गोविंद निहलानी ने मुझे ऐक्टिंग करना सिखाया – मिलिंद गुणाजी

इनसान सोचता कुछ है, पर उस की जिंदगी उस से वही कराती है, जो वह चाहती है. मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के अलावा एथलीट रहे फिल्म कलाकार मिलिंद गुणाजी के साथ भी ऐसा ही है. वे बैडमिंटन के साथ ही क्रिकेट में भी नाम कमा रहे थे, पर जिंदगी तो उन से कुछ और चाहती थी.

 

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मिलिंद गुणाजी एक हादसे का शिकार हुए और उन्हें खेल से दूरी बनानी पड़ी. दोस्तों के कहने पर मौडलिंग शुरू की और मौडलिंग से ऐक्टिंग. अब तक 280 फिल्मों में ऐक्टिंग कर चुके मिलिंद गुणाजी लेखक, कवि, फोटोग्राफर, टीवी एंकर और यात्राएं करने के शौकीन भी हैं.

‘जी’ के मराठी चैनल पर ट्रैवल शो ‘भटकंती’ के 100 ऐपिसोड होस्ट कर चुके मिलिंद गुणाजी ने जंगलों और जंगली जानवरों के लिए महाराष्ट्र सरकार के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम किया है. उन की 15 किताबें छप चुकी हैं और कविताओं का अलबम भी बाजार में है.

फिल्म ‘लव करूं या शादी’ के ट्रेलर लौंच पर मिलिंद गुणाजी से बात हुई. पेश हैं, उस के खास अंश :

आप तकरीबन 32 साल से ऐक्टिंग जगत में हैं. इसी के साथ आप फोटोग्राफी करने और घूमने का भी शौक रखते हैं. यह सब आप की ऐक्टिंग में किस तरह से मदद करता है?

देखिए, ऐक्टिंग करने के लिए हमें घूमना ही पड़ता है. हमें हर फिल्म के लिए नईनई लोकेशनों पर जाना पड़ता है. हम जब फिल्म की शूटिंग के लिए आउटडोर लोकेशन पर जाते हैं, तो हमारे साथ दूसरे कलाकार भी होते हैं.

मेरे पास फोटोग्राफी के लिए कई औप्शन होते हैं. अच्छा लैंडस्केप है, अच्छी जगह है, अच्छा माहौल है. साथ में अच्छे चेहरे भी हैं. मेरा फोटोग्राफी का शौक इसी तरह पूरा हो जाता है.

फोटोग्राफी या यात्राएं करते समय या लिखने के आप के जो अनुभव हैं, वे ऐक्टिंग में किस तरह से मदद करते हैं?

जब मैं यात्राएं करता हूं या फोटोग्राफी करता हूं, तो मेरा कई लोगों से मिलना होता है. वे सारे किरदार मेरे दिमाग में बैठ जाते हैं. फिर जब मैं सैट पर पहुंचता हूं और डायरैक्टर ऐक्शन बोलता है, तो मैं अपनेआप उस किरदार में आ जाता हूं.

यात्राएं करने के दौरान कई लोगों से आप की मुलाकात हुई होगी. कभी आप को लगा कि आप जिस से मिले हैं, उस पर या उस तरह के किरदार पर फिल्म बननी चाहिए?

मेरे दिमाग में तो इस तरह के ढेर सारे किरदार हैं. मसलन, महाराष्ट्र में जव्हार एक आदिवासी इलाका है. यह थाणे जिले में बहुत अंदर है. ऐसी जगहों पर मैं ने ऐसेऐसे आदिवासी लोग देखे हैं, उन की जिस तरह की जिंदगी है, उस पर फिल्में बननी चाहिए. मुझे खुशी है कि मराठी में ऐसे लोगों पर फिल्में बनना शुरू हो गई हैं.

 

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आप मराठी सिनेमा भी करते आए हैं. आप मराठी सिनेमा को किस तरह से देखते हैं?

देखिए, मेरी मातृभाषा मराठी है, पर मैं ने बहुत ज्यादा मराठी फिल्में नहीं की हैं. 280 फिल्मों में से मैं ने बामुश्किल 15 मराठी फिल्में की हैं. मैं ने तो बंगला, भोजपुरी, तेलुगु, मलयालम हर भाषा की फिल्में की हैं.

मराठी में अच्छी फिल्में बनती हैं. मराठी में अच्छे कलाकार, लेखक और निर्देशक हैं. मेरे हिसाब से इन दिनों मराठी फिल्मों का दौर काफी अच्छा शुरू हो चुका है.

पर हिंदी फिल्में तो ज्यादा कामयाब नहीं हो रही हैं?

ऐसा तो नहीं है. साल 2022 बहुत खराब गया था, मगर साल 2023 में कई फिल्में कामयाब हुई हैं. अब हालात काफी बेहतर हो गए हैं. मुझे खुशी है कि साल की पहली हिंदी फिल्म ‘भूलभुलैया 2 में मैं था. मेरे हिसाब से बौलीवुड में भी अच्छा दौर शुरू हो गया है.

एक कलाकार के तौर पर आप को किस तरह की फिल्में करने में ज्यादा संतुष्टि मिलती है?

देखिए, मेरे फिल्म कैरियर की शुरुआत साल 1993 में गोविंद निहलानी की फिल्म ‘द्रोहकाल’ से हुई थी. इस में मेरे साथ ओम पुरी, अमरीश पुरी और आशीष विद्यार्थी भी थे. इस फिल्म की काफी तारीफ हुई थी. उस के बाद मैं ने ‘पपीहा’, ‘हजार चौरासी की मां’, ‘गौडमदर’ जैसी फिल्में भी कीं.

आप को किस डायरैक्टर के साथ काम करने से ज्यादा सुकून मिला?

मेरे सब से ज्यादा पसंदीदा डायरैक्टर प्रियदर्शन हैं. उन के द्वारा बनाई गई फिल्म ‘विरासत’ मेरी और उन की भी सब से बड़ी और कामयाब फिल्म थी.

बाकी भी अच्छे डायरैक्टर ही हैं. मैं ने संजय लीला भंसाली, राम गोपाल वर्मा समेत कई बेहतरीन डायरैक्टरों के साथ काम किया है. गोविंद निहलानी ने तो मुझे ऐक्टिंग करना सिखाया है. हर डायरैक्टर के काम करने का अपना तरीका होता है. विक्रम भट्ट के साथ मैं ने फिल्म ‘फरेब’ की है.

आप नया क्या कर रहे हैं?

सब से पहले जय प्रकाश शौ की फिल्म ‘लव करूं या शादी’ रिलीज होगी. इस में मेरा एक बेटी के पिता का इमोशनल किरदार है. फिर मेरी क्लासिकल फिल्म ‘मैं’ रिलीज होगी. इस में अमित साध हीरो हैं और मैं मेन विलेन हूं. इस में सीमा बिस्वास और तिग्मांशु धुलिया भी हैं.

इस के अलावा मैं फिल्म ‘यूपी फाइल्स’ में अहम किरदार निभा रहा हूं. फिर अपने बेटे अभिषेक गुणाजी के डायरैक्शन में मराठी की एक बड़ी फिल्म ‘रावण कोली’ में लीड रोल कर रहा हूं. मैं जयप्रकाश शौ की एक और फिल्म ‘मार्केट 2’ भी कर रहा हूं.

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