अगर आपको भी है सिगरेट पीने की आदत तो इस खबर को जरूर पढ़ें

Lifestyle tips in Hindi: स्मोकिंग (Smoking) करने वाले लोग अक्सर ऐसा सोचते हैं कि वह सिर्फ खुद को हानी पहुंचा रहें है परंतु उन्हे ये नहीं पता कि वे अपने साथ साथ पूरे समाज को नुकसान दे रहें हैं. सिगरेट का धुंआ एक्टिव स्मोकर से ज्यादा पैसिव स्मोकर के लिए हानिकारक (Harmful) होता है और सिगरेट पीने से समाज में बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. स्मोकिंग करने वाले लोग शारिरिक बिमारियों (Physical Disease) के साथ साथ मानसिक बिमीरियों (Mental Disease) का भी शिकार होते चले जाते हैं.

कैसे करता है निकोटिन दिमाग पर असर –

सिगरेट में मिले निकोटिन का असर सीधा हमारे दिमाग पर होता है. आमतौर पर हर व्यक्ति स्मोकिंग करने की शुरूआत सिर्फ शौक के तौर पर करता है और वो ये सोचता है कि उसे इसकी आदत नहीं लग सकती पर कब वे स्मोकिंग करने का आदी बन जाता है उसे खुद पता नहीं चलता. नियमित रूप से सिगरेट पीने से हमारे अंदर कई सारे बदलाव आते है जैसे कि सिगरेट ना मिलने पर हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है , स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है और सिगरेट की तलब के कारण स्मोकर जो अपने साथ साथ दूसरों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

एसा नहीं है कि स्मोकर सिगरेट छोड़ने की कोशिश ही नहीं करता, वे कोशिश तो करता है परंतु नाकामयाब रहता है क्यूंकि सिगरेट में मिला निकोटिन उसके दिमाग पर इतना असर कर चुका होता है कि वे चाह कर भी स्मोकिंग करना नहीं छोड़ पाता. सिगरेट में मिला निकोटिन तय करता है कि स्मोकिंग आपके दिमाग पर किस प्रकार असर करेगी. जिस प्रकार निकोटिन की मात्रा हमारे दिमाग पर असर करेगी उसी प्रकार स्मोकिंग का असर शरीर और मन पर होगा.

स्मोकिंग करते समय निकोटिन का एक डोज़ 10 सेकेंड के अंदर दिमाग तक पहुंच जाता है और मसल्स को रिलेक्स कर देता है. निकोटिन का दिमाग तक पहुंचना हमारा मूड अच्छा करने के साथ साथ भूख भी मिटा देता है. जब भी निकोटिन की सप्लाई हमारे दिमाग में कम होती है, तभी हमें ईसकी ज़रूरत महसूस होने लगती है और फिर से स्मोकिंग करते ही सब अच्छा लगने लगता है.

युवाओं में फैलता सिगरेट का ट्रेंड-

आजकल हमारे समाज के युवा बहुत कम उम्र में ही ये सब शुरू कर देते हैं और इसका कारण है उनकी सोसाइटी. जब वे अपनी उम्र के लोगों को स्मोकिंग करते देखते है तो उनके मन में भी इसे ट्राई करने की इच्छा जाग उठती है. कई युवा अपनी मेच्योरिटी दिखाने के लिए भी स्मोकिंग करना शुरू कर देते हैं.

सिगरेट पीने वाले लोग यह साचते हैं कि स्मोकिंग करने से उनका दिमाग शांत हो जाता है व तनाव कम हो जाता है और तनाव से पीछा छुड़ाने के लिए ही अक्सर वे स्मोकिंग करते हैं परंतु ऐसा होता नहीं है क्यूंकि रिलेक्स होने की फीलिंग जल्द ही खत्म हो जाती है और फिर से स्मोकिंग करने को दिल मचलने लगता है.

घर या ऑफिस से उन्हें अनचाहा तनाव मिलते ही हल निकालने की बजाए वे स्मोकिंग करने लग जाते हैं जिससे की तनाव घटना नहीं बल्की और ज्यादा बढ़ जाता है.

कैसे छोड़ें सिगरेट-

अपना ज्यादा से ज्यादा समय परिवार और दोस्तों के साथ बिताएं और उन्हे अपनी इस आदत के बारे में बताएं जिससे की वे सब आपकी मदद कर पाएंगे.

कोशिश करें की आप सिगरेट पीने वाले लोगों के साथ भी न बैठें जिन्हे देख के आपका मन सिगरेट की ओर आकर्शित हो.

अगर आप भी हैं सिगरेट पीने की आदत से परेशान, तो जरूर फौलौ करें ये टिप्स

युवा ये जानते हैं कि सिगरेट पीना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन चाह कर भी उन्हें इस लत से छुटकारा नहीं मिल पाता. लेकिन ये संभव है. आज हम आपकों बताएंगे ऐसे उपाय जिनके इस्तेमाल से आप इस जानलेवा लत से छुटकारा पा सकते हैं.

  • जेब में सिगरेट की बजाय मुलेठी रखें. स्मोकिंग की इच्छा होने पर मुलेठी चबाएं. सिगरेट पीने की तलब कम हो जाएगी.
  • स्मोकिंग की तलब होने पर च्युइंगम चबाएं. इससे आपका मुंह भी बिजी हो जाएगा और सिगरेट पीने की तरफ से आपका ध्यान हट जाएगा.
  • अपनी डाइट में ओट्स को शामिल करें. ओट्स शरीर के टौक्सिन्स को बाहर निकालता है और स्मोकिंग की इच्छा को कम करता है.
  • आंवले के टुकड़ों में नमक मिलाकर सुखा लें. स्मोकिंग होने पर इनको चूस लें. इसमें मौजूद विटामिन सी निकोटिन लेने की इच्छा को कम करता है.
  • सिगरेट पीने की इच्छा हो तो दालचीनी चबाएं या इसका टुकड़ा मुंह में रखें. इसका स्वाद निकोटिन की इच्छा को कम करता है.
  • दिन भर में 6 से 8 गिलास पानी पीएं. इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट रहती है साथ ही खतरनाक टौक्सिन भी बौडी से निकल जाते हैं.
  • बेकिंग सोडा बौडी में पीएच लेवल को मेंटेन करता है. जिससे निकोटिन लेने की इच्छा में भी कमी आती है. दिन में दो-तीन बार पानी में बेकिंग सोडा घोलकर पीएं.
  • जब सिगरेट पीने की तलब लगे तो एक चम्मच शहद चाट लें. ये स्मोकिंग से हुए नुकसान को ठीक करते हैं.
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