कम उम्र में क्यों होता है पुरुषो में हेयर लॉस, क्या है इसके कारण?

किसी इंसान के बाल 13 से 30 साल की उम्र के बीच झड़ जाएं तो ये वाकई परेशान करने वाला हो सकता है. सौभाग्य से, किशोरों में बालों के झड़ने के अधिकांश मामलों को मूल कारण समझने के बाद सफलतापूर्वक रोका जा सकता है. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि, कम उम्र में हेयर लॉस क्यों होता है? इसके अलावा, छोटी उम्र में बाल झड़ने के कारण के बारे में भी जानकारी देंगे. इन कारणों को जानकर और उनका इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

क्या होता है हेयर लॉस

अत्यधिक तनाव, नींद की कमी और क्रैश डाइट के कारण किशोरों में बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है. पोषक तत्वों की कमी, हार्मोनल असंतुलन और बालों की खराब देखभाल के तरीके अन्य सामान्य कारण हैं. ऑटोइम्यून, आनुवांशिक और मनोवैज्ञानिक विकारों जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियां भी बालों के झड़ने का कारण हो सकती हैं. इन स्थितियों में तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है.

कम उम्र में हेयर लॉस के क्या है कारण

1. हार्मोनल बदलाव

यौवन और किशोरावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन से बालों का झड़ना शुरू हो सकता है. थायराइड और प्रजनन हार्मोन बालों के विकास को नियंत्रित करते हैं, और उनके असंतुलन से बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है. थायराइड समस्याओं के कारण बालों का झड़ना पुरुषों और महिलाओं दोनों में आम है. पीसीओएस से संबंधित महिलाओं में बालों का झड़ना प्रारंभिक किशोरावस्था में शुरू हो सकता है.

2. सही पोषण न मिलना

रिफाइंड आटे और चीनी से बनने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन और खानपान की खराब आदतें पोषक तत्वों की कमी पैदा कर सकती हैं. एनीमिया (लोहे की कमी के कारण), बुलीमिया, एनोरेक्सिया और क्रैश डाइट किशोरावस्था में और कम उम्र में बाल झड़ने के सामान्य कारण हैं.

3. बहुत ज्यादा तनाव लेना

किशोरावस्था में इंसान शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों से गुजरता है. ये इंसान में तनाव पैदा कर सकते हैं. शिक्षा, पारिवारिक दायित्व, सामाजिक और व्यक्तिगत संबंध, और साथ के लोगों का दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है. इससे बालों का झड़ना शुरू हो सकता है.

4. बहुत ज्यादा स्टाइल करना

हेयर स्टाइलिंग टूल्स (ब्लो ड्रायर, हेयर स्ट्रेटनर और कर्लिंग आयरन) का इस्तेमाल करना भी अक्सर बालों को नुकसान और टूटने का कारण बन सकता है. बालों को कलर करना, पर्मिंग, स्ट्रेटनिंग और बालों को बार-बार रिलैक्स करना भी बालों के झड़ने का कारण हो सकता है.

हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले जरूर पढ़ें ये जानकारी

हेयर ट्रांसप्लांट गंजेपन का करे खात्मा मर्दों में बालों का झड़ना जहां एक दुखद अनुभव होता है, वहीं उन्हें वापस पाने का अनुभव सब से अद्भुत होता है. आजकल यह चमत्कार हेयर ट्रांसप्लांटेशन (बालों का प्रत्यारोपण) नामक क्रांतिकारी प्रक्रिया से मुमकिन हो गया है.

आप ने गौर किया होगा कि कई सारी हस्तियों के सिर पर घने बाल धीरेधीरे कम होते हुए गंजेपन के हालात में आ जाते हैं और कुछ दिनों बाद उन के सिर पर फिर से घने बाल दिखने लगते हैं.

कुछ साल पहले तब जब आप के बाल  झड़ जाते थे, तो इसे फिर से उगाने के लिए कृत्रिम बालों वाली टोपी (विग) पहनने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता था. बहुत सारे लोगों के लिए बालों का  झड़ना एक बुरे सपने की तरह होता है खासकर शो बिजनैस से जुड़े लोगों के लिए जिन का कैरियर उन के झड़ते बालों के साथ ही खत्म होने लगता है, पर आज हेयर ट्रांसप्लांटेशन की बदौलत कई लोगों का कैरियर बरबाद होने से बच गया है.

हेयर ट्रांसप्लांट की टैक्नोलौजी में क्रांति आने की वजह से लाखों लोग अपने कम होते बालों की चिंता से मुक्त हो कर बालों को नई साजसज्जा और खूबसूरती से संवारने लगे हैं. हाल के कुछ सालों में अपने ही बालों के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया विकसित हो चुकी है. इस के तहत ट्रांसप्लांट किए गए बाल ज्यादा ओरिजनल और भरपूर नजर आते हैं.

बालों का ट्रांसप्लांट लोकल एनेस्थीसिया के तहत की जाने वाली एक आउटपेशेंट औफिस (मरीज को अस्पताल में भरती किए बगैर) पद्धति है. हालांकि एक बार जब आप की खोपड़ी पर नए फौलिकल्स (कूप) ट्रांसप्लांट हो जाते हैं, तो आप को कुछ दिनों तक कुछ सावधानियां बरतने और देखभाल करने की जरूरत पड़ती है, ताकि आप सामान्य हालात में आ जाएं और अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगें. लिहाजा, अगर आप हेयर ट्रांसप्लांट का आपरेशन कराने की योजना बना रहे हैं, तो इस पद्धति के बाद कुछ सु  झावों का सख्ती से पालन करना न भूलें. लेकिन इस से पहले जान लें कि गंजापन कैसे होता है.

मर्दों के गंजेपन की वजह अब राज नहीं रह गया है. स्टडी से पता चला है कि जब मेल हार्मोन यानी टैस्टोस्टेरोन बालों के फौलिकल के एंजाइम 5 अल्का रिडक्टेस से संपर्क में आता है, तो इस से एक दूसरा हार्मोन डाईहाईड्रोटैस्टोस्टेरोन (डीएचटी) बनने लगता है और यही स्थायी रूप से बाल   झड़ने की वजह बनता है.

इस हार्मोन (डीएचटी) से हेयर फौलिकल सिकुड़ने लगता है और वहां हलके रंग के पतले बाल उगने लगते हैं, जबकि पहले की तुलना में हर बार छोटे और कम गहरी जड़ों वाले बाल उगने लगते हैं. अकसर गंजेपन वाले क्षेत्र के बाल तब तक धीरेधीरे कम होती रफ्तार से उगते रहते हैं, जब तक कि बालों का विकास पूरी तरह से रुक नहीं जाता.

पुरुषों में इस तरह का स्थायी गंजापन आमतौर पर खास पद्धतियों पर विकसित होता है. ज्यादातर मामलों में सिर के बाहरी किनारों पर घोड़े की नाल के आकार में ही बाल सिमट कर बच  जाते हैं. यह डोनर किनारा गंजापन की प्रक्रिया से अछूता रहता है और आजीवन वजूद बनाए रखता है. यही वजह है कि इन बालों को डीएचटी के असर से सुरक्षित रखने के लिए आनुवांशिक रूप से जड़ों या हेयर फौलिकल में ट्रांसप्लांट किया जाता है.

इस डोनर क्षेत्र के बाल सर्जिकल हेयर ट्रांसप्लांटेशन का आधार बनते हैं. इन्हीं बालों को कम घने या गंजी जगहों पर ट्रांसप्लांट किया जाता है और जड़ के साथ जुड़ते हुए ये फिर से आदमी की बाकी उम्र तक बढ़ते रहते हैं.

हेयर ट्रांसप्लांट के प्रकार

एफयूएचटी : इस के तहत स्थायी डोनर क्षेत्र से खोपड़ी के स्ट्रिप के साथ जुड़े बाल उखाड़े जाते हैं. उस जगह के घाव को खुद से घुलनशील टांके या सर्जिकल स्टैपल की मदद से भर दिया जाता है. हर फौलिकुलर यूनिट (रोम छिद्र) को बड़ा करते हुए स्ट्रिप के साथ उखाड़ा जाता है. इसी बीच गंजे स्थान पर छोटी सूई या ब्लेड की मदद से खोपड़ी में रेसिएंट स्लिट (प्रत्यारोपण के लिए छेद) बनाए जाते हैं. यह काम भी लोकल एनेस्थीसिया की मदद से खोपड़ी को सुन्न करने के बाद किया जाता है.

इस तरह से बने हर छेद में फौलिकुल यूनिट ग्राफ्ट लगाए जाते हैं. टांके वाली जगह पर बाल लगाते हुए सारे चिह्नित क्षेत्र को ढक दिया जाता है. जब आप बाल छोटेछोटे कटवाएंगे या मुड़वा लेंगे, तभी ये दाग नजर आएंगे (आमतौर पर एक से 2 सैंटीमीटर तक बढ़े बालों में ये दाग नजर नहीं आते).

फ्यूज (फौलिकुलर यूनिट सैपरेशन ऐक्सट्रैक्शन) : अलगअलग हेयर फौलिकल्स को माइक्रोसर्जिकल सूक्ष्मता से उखाड़ने की एक पद्धति है, लेकिन इस में छुरी और टांकों की जरूरत नहीं पड़ती. यह एकएक फौलिकुलर यूनिट (एफयू) को उखाड़ने की सुरक्षित, कम तकलीफदेह और असल में दागरहित तकनीक है.

इस तकनीक से दाढ़ी और शरीर के अन्य हिस्सों के घने बालों को भी खोपड़ी में ट्रांसप्लांट करना मुमकिन है. इस के अतिरिक्त डोनर हेयर से पक्का होता है कि ऐसे लोग भी अपने सिर पर बाल उगा सकते हैं और बालों से जवान दिख सकते हैं, जिन के सिर से ज्यादा बाल गायब हो चुके हैं.

डोनर हेयर वाले छोटेछोटे स्थानों से बालों के उखड़ने के बाद उन जगहों के घाव खुद ब खुद भर जाते हैं और इस प्रक्रिया में बहुत कम समय लगता है.

दुनिया में पहली बार फ्यूज तकनीक की मदद से दाढ़ी के डौक्यूमैंटेड बालों का खोपड़ी में ट्रांसप्लांट (टांकारहित) डा. एज क्लिनिक में ही किया गया, इसलिए यह निश्चित रूप से इस क्षेत्र का प्रवर्तक आविष्कारक है.

आमतौर पर बालों का प्रत्यारोपण पिछले कुछ सालों से प्रभावशाली ढंग से अनमोल साबित हुआ है. एफयूएचटी के तहत 2,000 या इस से ज्यादा फौलिकुलर यूनिट के माइक्रोग्राफ्ट का वृहद सत्र कराने पर खर्च प्रति ग्राफ्ट काफी हो सकता है.

किसी आदमी को क्लिनिक में कितनी बार आने की जरूरत होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कौन सी पद्धति अपना रहा है और कितने ग्राफ्ट लगवाना चाहता है.

देखभाल और सावधानियां

नए ट्रांसप्लांटिड बाल आप के सिर पर असली बाल की तरह ही विकसित होंगे और उन्हें भी उसी तरह की देखभाल की जरूरत पड़ेगी. ये आप के ही बाल होंगे और आप इसे कलर भी कर सकते हैं, लहरा सकते हैं या अपने लाइफस्टाइल के मुताबिक अलगअलग स्टाइल में इन्हें संवार सकते हैं. आप इन्हें मुड़वा भी सकते हैं, क्योंकि ये भी फिर से बढ़ जाएंगे.

हालांकि ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के कुछ दिनों तक कुछ सख्त नियमों का पालन करना जरूरी है. आप की खोपड़ी में जब नए फौलिकल्स एक बार ट्रांसप्लांट हो जाते हैं, तो उन्हें रिकवर होने और अपनी जिंदगी शुरू करने के लिए कुछ दिनों तक देखभाल और सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है. लिहाजा, अगर आप हेयर ट्रांसप्लांट आपरेशन का मन मना रहे हैं, तो इस के बाद सु  झाई गई सावधानियों का सख्ती से पालन करना न भूलें.

आपरेशन के बाद के खास कदम न सिर्फ तेजी से रिकवर करने में मदद करते हैं, बल्कि नए फौलिकल्स को नुकसान पहुंचने का खतरा भी कम करते हैं. नए फौलिकल्स बेहद संवेदनशील होते हैं और आरंभिक चरणों में भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए इन्हें बहुत ज्यादा सावधानी के साथ संजो कर रखने की जरूरत है.

याद रखें

* प्रक्रिया अपनाने के कम से कम 2 दिनों के बाद तक बालों को न धोएं, क्योंकि धोने से नए फौलिकल्स बाधित होते हैं.

*  2 हफ्तों तक उन्हें धूप से बचाने का सख्ती से पालन करें, क्योंकि सूरज के संपर्क में आने से भी नए रोपे गए फौलिकल्स को नुकसान पहुंच सकता है. अच्छा होगा कि घर के अंदर ही रहें और सिर्फ रात में ही बाहर निकलें.

* किसी ऐसी गतिविधि से बचें, जिस में किसी चीज से या किसी आदमी से आप के सिर को रगड़ लगे.

* याद रखें कि हेयर ग्राफ्ट नए हैं और उन्हें खोपड़ी के अंदर जड़ें जमाने में वक्त लगेगा. उन्हें खुद ही घाव भरने और जड़ें जमाने के लिए छोड़ देना चाहिए.

* हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन की सलाह का बहुत सावधानीपूर्वक पालन करें.

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