुपचाप सहन न करते रहें, बल्कि अपने डाक्टर से मिलें. वह आप की शारीरिक जांच कर इस की वजह पता लगाने की कोशिश करेगा.

डाक्टर के साथ खुल कर अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बात करें और अगर कभी किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तो उस के बारे में भी किसी तरह की जानकारी न छिपाएं.

ये उपाय भी आजमाएं

* जल्दी पस्त होना रोकने के लिए लंबी सांसें लें.

* जब भी वीर्य निकलने का समय हो, अपने साथी को लंबी सांसें लेने को कहें. इस से धड़कनों की रफ्तार कम होगी और वीर्य जल्दी नहीं निकलेगा.

* सैक्स के पहले इस प्रक्रिया के बारे में उसे अच्छे से समझाएं.

* ‘निचोड़ने की विधि’ के तहत अपने साथी के अंग को नीचे से जोर से दबाएं. ऐसा तब करें, जब आप के साथी का वीर्य निकलने वाला हो. इस से उस के अंग का इरैक्शन कम होगा और वीर्य नहीं निकलेगा.

* जल्द वीर्य को गिरने से रोकने के लिए स्टौप एंड स्टार्ट विधि अपनाएं. इस के तहत अपने साथी को 3 से 4 बार हस्तमैथुन करने के लिए कहें, जिस में वीर्य निकलने के समय पर उस का रुकना जरूरी है. इस से उसे पता चलेगा कि किस समय इजैकुलेशन होता है और वह इस पर अच्छे से काबू भी कर सकता है.

शीघ्रपतन और दवाएं

ऐसा नहीं है कि शीघ्रपतन होने से हर किसी के मन में तनाव की भावना पैदा हो जाती है. कुछ लोग इसे ले कर ज्यादा नहीं सोचते और इस का हल अपने तरीके से निकालते हैं. लेकिन अगर आप को लगता है कि इस से आप के मजे में कमी आ रही है, तो आप जोलोफ्ट, प्रोजाक जैसी दवाओं का सेवन कर सकते हैं. ये दवाएं शीघ्रपतन रोकने में आप की मदद करती हैं व आप का साथी बिस्तर पर आने से कई घंटे पहले भी इन दवाओं का सेवन कर सकता है.

एक बार इस दवा का सेवन कर लेने पर जब आप दोनों अच्छा वक्त बिताना शुरू कर रहे हों, तो उस समय मर्द की कामुकता में इजाफा होगा. इस से न सिर्फ वीर्य निकलने से रुकेगा, बल्कि पहले के मुकाबले आप के सैक्स संबंध भी बेहतर होंगे.

इन दवाओं के सेवन के लिए बेहतर यही होगा कि आप किसी माहिर सैक्स डाक्टर से सलाह लें.

इस के अलावा जोश रोकने के लिए अंग पर लोकल एनैस्थैटिक क्रीम या स्प्रे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अंग में जोश में कमी आने से वीर्य गिरने में देरी आएगी. कुछ मर्दों में कंडोम का इस्तेमाल भी इसी तरह जोश घटाने में मददगार होता है.

आमतौर पर आदमी वीर्य गिरने को कंट्रोल करना सीख लेते हैं. इस बारे में जानकारी हासिल करना और कुछ आसान उपायों को अपनाने से हालात पूरी तरह सामान्य हो जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक शीघ्रपतन की समस्या का जारी रखना आदमी में डिप्रैशन या एंग्जाइटी की वजह से हो सकता है. किसी मनोवैज्ञानिक से मिल कर इन परेशानियों को दूर किया जा सकता है.

इन 7 वजहों से लड़कियों को दी जानी चाहिए यौन शिक्षा

अमेरिका के सेंटर फौर डिसीज कंट्रोल के अनुसार हाल ही वर्षों में शेमिडिया, गोनोरिया और शिफलिस के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. STD (यौन रोग) से सबसे ज़्यादा युवतियां प्रभावित होती हैं.

स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चार में से एक युवती यौन रोग से प्रभावित है. युवतियों में बढ़ते यौन रोग का प्रमुख कारण है यौन शिक्षा का अभाव. आज भी कई ऐसे देश हैं जहां स्कूल के पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा विषय नहीं है.

यौन शिक्षा के अभाव में 13 से 19 साल की युवतियां प्रभावित हो रही हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं 7 ऐसे कारण जिसकी वजह से युवतियों के लिये यौन शिक्षा जरूरी है.

  1. युवा महिलाओं में यौन रोग होने की अधिक संभावना

एक अध्ययन नो द फैक्ट्स के अनुसार पुरुष की तुलना में युवतियों के शरीर चूंकि कुछ कमजोर रहते हैं, इसलिये उन्हें यौन रोग लगने की ज्यादा संभावना रहती है. इस बारे में कई युवतियों को खबर भी नहीं रहती. इस समय 15 से 24 साल की उम्र के ग्रुप में 51 प्रतिशत युवतियां यौन रोग की शिकार हैं. पुरुषों के मामले में ये प्रतिशत 49 है.

  1. 19 की होने तक 60 फीसद युवतियां सेक्स कर चुकी होती हैं

नो द फैक्ट्स के अनुसार 15 साल पूरे करने तक 13 फीसद युवतियां सेक्स का अनुभव करने लगती हैं और 19 की होते तक 68 फीसद युवतियां पूरी तरह सेक्स करने लगती हैं. इस संख्या को देखकर ही यौन शिक्षा की जरुरत महसूस होती है.

  1. यौन रोग से अनजान रहती हैं युवतियां

ज्यादातर युवतियों को पता ही नहीं होता कि यौन रोग कैसे होता है. इनमें से कई युवतियों को लगता है कि टॉयलेट की सीट पर बैठने से यौन रोग हो जाता है.

  1. तीस लाख से ज्यादा युवतियां यौन रोग से ग्रस्त हैं

एक अध्ययन के अनुसार तीस लाख से ज्यादा युवतिया शेमिडिया, हरपीस और ट्रिख जैसे यौन रोग से ग्रस्त हैं. ये संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि अध्ययन में सिफलिस, HIV, गोनोरिया जैसे रोग को शामिल नहीं किया गया है.

  1. महिलाओं को अधिक होते हैं यौन रोग

पुरुष की तुलना में महिलाओं को यौन रोग होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. महिलाओं में यौन रोग का इलाज न करने पर सरवाइकल कैंसर भी हो सकता है और गर्भधारण करने में भी मुश्किल हो सकती है.

  1. 10 फीसद से ज्यादा युवतियों को एक से ज्यादा यौन रोग होते हैं

कंडोम का प्रयोग न करने या ठीक से प्रयोग न करने से एक से ज्यादा यौन रोग हो सकते हैं. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार 14 से 19 साल के बीच की 15 फीसद युवतियों को एक से ज्यादा यौन रोग होते हैं.

  1. तीन या इससे अधिक पुरुषों से संबंध बनाने वाली आधी से ज्यादा युवतियों को होता है यौन रोग

हालंकि अगर आप कंडोम इस्तेमाल करते हैं तो यौन रोग होने की संभावना कम ही रहती है भले ही आप कितनों के भी साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन सेंटर फौर डिसीज कंट्रोल के अनुसार युवतियों के मामले में ऐसा नहीं है. 50 फीसद से ज्यादा युवतियों में, जिन्होंने तीन या इससे अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं, यौन रोग पाए गए हैं.

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