मेरी शादी 7 महीने पहले हुई थी. मेरे पति ने बायोडाटा में लिखा कि वे बीकौम हैं. उन्होंने अपनी 2 दुकानें दिखाईं. शादी के बाद मुझे इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था. वे इंगलिश के छोटेछोटे शब्द भी नहीं जानते थे.
मैं ने कई चीजों को दोबारा चैक किया और फिर मुझे पता चला कि मेरे पति 10वीं फेल हैं. उन्होंने कोई फर्जी डिगरी हासिल की हुई थी. मैं ने वह घर छोड़ दिया और कभी वापस नहीं लौटी.
हम दोनों ने अपने समाज के सामने स्टांप पेपर पर तलाक ले लिया. क्या यह तलाक कानूनी रूप से मान्य है? क्या मैं धोखाधड़ी के आधार पर अपनी शादी को रद्द करने के लिए अपील कर सकती हूं?
शादी के कुछ ही दिन बाद एक पति को पता चला कि उस की पत्नी के सिर पर बाल बहुत कम हैं. वह इतने दिन से झूठ बोल कर विग लगा कर रह रही थी. पति ने इस की जानकारी परिवार वालों को दी. उन लोगों ने दुलहन को उस के घर वापस भेज दिया.
लड़की के घर वालों ने पुलिस के सामने गुहार लगाई. पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया और आपसी रजामंदी से मामला सुलझने की बात कही, लेकिन पति और उस के घर वाले उसे वापस ले जाने को राजी नहीं हुए और अब कोर्ट में केस चल रहा है.
आप को क्या लगता है कि अगर आप के बच्चे की शादी में मुश्किल आ रही है, तो झूठ बोल कर की गई शादी का सच कभी पता ही नहीं चलेगा?
सच सामने आने के बाद अगर दूसरा पक्ष तलाक की मांग करने लगे, तो क्या आप अपने बच्चे की जिंदगी बरबाद होने से बचा पाएंगे? झूठ की शादी अगर निभानी भी पड़ जाए, तो क्या लड़का और लड़की एकदूसरे को इज्जत दे पाएंगे?
किन बातों पर बोला जाता है झूठ
पढ़ाईलिखाई को ले कर गलत जानकारी देना, नौकरी या आमदनी को ले कर झूठ बोलना, अगर कोई बीमारी है तो उसे छिपा जाना, अफेयर के बारे छिपाना, किसी गलत चीज की लत हो या नशे की आदत के बारे में ?ाठ बोलना, सही उम्र को ले कर झूठ बोला जाता है, इंटरनैट पर सही जानकारी न देना वगैरह.
आजकल सोशल मीडिया के जरीए भी तमाम शादियां हो रही हैं, जहां बायोडाटा में गलत जानकारी दी जाती है. यहां सभी लोग आपस में दूरदराज से जुड़े होते हैं, तो ऐसे में उन की और पूरे खानदान की जांचपड़ताल करना मुश्किल काम होता है.
यही वजह होती है कि सामने वाला पक्ष सही जानकारी नहीं देता और जब बाद में सचाई खुलती है, तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
संबंधों में पड़ जाती है गांठ
ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां शादी के लिए लड़की या लड़के पक्ष के लोग अकसर झूठ बोल देते हैं, जिस का असर उन की जिंदगी पर पड़ता है. शादीशुदा संबंधों में झूठ का सहारा लेना दुखदायी साबित होता है, जैसे कि शादी के बाद आशी नाम की लड़की अपने पति मनोज का झूठ सामने आने के बाद तलाक लेना चाहती थी, लेकिन सामाजिक दबाव की वजह से नहीं ले पाई, पर एक झूठ के चलते ससुराल वाले उस की नजरों से गिर गए. वह हमेशा अपनी ससुराल वालों से इस बात का बदला लेने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देती.
झूठ बोलना मुसीबत मोल लेना
अगर लड़की सीधीसादी भी हुई, तो भी 2-4 साल तो वह सहेगी, क्योंकि वह कमजोर होगी, लेकिन जैसे ही बच्चे हुए, वह लड़ाकू होनी शुरू हो जाएगी, क्योंकि उस की बरदाश्त करने की ताकत खत्म हो जाएगी, फिर वह तांडव मचाएगी और पति बेचारा पिस कर रह जाएगा.
अब बच्चे हो गए, रिश्तेदारी में अच्छेखासे जम गए, अब क्या कर लेगा पति. जैसे ही सास थोड़ी सी कमजोर हुई, वह उसे तंग करना शुरू कर देती है. ससुर के साथ बुरा बरताव होता है. बीमारी में उन्हें ऐसे ही छोड़ देते हैं. लड़की के मन में यह बात घर कर जाती है कि उसे ?ाठ बोल कर यहां लाया गया है.
बच्चों के 5-6 साल के होने पर वह बेलगाम होने लगती है. कभी ननद, देवर या जेठानी से ?ागड़ा करेगी, कभी सास के ऊपर चिल्लाएगी. जैसे ही सास बीमार हुई, उस की हड्डी टूटी, तो वह कहेगी कि मैं तो नहीं सेवा करती. जो करना है कर लो. हमेशा उन्हें इस बात का ताना दे कर जलील करती है.
यह पुराने जमाने में भी होता था और नए जमाने में नए तरीके से होने लगा है, इसलिए औनलाइन शादियों के लिए प्रोफाइल सही दो, वरना आप की अपनी जिंदगी नरक हो जाएगी.
यकीन की डोर से मजबूत करें रिश्ते
एक झूठ से कई जिंदगियां बरबाद हो जाती हैं. इस बात पर अगर पहले से दोनों पक्ष सोचविचार कर लें, तो रिश्ते बिगड़ेंगे ही नहीं. एक बार शादी हो जाए, फिर सब ठीक हो जाएगा, ऐसा सोच कर जैसेतैसे झूठीसच्ची बातें बना कर तय किए गए संबंधों का नतीजा कभी भी अच्छा नहीं होता. कई बार तो लड़का या लड़की खुदकुशी करने जैसा कदम तक उठा लेते हैं. लिहाजा, समझदारी इसी में है कि जानकारी को सहीसही बताएं.
सचझूठ की कसौटी पर परखें
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि औनलाइन मैट्रिमोनियल साइटों या अखबार में इश्तिहारों के जरीए भी काफी रिश्ते तय हो रहे हैं. ऐसे में साइट पर प्रोफाइल के साथ दी गई जानकारी को वैरिफाई करने की जिम्मेदारी लड़के या लड़की और उस के घर वालों की हो जाती है.
हालांकि, ज्यादातर मैट्रिमोनियल साइटें प्रीमियम क्लाइंट के बारे में यह तक लिखती हैं कि हम ने इन का वैरिफिकेशन और इंवैस्टिगेशन कराया है, लेकिन अकसर यह सच नहीं होता. ऐसे में बेहतर है कि मांबाप साइटों के ऐसे दावे में न आ कर खुद ही जांचपड़ताल करें और जरूरत महसूस हो, तो किसी भरोसेमंद एजेंसी से जांच कराएं, लेकिन आगे बढ़ने से पहले हर तरह से संतुष्ट हो जाएं, तभी हां करें, क्योंकि एक बार का गलत फैसला जिंदगीभर का पछतावा बन सकता है.