Alcohlic : मेरे पति शराब के अलावा चरस गांजे का भी नशा करते हैं

Alcohlic : अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल –

मेरे शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और शादी के समय मेरे ससुराल वालों ने मुझसे और मेरे घरवालों से यह बात छिपाई थी कि मेरे होने वाले पति कोई भी नशा नहीं करते और इसी शर्त पर मैं उनके साथ शादी करने के लिए मानी थी. शादी के बाद मेरे कुछ दिन तो बिल्कुल अच्छे निकले लेकिन अब मुझे धीरे धीरे पता चला है कि मेरे पति ना सिर्फ शराब (alcohlic) पीते हैं बल्कि चरस गांजा तक पीते हैं और इसी वजह से वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ देर रात तक बाहर रहते हैं और उनकी इन आदतों के बारे में उनके घरवालों को भी पता था. जब मैंने उनके इस बारे में बात की तो उन्होनें पहले तो मेरी बात का ठीक से जवाब नहीं दिया पर उसके बाद उन्होनें साफ कह दिया कि हां मैं यब सब चीज़ें करता हूं. ऐसे में अब हमारे रोज लड़ाई-झगड़े होते हैं और मैं इस लड़ाई-झगड़ों से परेशान आ चुकी हूं. मेरा अपने पति के साथ रहने का बिल्कुल मन नहीं करता. मुझे क्या करना चाहिए ?

जवाब –

अक्सर मां-बाप शादी के समय अपने बच्चों की खामियां उनके ससुराल वालों से छिपा जाते हैं जो कि बेहद गलत है. हमें सबसे पहले अपने बच्चों की सारी अच्छी बुरी आदतें उनके होने वाले लाइफ पार्टनर से डिस्कस करनी चाहिए क्यूंकि अक्सर घर टूटने और तलाक की वजह यही बातें होती है.

लड़के के मां-बाप को लगता है कि शादी के बाद जिम्मेदारी आने पर लड़का अपने आप सुधर जाएगा या उसकी पत्नी उसे सुधार देगी पर वह इस बात को नहीं समझते कि शादी के बाद भी अगर उनका लड़का नहीं सुधरा तो आने वाली लड़की की जिंदगी भी खराब हो सकती है.

आपके केस में आपसे आपके पति की बुरी आदतें छिपाई गई हैं जो कि बिल्कुल गलत है. आपको सबसे पहले अपने सास-ससुर के पास जाना चाहिए और उन्हें उनके बेटे की सारी आदतों के बारे में बताना चाहिए. हो सकता है कि उन्हें अपने बेटे की सारी आदतों का ना पता हो या फिर उन्हें लगता तो कि अब उनका बेटा सुधर गया है. आप अपने सास-ससुर को बताएं कि आपके समझाने के बावजूद आपके पति नशे नहीं छोड़ रहे.

अगर आपके सास-ससुर के समझाने पर आपके पति समझ जाते हैं तो अच्छी बात है लेकिन अगर आपके पति फिर भी नहीं सुधरते तो आप अपने पति को धमकी दे सकती हैं कि अगर उन्होनें नशों की बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो आप उन्हें छोड़ कर चली जाएंगी. ऐसे में उनको डराने के लिए आप 3-4 दिन या एक हफ्ते के लिए अपने मायते रहने चले जाइए जिससे कि आपके पति को एहसास हो कि वे जो कर रहे हैं वे बिल्कुल गलत है और इससे उनका घर कभी नहीं बस सकेगा.

अगर आपके पति नशे छोड़ना चाहते हैं और वे चाह कर भी नशे (alcohlic) नहीं छोड़ पा रहे तो आप उन्हें किसी अच्छे डौक्टर के पास ले कर जाएं ताकि उन्हें नशे छोड़ने में मदद मिल सके.

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SEX कबसे करना सही होगा, महीनेभर पहले वाइफ की डिलीवरी हुई है

सवाल

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए?

जवाब

इस का कोई तय नियम नहीं है. बच्चा होने के बाद जब बीवी जिस्मानी तौर पर पूरी तरह से सेहतमंद हो जाए, तभी सेक्स करना चाहिए.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

 

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Sex Fantasy : जरूरी है मियां बीवी के लिए

आज के समय में हर इंसान यह चाहता है कि उस की मैरिड लाइफ बिल्कुल भी बोरिंग ना हो. पहले के समय में हम ने देखा है कि लोगों कि मैरिड लाइफ काफी बोरिंग रहती थी क्योंकि हसबैंडवाइफ एकदूसरे से हर बात को शेयर और डिस्कस नहीं कर पाते थे. और तो और पहले के जमाने में पत्नियां अपने पति से काफी शर्माती भी थीं और अपनी निजी या सैक्स से जुड़ी इच्छाओं को शेयर करने में सकुचाती थी, उन्हें यह लगता था कि अपनी इच्छाओं को सामने लाने पर पति उसके चरित्र पर संदेह करेगा पर अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. आज के मौडर्न समय में लड़कियां लड़कों से भी आगे निकल चुकी हैं. मौडर्न कपल्स एकदूसरे से सारी बातें और प्रौब्लम्स शेयर कर लेते हैं और अपनी सैक्स से जुड़ी इच्छाओं को भी .

गुड सैक्स मतलब गुड मैरिड लाइफ

मैरिड लाइफ को इंटरस्टिंग बनाने के लिए सबसे पहले जरूरी है हमें अपनी सैक्स लाइफ को रोचक बनाना होगा. सैक्स हमारे बौडी कि ऐसी जरूरत है जिसे हम चाह कर भी इग्नोर नहीं कर सकते. सैक्स करने से कपल्स के बीच का बौंड और ज्यादा स्ट्रौंग बनता है. हम अकसर अपनी बाकी बातों में उलझ कर सैक्स के बारे में नहीं सोच पाते और अपनी सैक्स लाइफ बोरिंग बना बैठते हैं.

अच्छी सैक्स लाइफ के लिए अपनाएं सैक्स फैंटसीज

हर इंसान के लिए सैक्स फैंटसीज जरूर होती हैं और हम सब को सैक्स में नई नई चीजें ट्राई करना बेहद पसंद होता है लेकिन फिर भी किसी ना किसी वजह से हम नहीं कर पाते हैं और बस सोचते रह जाते हैं. हमें अपनी सैक्स लाइफ में फैंटेसीज का तड़का लगाना चाहिए. कई लोग पौर्न वीडियोज देख नई नई चीजें ट्राई करते हैं और अपने पार्टनर्स को एक अलग सी सुख देने की कोशिश करते हैं. आप को हमेशा अपने पार्टनर से सैक्स के बारे में बात करनी चाहिए और उन से पूछना चाहिए कि हम अपनी सैक्स लाइफ और बहतर कैसे बना सकते हैं. इससे आप के बीच का कम्युनिकेशन भी ठीक होगा

पार्टनर से बात कर बनाएं फैंटसीज

हमें अपने पार्टनर से सैक्स के बारे में जरूर बात करनी चाहिए और जानना चाहिए कि हमारे पार्टनर की सैक्स डिजायर्स या सैक्स फैंटसीज कैसी हैं और क्या हम अपने पार्टनर को वो एंजौयमेंट दे पा रहे हैं जो उन्हें चाहिए. अगर आप के या अपने पार्टनर की कोई सैक्स फैंटसीज नही हैं तो आपकी सैक्स लाइफ बोरिंग हो जाएगी. इस बोरियत के आने के पहले दोनों को सैक्स फैंटसीज बनानी चाहिए और अलगअलग पोजीशन्स ट्राई करनी चाहिए. उस के बाद यह भी डिस्कस करें कि आप का अनुभव कैसा रहा.

ट्राई करें ओरल सैक्स

सैक्स लाइफ में तड़का लगाने के लिए सैक्स को सिर्फ एक प्रोसेस ना मानें बल्कि सैक्स को पूरी फीलिंग के साथ करें. ओरल सैक्स से आप अपने पार्टनर को वो सुख दे सकते हैं जो आप दोनों ने कभी एक्सपीरिंस नहीं किया होगा. सैक्स करने से पहले अपने पार्टनर को इस कदर प्यार दें कि दोनों को सैक्स से पहले ही इतना आनंद मिल जाए कि बस दोनों पार्टनर्स सैक्स करने पर मजबूर हो जाएं और सैक्स किए बिना रह न पाएं. सैक्स से पहले अपने पार्टनर की पूरी बौडी अपने हाथों से सहलाएं और अपनी जीभ का इस्तेमाल कर अपने पार्टनर की पूरी बौडी पर जम कर किस करें और साथ ही उन्हें इतना जोर से गले लगाएं कि आप दोनों एक दूसरे की दिल की धड़कनें तक महसूस कर पाओ.

सैक्स में कुछ नयापन लाने से दोनों को एक अलग ही सुख की प्राप्ति होगी जो अब से पहले आप दोनों को नहीं हुई होगी. ऐसा करने से आप की सैक्स लाइफ और भी ज्यादा बेहतरीन बन सकती है और साथ ही आप की मैरिड लाइफ आप को कभी भी बोरिंग नहीं लगेगी.

शादी से पहले मेरी पत्‍नी ने Abortion करवाया था, तबसे पीरियड्स अनियमित हो गया है, क्या करूं?

सवाल
मेरी पत्‍नी की उम्र 30 साल है. हमारी लव मैरिज है.  शादी के पहले हमने संबंध बनाए थे, जिससे उसे गर्भ ठहर गया था, तब उसने अर्बाशन करा लिया.  पर उस के बाद से ही मेरी वाइफ का पीरियड्स अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. वह प्रैगनेंट होना चाहती है लेकिन नहीं हो पा रही.  कहीं इसकी वजह पीरियड का अनियमित होना तो नहीं है?

जवाब
पीरियड्स  दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है. किसी अचछे चिकित्‍सक से मिल कर इस बारे में परामर्श लें. इस तरह की समस्‍याओं को अनदेखा न करें.

Boyfriend मेरे प्राइवेट पार्ट्स टच करता है. क्या मुझे करने देना चाहिए?

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सवाल –

मेरी उम्र 22 साल है. मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस से मेरा रिलेशन 1 साल से चल रहा है. वह मुझ से बहुत प्यार करता है और मेरा अच्छे से खयाल भी रखता है. लेकिन मेरा बौयफ्रैंड जब भी मुझ से अकेले में मिलता है तो वह मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करता है. मैं हर बार उसे ऐसा कुछ करने से मना करती हूं लेकिन वह फिर भी नहीं मानता और कहता है कि गर्लफ्रैंड और बौयफ्रेंड में यह सब चलता है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या मुझे उसे यह सब करने देना चाहिए?

जवाब –

आजकल रिलेशनशिप में आना काफी सामान्य सी बात है और कई लोग रिलेशनशिप में न सिर्फ रोमांस बल्कि सैक्स भी कर लेते हैं. हर इंसान को रोमांस करना पसंद होता है. जैसाकि आप ने बताया कि आप का बौयफ्रैंड अकेले में आप के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो ऐसे में आप खुद सोचिए कि क्या आप को अच्छा लगता है जब वह यह सब करता है?

अगर आप को यह सब अच्छा लगता है और आप का बौयफ्रैंड का टच करना पसंद आता है तो बेशक आप को उसशका साथ देना चाहिए और इसे एक ऐंजौय की तरह लेना चाहिए.

रिलेशनशिप में किसिंग, स्मूचिंग या फिर सैक्स संबंध बनाना आम बात है मगर यह जबरन नहीं, रजामंदी से हो तभी ठीक है.

अलबत्ता, आप दोनों पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं लेकिन आप हर बार अपने बौयफ्रैंड को रोमांस के लिए मना कर देती हैं पर वह फिर भी आप से प्यार करता है तो ऐसे में उस का प्यार आप के लिए सच्चा है और जिस्मानी नहीं है तो आप को उस के साथ रोमांस जरूर करना चाहिए और उसे भी थोड़ी लिबर्टी लेने दीजिए.

आप को एक अच्छा लड़का मिला हुआ है तो उसे थोड़ी छूट देने में कोई बुराई नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि आप के इस स्वभाव की वजह से आप एक अच्छे लड़के से हाथ धो बैठें.

अगर आप श्योर नहीं हैं कि भविष्य में आप की उस के साथ शादी होगी या नहीं तो ऐसे में सैक्स को ले कर आप सोचसमझ कर कदम उठाएं लेकिन रोमांस का मजा आप खुल कर उठा सकती हैं.

अगर आप को कभी भी ऐसा फील हो कि आप सैक्स करने के लिए भी तैयार हैं तो यह करना भी कोई गुनाह नहीं है बल्कि रोमांस और सैक्स एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई ऐंजौय करता है.

मगर ध्यान रहे, सैक्स के लिए दोनों की रजामंदी जरूरी है और चूंकि अभी आप दोनों को ही पहले कैरियर बनानी है, तो ऐहतियात जरूर बरतें और बौयफ्रैंड से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस दौरान यह चैक भी करें कि कंडोम फट तो नहीं गया. वैसे, अच्छी क्वालिटी का कंडोम जल्द फटता नहीं और सैक्स को मजेदार बनाता है.

आप एक बात का ध्यान रखना कि आप को अपने बौयफ्रेंड को उतनी ही छूट देनी है जहां तक आप का मन मानता हो या जहां तक आप कंफर्टेबल फील करें. जहां भी आप को लगे कि आप असहज फील कर रही हैं तो उसी समय अपने बौयफ्रैंड को रोक दें.

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मौर्निंग Sex के ढेरों हैं फायदें

प्यार करने वालों को कहां पता होता है कि प्यार करने का भी कोई वक्त होता है, उन्हें तो बस प्यार करने से मतलब होता है. आजकल के कपल्स सैक्स को सिर्फ एक प्रोसेस न समझ कर सैक्स को अच्छे से ऐंजौय और पूरी फील के साथ करने में विश्वास रखते हैं और इस के लिए कुछ कपल्स तो पूरी रिसर्च करते हैं कि सैक्स को किस तरफ से ऐंजौय किया जा सकता है.

मौर्निंग सैक्स के हैं बहुत फायदे

कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि सैक्स का वक्त सिर्फ रात का होता है और सोने से पहले सैक्स करना चाहिए पर यह बात पूरी तरह से गलत है. सैक्स को सुबह भी ऐंजौय कर सकते हैं.

पूरे दिन के थके हुए हम जब औफिस या अपने काम से घर आते हैं और खाना खाने के बाद सैक्स करने लगते हैं तो हमारी बौडी में पूरी तरह से ऐनर्जी नहीं रहती कि हम अपने पूरे पोटेंशियल से सैक्स कर पाएं.

तो ज्यादा देर तक कर पाएंगे सैक्स

ऐसे में अगर हम मौर्निंग में उठ कर सैक्स करते हैं तो हमारी बौडी पूरी तरह से चार्ज्ड होती है और हम अपनी पूरी ऐनर्जी के साथ सैक्स कर पाते हैं. रात के अकौर्डिंग सुबह हम देर तक सैक्स कर पाते हैं जिस से कि हमारी सैक्स लाइफ और भी ज्यादा मजेदार बन जाती है.

मौर्निंग सैक्स हमारी बौडी के लिए एक तरह से वर्कआउट का भी काम करता है क्योंकि सैक्स करते समय हम काफी ऐनर्जैटिक होते हैं तो ऐसे में हमारी बौडी का एक अच्छा वर्कआउट भी हो जाता है.

जवान रहने के लिए

नाइट सैक्स की तुलना में मौर्निंग सैक्स एक अच्छा स्ट्रैस रिलीवर माना गया है यानि कि सुबह सैक्स करने से हमारे दिमाग का स्ट्रैस गायब हो जाता है और पूरा दिन खुशहाल रहता है. और तो और मौर्निंग सैक्स हमें ज्यादा समय तक जवान रखता है.

स्टडीज बताती हैं कि मौर्निंग सैक्स हमें जवान दिखने में मदद करता है और इस से हमारा इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है.

बिस्तर छोड़ने से पहले पत्नी को लें बांहों में

अगर आप ने अभी तक मौर्निंग सैक्स ट्राई नहीं किया है तो आप बहुत कुछ मिस कर रहे हैं. आप को मौर्निंग सैक्स जरूर ट्राई करना चाहिए और सुबर बिस्तर से उठने से पहले अपनी पत्नी को अपनी बांहों में भर लेना चाहिए जिस से कि आप दोनों सैक्स का एक अलग ही आनंद ले पाएं.

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