आजकल लोगों में खुद को सेहतमंद बनाए रखने की जागरूकता बहुत ज्यादा बढ़ गई है. गांव हों या शहर हमारा लाइफ स्टाइल ऐसा हो गया है कि शरीर के बजाय दिमाग का काम बहुत ज्यादा होने लगा है. बहुत कम काम ऐसे रह गए हैं, जहां जिस्मानी ताकत का इस्तेमाल होता हो. इस की वजह से शरीर में लोच और ताकत की कमी होने लगती है, जिस से मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है.
इस से मन में सवाल उठना लाजिमी है कि फिटनैस किसे कहते हैं? इस राज से परदा उठाया फरीदाबाद के बिजनैसमैन कपिल गुप्ता ने, जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स साइंस ऐंड न्यूट्रिशन का कोर्स कर चुके हैं. इस के अलावा उन्होंने लंदन की नैट ग्लोबल एकेडमी से पेन रिलीफ थैरेपी के कई कोर्स किए हुए हैं. वे मैराथन रनर हैं और क्रौस फिट के ऐक्सपर्ट भी हैं.
कपिल गुप्ता ने बताया, ‘‘फिटनैस के बारे में अलगअलग बातें हर कहीं मौजूद हैं. अब किसे सच मानें और किसे झूठ, यह बड़ा ही पेचीदा मामला है. पर जहां तक मैं समझ पाया हूं तो फिटनैस का मतलब है कि आप अपने रोजमर्रा के कामों को बिना किसी परेशानी के कर सकें. आराम से बिना कोई चोट खाए कहीं भी उठबैठ सकें, कूदफांद सकें.
‘‘बिना दवा के या बिना बीमार हुए अपने मैंटल लैवल को बैलेंस रखते हुए अपने परिवार का खयाल अच्छी तरह से रख सकें. शाम को जब आप काम से घर वापस आएं तो शरीर में पौजिटिव ऐनर्जी बनी रहे. कहने का मतलब है कि फिटनैस शरीर और मन का संतुलन है. अगर इस में कोई गड़बड़ होती है, तो आप फिट नहीं हैं.
‘‘पर, रोजीरोटी के जुगाड़ में एकदम फिट हो पाना बड़ा मुश्किल काम है. जिंदगी इतनी भागदौड़ से भरी हो गई है कि आप तन और मन से हमेशा किसी न किसी तनाव या दबाव में रहते हैं. तो फिर इस समस्या का हल क्या है? हल तो यही है कि हम कसरत करने की ओर फोकस करें. अपने शरीर को समझें और उसी के मुताबिक भोजन करें.
‘‘इस के लिए बहुत सारे तरीके हैं, जैसे जिम जाना, स्ट्रैचिंग, डांस, जुंबा, एरोबिक्स करना, दौड़ना, तेज चलना, साइकिल चलाना, तैरना या कोई ऐसा खेल खेलना, जिस से आप को जिस्मानी मजबूती मिलने के साथसाथ दिमागी तौर पर भी मनोरंजन हासिल हो. इस के अलावा अच्छी किताबें पढ़ना, पौष्टिक भोजन करना और गहरी नींद लेना भी हमें फिट बनाता है.’’
फिट रहने के लिए किनकिन बातों पर ध्यान देना जरूरी है? क्या कम खर्च में भी खुद को फिट रखा जा सकता है? इन दोनों सवालों के जवाब में कपिल गुप्ता ने बताया, ‘‘ऐसा मुमकिन है कि कम खर्च में आप खुद को फिट रख सकें. पर यह एक दिन का काम नहीं है, बल्कि आप को रूटीन में ये सब काम करने होंगे और साथ ही सब्र भी रखना होगा. फिर देखिए कि आप खुद में बहुत अच्छा बदलाव पाएंगे.’’
कपिल गुप्ता ने जो सुझाव दिए हैं, वे इस तरह हैं :
भोजन
इसे फिटनैस के नजरिए से डाइट कहा जाता है, जो फिट रहने में 90-95 फीसदी रोल अदा करती है. अगर किसी के पास कसरत या कोई दूसरी एक्टिविटी करने का बहुत ज्यादा समय नहीं है, तो वह नैचुरल डाइट जैसे हरी सब्जियां और फल के रोजाना के सेवन से खुद को फिट रख सकता है.
हमें जंक या पैकेट फूड से बचना चाहिए. इस के बजाय ताजा भोजन और मोटे अनाज, दाल वगैरह का सेवन करना चाहिए. सुबह के समय सूरज की किरणों से हमें विटामिन डी मिलता है.
उपवास
इसे किसी धर्म से जोड़ें तो यह फिट रहने का अचूक तरीका है. शरीर को जहरीले पदार्थों से दूर रखने का यह बहुत ही पुराना तरीका है. आज तो विज्ञान भी यह बात मानता है कि कुछ घंटे के उपवास से भी शरीर पर बहुत अच्छा असर पड़ता है. इस से हमारी याददाश्त बेहतर होती है. शरीर जल्दी से बीमार नहीं पड़ता है.
एक दिन में 8 से 16 घंटे का उपवास भी कारगर रहता है. इस से हमारा खून साफ होता है, मोटापा नहीं बढ़ता है, पेट सही रहता है और पाचन क्रिया भी सुधर जाती है.
नींद
गहरी नींद अच्छी फिटनैस की निशानी है. इस से शरीर तो फिट होता ही है, मानसिक तनाव भी कम होता है. बड़े शहरों में तो अनिद्रा एक बड़ी गंभीर समस्या बन गई है. लोगों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा रहता है, जिस से वे नींद ही नहीं पूरी कर पाते हैं, जबकि 4 घंटे में से 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है.
अच्छी नींद लेने के लिए रात का भोजन बड़ा अहम होता है. सोने से 4-6 घंटे पहले रात का भोजन कर लेना चाहिए. सोने से पहले चाय, कौफी या फिर शराब का सेवन न करें. सोने से पहले मोबाइल फोन या टैलीविजन पर कोई ऐसी चीज न देखें, जिस से आप को तनाव हो जाए या मन अशांत हो जाए.
रात को सोने से पहले ज्यादा कसरत भी न करें. इस के बजाय अपने परिवार के साथ समय बिताएं, कोई अच्छी किताब पढ़ें या फिर अपना कोई पसंद का काम जैसे चित्रकारी, लेखन वगैरह करें, जिस से तन और मन का तनाव खत्म हो जाए.
कसरत
रोजाना कम से कम 15 मिनट कसरत जरूर करनी चाहिए, फिर चाहे वह तेज चलना हो, जौगिंग हो, स्ट्रैचिंग हो, दौड़ना हो, तैरना हो या फिर कोई दूसरी एक्टिविटी ही क्यों न हो.
फिट रहने के लिए रोजाना (कम से कम 4 दिन तो जरूर) 15 से 45 मिनट की कसरत से फिट रहा जा सकता है. अगर आप का काम ऐसा है कि कसरत के लिए रोजाना समय नहीं मिल पाता है, तो आप फोन पर बात करते समय चल सकते हैं (लेकिन अपना ध्यान रख कर सड़क वगैरह पर नहीं), औफिस में ही समय निकाल कर स्ट्रैचिंग कर सकते हैं, ताकि आप की कैलोरी बैलेंस हो सके.
पूरा दिन अपना पानी पीने का कोटा जरूर पूरा करें. एक दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं. पानी की कमी से भी शरीर के बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं.
इन सब बातों के अलावा आप हमेशा अच्छा साहित्य पढ़ें. इस में कोई किताब या पत्रिका शामिल हो सकती है. मन को संतुलित रखने में यह जरूरी है कि हम पढ़ क्या रहे हैं.
साथ ही, इस बात पर जरूर फोकस करें कि बेवजह के दिमागी तनाव से बचें. अगर मन शांत रहेगा, सांसें लंबी होंगी और आप का पाचन तंत्र मजबूत रहेगा, तो आप तन और मन से फिट होते जाएंगे.