लकड़बग्घा फिल्म रिव्यू: कमजोर स्क्रीन प्ले पर कलाकारों की बेहतरीन एक्टिंग

  • रेटिंग: तीन स्टार
  • निर्माताः फस्ट रे फिल्मस
  • निर्देषकः विक्टरमुखर्जी
  • कलाकारः अंषुमन झा,मिलिंद सोमण, रिद्धि डोगरा,परेष पाहुजा,इकक्षा केरुंग, व अन्य
  • अवधिः दो घंटे 12 मिनट

पुरुष प्रेमियों के लिए एक जानवर की क्या अहमियत होती है, इसे समझने के लिए एक्षन,इमोषन व रोमांच से भर पूर फिल्म ‘‘लकड़बग्घा’’ से बेहतर कुछ नही हो सकता. लेकिन फिल्म की धीमीगति व रोमांच की कमी अखरतीहै.

कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में कोलकता का एक साधारण युवक अर्जुन बख्षी ( अंषुमनझा ) है,जो कूरियरब्वौय और अपने इलाके के बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी देताहै.अर्जुन को बेजुबान जानवरों से काफी प्यार करता है.उसने भारतीय नस्ल के कुत्तों को पाल रखा है.उसके पिता (मिलिंद सोमण ) ने उसे बचपन से ही बेजुबान और बेसहारा जानवरों,खास कर कुत्तों के लिए लड़ना सिखाया है.जब कोई इंसान किसी कुत्ते को नुकसान पहुंचाताहै, तो अर्जुन उसका दुष्मन बन जाता है.अर्जुन ऐसे ही पषुओं के दुष्मनों की हड्डी पसली तोड़ता रहता है.कोलकत्ता शहर में आए दिन बुरी तरह से घायल लोग मिलते हैं,इससे पुलिस हरकत में आती हैं.

इसकी जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच अफसर अक्षरा डिसूजा (रिद्धि डोगरा ) को सौंपा जाता है.अर्जुन बख्षी,अक्षरा का कूरियर देने जाता है ,तब दोनों की पहली मुलाकात होती है. उसके बाद अर्जुन अपने भारतीय नस्ल के कुत्ते शौंकु के लापता की षिकायतलिखने अक्षरा के पास जाता है.अपने कुत्ते षौंकू की तलाष के दौरान अर्जुन को अवैध पशु व्यापार के बारे में पता चलता है.अर्जुन को यह भी पता चलता है कि कई रेस्टोरेंट में मटन के नाम पर कुत्तों के मीट की बिरयानी खिलायी जाती है.एक दिन अचानक आर्यन की मुलाकात दुर्लभ लाल-धारी लकड़बग्घा (लकड़बग्घा) से हो जाती है,जिसे आर्यन विदेष भेजने की फिराक मेथा,पर अर्जुन उसे अपने साथ ले आने में सफल हो जाता है.

कहानी आगे  बढ़ती है और अक्षरा के साथ अर्जुन उसके भाई आर्यन डिसूजा से मिलता है और आर्यन की जानवरों के प्रतिसंवेदनशीलता की कमी से असहज महसूस करता है .परवह आर्यन के ेअसली व्यापार सेपरिचित नही होता.अर्जुन को बहुत देर से पता चलता है कि पषुओं का असली दुष्मन आर्यन डिसूजा ही है.आर्यन एक निर्दयीव्यवसायी, मांसप्रेमी, पशु-दवातस्करहै.इसके बाद अर्जुन और पशुओं के अवैध व्यापार में संलग्न आर्यन डिसूजा ( परेषपाहुजा ) के बीच युद्ध छिड़ जाताहै.अब क्या अर्जुन उन पशु सरगना का पर्दा फाश कर पाएगा?

समीक्षाः

भारतीय नस्ल के कुत्तों व जानवरों केा बाने ,उनसे प्रेम करने का एक अति आवष्यक संदेष देने वाली एक्षन व रोमांच प्रधान फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी पटकथा है.फिल्म में रोमांचक का अभा है.फिल्मकार ने कलकत्ता में षूटिंग की है, मगर कलकत्ता पोर्ट से पषुओं की होने वाली तस्करी के दृष्योंको नही रखा है.जब कि इस तरह के दृष्य होने चाहिए थे.फिल्म कार ने कुछ बातों को महज संवादों में ही समेट दिया.हो सकता है कि बजट की कमी के चलते ऐसा किया गया हो,मगर इससे फिल्म थोड़ी कमजोर हो जाती है.इतना ही नही एक क्राइम ब्रांच अफसर अक्षरा डिसूजा आखिर अपने ही घर यानी कि अपने भाई आर्यन डिसूजा की काली करतूतों से कैसे अनजान रहती है,यह समझ से परे है.

कमजोर पटकथा के बावजूद यह फिल्म अपनी अनूठी कहानी और विनम्र शैली में काफी प्रभावशाली है.अक्षरा व अर्जुन के बीच के रोमांस को और अधिक बेहतर किया जास कता था.निर्देषक विक्टर मुखर्जी सफल रहे हैं .फिल्म के कुछ दृष्य काफी बेहतर बने हैं.यह फिल्म पष्चि मीनस्ल के पालतू जानवरों के मालिकों कीमान सिकता को उजागर करने में सफल रही है, जोदे सी कुत्तों दूर भागते हैं.फिल्म में बिना मे लोड्ामा के कुछ भावुक दृष्य भी हैं.फिल्म की धीमी गति अखरतीहै. बेल्जियन संगीतका रसाइमन फ्रैंक्के टदेसी संगीत पर अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं.जीन मार्क सेल्वा का कैमरा वर्क कमाल का है.

अभिनयः

पषु प्रेमी अर्जुन के किरदार में अंषुमन झा थोड़ा कमजोर नजर आए हैं,मगर एक्षन दृष्योंमेे ंउन्होेने जबरदस्त कमाल किया है.उनकी मेहनत साफ साफ झलकती है.मार्शल आर्ट ट्रेनर के रूप में अंशुमन झा ने अपने किरदार को बाखूबी निभाया है.अंषुमन झा में काफी संभावनाएं हैं.क्राइम ब्रांच अफसर अक्षरा के किरदार में रिद्धि डोगरा ने एक बार फिर अपने अभिनय काजलवा विखेरने मंे सफल रही हैं.क्राइम ब्रांच अफसर के तौर पर उनके अंदर क्या चल रहा है,वह क्या सोच रही हैं,इसकी भनक वहदर्ष कों कोन हीं लगने देती .दर्षक लगातार कन्फ्यूज होता रहता है कि अक्षरा,अर्जुन के साथ है या अर्जुन को गिरफ्तार करना चाहती हैं?

इस फिल्म के दोआष्र्चय जनक पर फार्मेंस हैं. एक हैं परेष पाहुजा.अब तक रोमांटिक किरदार निभाते आए परेष पाहुजा ने इस फिल्म में अहंकारी, बुद्धिमान, परिष्कृत व अवैध पषु व्यापार में संलग्न विलेन आर्यन डिसूजा  के किरदार में परेष पाहुजा एकदम नए अवतार में नजर आए हैं.तो वहीं आर्यन की राइट हैंड फाइटर के किरदार में इष्का केरुंग ने जिस तरह के खतरनाक एक्षन दृष्य किए हैं,वह बिरला कलाकार ही कर सकता है.सिक्किम पुलिस की अफसर इक्षा की यह पहली फिल्म है,मगर जबरदस्त परफार्मेंस देकर वह  किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रही हैं.मिलिंद सोमण की प्रतिभा को जाया किया गया है.

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