‘रेप कैपिटल’ और ‘रेप इन इंडिया’ पर हुआ बवाल

वैसे तो संसद में हंगामा होना आम बात है.किसी न किसी मुद्दे पर हंगामें होते रहते हैं.लेकिन आज लोकसभा में राहुल गांधी के रेप इन इंडिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर स्मृति ईरानी सहित कई महिला सांसदों ने जमकर हंगामा किया.जैसा कि मालूम हो अभी-अभी देश कुछ ऐसी घटनाओं से गुजरा है जिसे देश की जनता कभी भूल नहीं पाएगी.प्रियंका रेड्डी का केस तो अभी भी ताजा है.निर्भया के दोषियों को अभी भी फांसी की सजा नहीं हुई है.उन्नाव पीड़िता की मौत हो चुकी है.अभी तो देश प्रियंका रेड्डी की मौत को भूला भी नहीं हैं वहीं दूसरी ओर संसद में रेप जैसी वारदात पर सियासत है कि खत्म होने का नाम भी नहीं ले रही है.सभी अपनी सियासी रोटियां सेकनें के लिए तैयार बैठे रहते हैं.आपको बता दूं कि झारखंण्ड रैली में राहुल गांधी ने एक बात कही थी कि प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इंडिया की बात करते हैं और जहां देखो रेप इन इंडिया हो रहा है.बस इसी बात को लेकर संसद में हंगामा शुरू हो गया.लोकसभा में स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं आओ और रेप करो उनकी सोच कितनी घटिया है.कुछ ऐसी ही तीखी बातों के साथ संसद में हंगामा शुरू हो गया.

इधर राहुल गांधी ने साफ-साफ माफी मांगने से इनकार कर दिया है.राहुल गांधी ने कहा कि “नार्थ-इस्ट को जला दिया,बेरोजगारी और मंदी से ध्यान भटकाने के लिए मेरे बयान को यहां मुद्दा बनाया जा रहा है.मै माफी नहीं मांगूंगा…क्योंकि नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली को रेप कैपिटल कहा था मैंने तो सिर्फ इतना कहा है कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया की बात करते हैं और यहां पर तो रेप इन इंडिया बन चुका है”

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मतलब साफ-साफ यही है कि राहुल गांधी यही कहना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने भी गलत कहा था फिर उनके बयान पर हंगामा क्यों नहीं.मेरी बात पर हंगामा क्यों हो रहा है.इसलिए मैं बिल्कुल माफी नहीं मांगूंगा.इतना ही नहीं राहुल गांधी ने एक ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंनें साफ-साफ लिखा है कि- Modi should apologise. For burnimng the north East,for destroying India’s economy.मतलब ये कि मोदी को माफी मांगी चाहिए नार्थ-ईस्ट को जलाने के लिए और भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए.साथ ही एक वीडियो भी अपलोड किया मोदी की स्पीच का.जिसमें मोदी ने कह रहे हैं कि आज जिस प्रकार दिल्ली को आपने रेप कैपिटल बना दिया है जिसके कारण पूरे दुनिया में हिन्दुस्तान की बेज्जती हो रही है.इसी बात पर राहुल गांधी ने कहा कि जब खुद देश के प्रधानमंत्री ऐसी बातें बोल रहे हैं तो फिर मेरे ‘रेप इन इंडिया’ बोलने पर मैं माफी नहीं मागूंगा.लेकिन यहां सवाल ये है कि क्या इसी तरह सियासत रेप जैसी वारदात से गर्माती रहेगी और ये सियासी लोग अपनी रोटियां पकाते रहेंगे? क्या ये देश सच में ऐसा ही होता जा रहा है जहां रेप जैसे वारदात रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं? आखिर सरकार इस पर क्या कड़ा रुख अपनाएगी? और कितनी निर्भया को बलिदान देगा होगा सरकार की आंखे खोलने के लिए?

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