भोजपुरी फिल्मों के साथ ही भोजपुरी गीत संगीत में बढ़ती अश्लीलता व फूहड़ता ने अब कई बिहार पुत्रों के इसके खिलाफ जंग छेड़ने के लिए उद्वेलित कर दिया है.इसी के चलते बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी सफलतम फिल्म ‘‘नमस्ते बिहार‘‘फेम और चार्ली चैप्लिन द्वितीय के रूप में मशहूर अभिनेता तथा बिहार पुत्र हीरो राजन कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,बिहार प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर भोजपुरी सिनेमा व भोजपुरी गीत संगीत में जिस तरह से लोकगीतों के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है,उसे रोकने के लिए दिल्ली,मुंबई,कलकत्ता ,चेनई, हैदराबाद की तरह बिहार राज्य के पटना शहर में ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रसारण बोर्ड’ का दफ्तर खोलने की मांग की है. जिससे भोजपुरी व मैथिली भाषा के जानकार लोग अश्लीलता रोकने में मददगार साबित हो सकें.
पिछले कुछ वर्षों में बिहार में लोक गीत संगीत और भोजपुरी गाने के नाम पर धड़ल्ले से अश्लीलता परोसी जा रही है. आज अश्लीलता, द्विअर्थी गीतों और भड़काऊ अलबम का बहुत बड़ा भयावह बाजार बन गया है. भोजपुरी गीत के नाम पर बहन, चाची, लईकी, भउजी, साली जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए रिश्तों को भी बदनाम किया जा रहा है.पिछले दिनों कई भोजपुरी कलाकारों द्वारा परोसी गई अश्लीलता पर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा भी हुआ, बात मीडिया में भी आई मगर इस समस्या पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया,जिससे लोग ऐसे भद्दे गाने बनाने या इसे रिलीज करने से पहले सोचें.
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यूं तो हाल ही में सांसद रवि किशन शुक्ला ने भी भोजपुरी फिल्मों और गानों के जरिए समाज में फैलाई जा रही अश्लीलता पर रोक लगाए जाने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की थी. लेकिन उनकी इस मांग पर कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि,‘क्या रवि किशन ने जिन भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया, वह साफ सुथरी फिल्मों की श्रेणी में आती हैं?’’ खैर, अब बिहार पुत्र, ‘बिहार फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एयसोसएिशन’ के संस्थापक अध्यक्ष और फिल्म ‘‘नमस्ते बिहार‘‘ के हीरो राजन कुमार ने बिहार में सेंसर बोर्ड स्थापित करने की मांग की है.
हीरो राजन कुमार ने बिहार फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष की हैसियत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,बिहार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनका ध्यान समाज की इस गंदगी की तरफ देने की गुहार लगाई है. उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि बिहार में भोजपूरी गानों और फुहड़ फिल्मो के द्वारा अश्लीलता का बाजार गरम है,जो समाज और हमारी सांस्कृतिक विरासत को एक बड़ा खतरा है. उन्होने अपने इस पत्र में अश्लील गीत संगीत और फूहड़ता फैलाने वाली फिल्मों पर अंकुश लगाने के लिए बिहार के पटना शहर में सेंसर बोर्ड की स्थापना की अपील की है.
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राजन कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि बिहार अपनी कला संस्कृति, गीत संगीत और लोकगीत की महत्ता और खूबसूरती की वजह से सारी दुनिया मे मशहूर है. बिहार के पारम्परिक लोकगीतों को सुनते ही दिल दिमाग को बहुत सुखद अनुभव होता है परन्तु, दुःख की बात यह है कि आज लोकगीत के नाम पर अश्लील गीत संगीत तैयार किए जा है जिन पर लड़कियों से उत्तेजक डांस करवाए जा रहे हैं. जिसका दुष्परिणाम ये हो रहा है कि आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है और हमारा युवा भटकता जा रहा है. अब तो, शादी-व्याह, तिलक, जन्मदिन और छोटे-छोटे उत्सवों पर भी अश्लील गीत संगीत बजाकर और इस तरह के कार्यक्रम कर इनको फलीभूत किया जा रहा है.निजी सवारी, सामान ढोने वाले वाहन, चैक-चैराहा, ऑटो-टेम्पो, बस और ट्रैक्टर में धड़ल्ले से ऐसे द्विअर्थी गाने बज रहे है.जिन्हें सुनकर कुछ मनचले युवक रास्ते पर, सफर में अकेले चल रही बहु-बेटियो पर छींटाकशी करते हैं. इसलिए बिहार कला संस्कृति के सम्मान हेतु इस पर जल्द से जल्द अंकुश लगाने की जरुरत है.
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राजन कुमार ने सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निवेदन के साथ कुछ बेहद महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं.उनकी अपील है कि बिहार में केद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्थापना हो, जो म्यूजिक वीडियो और फिल्म को सेंसर करके पारित करे. कला संस्कृति विभाग के अधिकारिक वेबसाइट पर सभी कलाकारों,फिल्मकारों,गीतकारों, संगीतकारों और फिल्म निर्देशकों का सरकारी पहचान पत्र के साथ ऑनलाइन पंजीकरण हो. बिहार में एक राज्य और प्रमंडलवार गीत,संगीत और फिल्म परामर्शी समिति का गठन हो, जो भोजपुरी व मैथिली सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं पर आधारित गीत संगीत को देखकर कर अनुमति दे. सभी रिकॉर्डिंग स्टूडियोको गीत-संगीत रिकॉर्डिंग मार्गदर्शिका प्रदान किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका अनुपालन कड़ाई से हो. जिससे कोई भी कलाकार अश्लील गीत@संगीत और फूहड़ फिल्म बनाने की कल्पना भी न करे.