मनु भाकर की तंदरुस्ती का जानें राज, फिट रहने के लिए करती है ये

Paris olympic 2024 में एयर पिस्टल शूटर मनु भाकर ने ब्रौन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए एक नया इतिहास रचा है. मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में 222.7 का स्कोर बनाया. जिसके बाद उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया. मनु निशानेबाजी में भारत को मेडल दिलाने वाली पहली महिला एथलीट बन चुकी हैं. अब मनु दो ब्रौन्ज मेडल जीत चुकी है.  Games

मनु के जीतने के बाद मेडल के मामले में भारत का खाता खुला है. मनु ने मेडल जीतने पर कहा कि कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद उनका सपना पूरा हुआ है. भारत को निशानेबाजी में 12 साल बाद कोई मेडल मिला है. 22 साल की मनु ओलंपिक खेलने वाली लड़कियों के लिए एक मिसाल बन रही हैं. लेकिन मनु अपने गेम्स के साथ साथ अपनी फिटनेस को लेकर भी काफी चर्चा में रहती है. मनु की फिटनेस वीडियो भी वायरल है. लेकिन उनके फैंस ये जरूर जानना चाहते होंगे कि आखिर मनु अपनी फिटनेस के लिए क्या क्या करती है.

 

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मनु फिट रहने के लिए रैग्युलर तौर पर एक्सरसाइज करती हैं और लंबे समय तक शारीरिक गतिविधियों में शामिल रहती हैं. वे फीजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को लेकर भी काफी एक्टिव रहती हैं. जिसके लिए वे रोज योग और मेडिटेशन करती हैं. कुछ समय पहले मनु ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की थी, जिसमें वे धूप सेंकती हुई नजर आ रही थीं. मनु शरीर में विटामिन डी को मेनटेन रखने के लिए गोलियां और सप्लीमेंट्स खाने के बजाय धूप सेंकती हैं.

मनु हफ्ते में कम से कम 5 दिन जिम जरूर जाती हैं. इसके साथ ही वे अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो और वेट ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज करते हुए वीडियो शेयर करती हैं. यही नहीं, मनु अपनी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए रस्सी भी कूदती हैं.

मुन भाकर की डाइट

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मनु प्योर वेजिटेरियन हैं. वे अंडे तक खाना पसंद नहीं करती हैं. शरीर में कार्ब्स, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों को बैलेंस रखने के लिए वे केवल घर का बना शुद्ध शाकाहारी खाना ही खाती हैं. जिसमें वे सब्जी, दाल, रोटी और पनीर आदि लेती हैं. वे बाहर का कुछ भी खाने के बजाय केवल मां के हाथ का बना भोजन करना ही पसंद करती हैं.

कैसा रहा मनु भाकर का स्ट्रगल

मनु भाकर हरियाणा के झज्जर की युवा निशानेबाज है, जिन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी से आज देश को गर्वित कर दिया है. 22 साल की उम्र में उन्होंने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.

मनु ने अपने कोच जसपाल राणा के साथ की कड़ी मेहनत कर ये मुकाम हासिल किया. उन्होंने राणा द्वारा तैयार की गई डेली रूटीन को फोलो किया और फिर से जुड़ने से वह एक बेहतर एथलीट बन गईं.

मनु भाकर की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में किसी भी मुश्किल का सामना कर रहे हैं. उनकी यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए सिर्फ मेहनत और दृढ़ता की जरूरत नहीं है और मनु ने इसे साबित कर दिखाया है.

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