झारखंड ने 29 अगस्त को यादगार दिन बना दिया. इन दिनों झारखंड सुर्खियों में छाया हुआ है. झारखंड में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरी मिली है. ये दिन ट्रांसजेंडरो के लिए यादगार बना. 29 अगस्त को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कम्युनिटी हेल्थ ओफिसर CHO के पद पर 365 पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटा.
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इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड मंत्रालय में आयोजित किया गया था. इस दौरान सभी 365 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया, इसमें पश्चिम सिंहभूम की रहने वाली आमिर महतो भी शामिल थी. आमिर महतो पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिन्हें सीएचओ पद पर रखा गया. हालांकि, पड़ोसी राज्य बिहार, यूपी व अन्य राज्यों में ट्रांसजेंडरों की बहाली की जा चुकी है.
आमिर महतो का कहना है कि उनके मां चाहती थी कि वे नर्स बनें. वे नर्स भी बनीं और अपनी मां का सपना पूरा किया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पटना एम्स में भी वह अपनी सेवा दे चुकी है, लेकिन परिवार के साथ रहने के लिए उन्होंने पटना एम्स में जौब छोड़ दी और झारखंड में बस गई. आमिर महतो ने रांची के रिम्स अस्पताल से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की. इसके बाद संबलपुर नर्सिंग कौलेज से एमएससी की पढ़ाई की है.
आमिर महतो ने कहा कि वह ट्रांसजेडर है. उन्हें इसे लेकर भगवान से कोई शिकायत नहीं है. इसके साथ ही सीएम सोरेन का धन्यवाद देते हुए आमिर ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी नियुक्ति सीएचओ से होगी. उन्होंने कहा कि मुझे कालेज में पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई. कौलेज में सभी ने काफी सपोर्ट किया और मैं आगे भी पढ़ाई जारी रखूंगी.