1. क्या है ओमेगा 3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड एक प्रकार की वसा है. जिसे आप हैल्थी फैट या पोली अनसैचुरेटेड फैट भी कह सकते हैं. जो हॉर्मोन का निर्माण करने के साथसाथ शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है. फैटी एसिड रासायनिक बांड द्वारा एक साथ जुड़े कार्बन परमाणुओं की श्रंखलाओ से मिलकर बनता है. कार्बन परमाणुओं के बीच रासायनिक बांड सिंगल भी हो सकता है और डबल भी. आपको बता दें कि सिंगल बांड में डबल बांड से ज्यादा हाइड्रोजन अणु होते हैं. यही रासायनिक बांड बताता है कि यह कौन सा फैट है, सैचुरेटेड, मोनो अनसैचुरेटेड या पोली अनसैचुरेटेड.
2. सैचुरेटेड फैटी एसिड
सैचुरेटेड फैटी एसिड में सिंगल बांड होता है. जैसे मक्खन, क्रीम, चॉकलेट , अंडे का अधिक सेवन ब्लड कैलोस्ट्रोल को बढ़ाने के साथ हार्ट के खतरे को बढ़ाते हैं.
3. मोनो अनसैचुरेटेड
इसमें डबल बांड होता है. जैसे नट्स, मूंगफली और ऐवोकेड़ा , इसका अधिक सेवन करने से बेड कैलोस्ट्रोल कम होने के साथ हार्ट का खतरा कम होता है.
4. पोली अनसैचुरेटेड फैट
इसमें एक से ज्यादा डबल बांड होते हैं. जैसे वेजिटेबल ऑयल , सोया आदि. जरूरी फैटी एसिड में पोली अनसैचुरेटेड फैट होता है, जो शरीर के मेटाबोलिक फंक्शन के लिए जरूरी है.
5. ओमेगा 3 हमें तीन खास स्रोत्रों से प्राप्त होता है.
-इसके 3 स्रोत्र इस प्रकार हैं –
- अल्फा लिनोलेनिक एसिड (एएलए ) – यह पेड़पौधों से मिलने वाला आयल है.
- ऑय कोसेमेंतानाइक एसिड (इपीए ) – सीफ़ूड या जरूरी जीवजन्तुओ से मिलने वाला ऑयल है.
- डोकोसेहक़सनाइक एसिड (डीएचए ) – सी फ़ूड या जरूरी जीव जंतुओं से मिलने वाला ऑयल है.
6. फिश ऑयल
यह ऑयल फिश के टिश्यू से निकाला जाता है. वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन रिकमंड करता है कि हफ्ते में 2 बार फिश जरूर खाएं. क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड हैल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. अगर ये नहीं ले पा रहे हैं तो फिश ऑयल सप्लीमेंट बेस्ट विकल्प है.
आपको बता दें कि 30 पर्सेंट फिश ऑयल ओमेगा 3 से बनता है जबकि उसमें 70 पर्सेंट अन्य फैट्स होते हैं. साथ ही उसमें विटामिन ए और डी की भी अधिक मात्रा होती है.
7. जानें इनके फायदे, दिल की सेहत को रखे दुरूस्त
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार ओमेगा 3 से हार्ट अटैक के चान्सेस बहुत कम हो जाते हैं. ये बेड कैलोस्ट्रोल के लेवल को घटाकर गुड़ कैलोस्ट्रोल के लेवल को बढ़ाने का काम करता है. ये ब्लड में फैट को जमा होने से रोकता है.
8. वजन कम करे
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ ऑस्ट्रेलिया की रिसर्च के अनुसार , फिश ऑयल से हमारी एक्सरसाइज करने की क्षमता बढ़ती है. जो वजन कम करने में सहायक है. इसलिए अगर आप अपना वजन कम करने के बारे में सोच रहे हैं तो अपनी डाइट में फिश ऑयल को जरूर शामिल करें.
9. इम्युनिटी बढ़ाए
इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण यह इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है. जिससे आप जल्दीजल्दी खांसी, जुखाम जैसी बीमारियों की गिरफ्त में नहीं आते. यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमारे अंगों और टिश्यू पर हमला करता है. स्टडी के अनुसार, फिश ऑयल से फीवर, स्किन रैशेस की समस्या कंट्रोल हो जाती है.
10. जलन को कम करे
ब्लड और टिश्यू में जलन को कम करने में फिश आयल कारगर है. फिश ऑयल खास कर गैस प्रॉब्लम, शार्ट बाउल सिंड्रोम , इन्फ्लैमटरी बाउल डिजीज में सक्षम है.
11. आँखों की रोशनी बढ़ाए
यह आँखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है. शोध में यह साबित हुआ है कि यह मस्कुलर डिजनरेशन में भी कारगर है.
12. डिप्रेशन को कंट्रोल करे
फिश ऑयल में ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण यह स्ट्रेस व डिप्रेशन को कम करता है. यह बिपोलर डिसऑर्डर में भी मददगार है. शोध में यह साबित हुआ है कि जिन देशों में फिश बहुत अधिक मात्रा में खाई जाती है वहां के लोगों में डिप्रेशन की शिकायत बहुत कम होती है.
13. आर्थराइटिस में सक्षम
अकसर आर्थराइटिस की शिकायत होने पर हमें स्ट्रोंग दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है ताकि हम जल्दी ठीक हो सके. जबकि फिश ऑयल आर्थराइटिस को जड़ से खत्म कर सकता है.
14. फ़ूड रिच इन ओमेगा 3 फैटी एसिड
- साबुत अनाज और फ़्रेश फ़ूड खाएं
- मटर , बीन्स , नट्स फल व सब्ज़ियाँ खाएं
- मछली, अख़रोट , हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से ओमेगा 3 फैटी एसिड का इन्टेक बढ़ाएं.
- ब्लूबेरी में लगभग 174 मिलीग्राम ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है.
- सलयान मछली ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत है.
- अलसी के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत है.
15. ओवरडोज़ है नुकसानदायक
कहते है न की अति हर चीज़ की बुरी होती है. इसलिए आप इसका सीमा में रहकर इस्तेमाल करें. क्योंकि इससे ब्लड क्लोटिंग का खतरा रहता है. साथ ही पाचन तंत्र पर भी प्रभाव पड़ता है. फिश ऑयल में विटामिन ए और डी की अधिक मात्रा जानलेवा भी हो सकती है. इसका सेवन उम्र, जेंडर और हेल्थ इशू पर निर्भर करता है. एक हैल्थी वयक्ति एक दिन में ओमेगा 3 फैटी एसिड की 3 -4 ग्राम खुराक ले. जबकि बच्चे, गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाएँ एक दिन में 2 -3 ग्राम से ज्यादा न लें.