मेरी एक बेवकूफी की वजह से मैंने अपने बौयफ्रेंड को खो दिया, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता था पर मेरी एक बेवकूफी की वजह से उस ने मुझ से दूरी बना ली. अब न तो वह मेरा फोन उठाता है और न ही मुझ से मिलता है. दरअसल कुछ  समय पहले मेरे फोन पर एक अनजान नंबर से कौल आई. मैं ने फोन नहीं उठाया तो मैसेज आने लगे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन मेरा नंबर और मेरा नाम भी जानता है. कई दिनों तक मैं ने कोई जवाब नहीं दिया. वह बहुत ही अच्छे मैसेज भेजता रहा. कुछ समय बाद मैं ने जवाब देना शुरू कर दिया. बाद में मुझे पता चला कि वह मेरे बौयफ्रैंड का कोई दोस्त था. उस ने मेरे सारे मैसेज उसे दिखा दिए. तब से ही उस ने मुझे से दूरी बना ली. अब तो वह मेरा फोन भी नहीं उठाता. मैं ने उसे माफी भी मांग ली पर वह मानता ही नहीं. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अब मैं क्या करूं?

जवाब
आजकल किसी का भी नाम और फोन नंबर पता करना मुश्किल नहीं है. आप को अनजान नंबर पर जवाब नहीं देना चाहिए था. आप ने नासमझी में जो किया वह आप के बौयफ्रैंड को नागवार गुजरा. उस की जगह कोई भी होता तो यही करता.

आप अपने बौयफ्रैंड का विश्वास तोड़ चुकी हैं और जब एक बार किसी रिश्ते में गांठ पड़ जाए तो उस रिश्ते का दोबारा पटरी पर आना मुश्किल हो जाता है. बेहतर होगा कि आप उसे भूल जाएं और जिंदगी में आगे बढ़ें.

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इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा?

अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

वे सुरक्षित नहीं महसूस करते: यदि आप लगातार किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं तो समझिए कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है. वफादारी के पनपने के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच प्यार और भरोसे का सतत प्रवाह बना रहे. ‘‘वैवाहिक रिश्तों में इन भावनाओं का होना अनमोल है और बहुत जरूरी भी. इससे सुनिश्चित होता है कि पति-पत्नी खुश और संतुष्ट हैं,’’ यह कहना है कोलकाता के साइकियाट्रिस्ट व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ सिलादित्य रे का.

उनके पास बातचीत के लिए कुछ नहीं है: जब मेरे पति की और मेरी मुलाक़ात हुई थी, तब हम दोनों हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करते थे,’’ यह बताते हुए रिलेशनशिप एग्जेक्यूटिव प्रिया नायर, 29, कहती हैं,‘‘कुछ समय बाद मैंने वह इंडस्ट्री छोड़ दी और जनसंपर्क के क्षेत्र में आ गई. सालभर बाद तो हमारे पास एक-दूसरे से जुड़ने और बातचीत के लिए कोई साझा मुद्दा ही नहीं बचा था. थोड़े समय बाद हम दोनों को कुछ ऐसी गतिविधियों की जरूरत महसूस होने लगी, जिनका आनंद हम साथ-साथ उठा सकें. फिर हमने दौड़ने की अपनी रुचि पर ध्यान देना शुरू किया. हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते, साथ-साथ मैराथन की तैयारी करते और इस बारे में चर्चा करते. इससे हमारी सेहत में भी सुधार आया और परस्पर रिश्ते में भी.’’

वे नाराज हैं, पर इसे छुपा रहे हैं: यदि आपके बीच लड़ाई के दौरान अक्सर वे आपको ‘इमोशनल’ और आप उन्हें ‘संवेदनहीन’ कहती हैं तो साफ है कि आप दोनों एक-दूसरे की बात नहीं सुन रहे हैं. ऐसी टिप्पणियों से बचें और आरोप लगाने के बजाय एक-दूसरे से अपने एहसासात बांटें.

डॉ रे सलाह देते हैं,‘‘यदि उनकी किसी बात से आप आहत हो रही हैं तो उन्हें बताएं, पर इसका तरीका सही रखें. नकारात्मक भावनात्मक आवेग को बाहर निकालने का सेहतमंद रास्ता ढूंढ़ें. ये आपके वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है.’’

उनके संकेतों को नजरअंदाज़ किया जा रहा है: हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना आप दोनों के लिए ज़रूरी है. आपको शायद ये अच्छा नहीं लगता हो कि आपके पति अब भी अपनी पूर्व-प्रेमिका से बातचीत करते हैं, पर वे इस बारे में आपको अक्सर संकेत देते रहते हैं.

डॉ रे कहते हैं कि इस तरह की सांकेतिक सीमाओं को समझना चाहिए और इनका आदर भी करना चाहिए. यदि आप इन अनकहे नियमों को तोड़ते हैं तो आपका साथी अपनी वफादारी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू कर सकता है और बेवफाई की संभावना बढ़ जाती है.

अपने व्यवहार में खुलापन लाइए. यदि आपको कोई आकर्षक लगता है तो इस बारे में बात कीजिए, क्योंकि यदि आप छिपाएंगी तो आपके इरादों को नेक नहीं कहा जा सकता.

उन्हें सेक्स की जरूरत है: ‘‘यदि आपके सेक्शुअल संबंध सेहतमंद नहीं है तो जाहिर है, आपका साथी यह सुख कहीं और से पाने का प्रयास करेगा,’’ कहना है डा. रे का. अपने सेक्स जीवन पर ध्यान दीजिए और यदि ये आपके, आपके साथी के या फिर आप दोनों के लिए संतुष्टिदायक नहीं है तो इस समस्या का समाधान ढूंढि़ए. इस मामले में मूक दर्शक मत बनिए, बल्कि किसी काउंसलर की मदद लीजिए.

हमारा रिलेशनशिप कभी अच्छे से चला ही नहीं, मैं फिजिकली नहीं इमोशनली अटैच्ड होना चाहती हूं, क्या करूं?

सवाल…

मैं 21 साल की एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की हूं. मैं 3 साल से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में हूं. पर हमारा रिलेशनशिप कभी अच्छे से चला ही नहीं. हम थोड़ा भी शारीरिक संबंध बनाते तो उस के 10 दिनों तक तो सब ठीक रहता है पर उस के बाद लड़ाइयां शुरू हो जातीं. वह कई दिन तक मेरे मैसेज का रिप्लाई तक नहीं करता, महीनों तक मिलता नहीं और जब भी मिलने की बात करता है तो सैक्स के लिए उतावला होता है. मैं फिजिकली नहीं, इमोशनली अटैच्ड होना चाहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब…

आप की बातों से साफ जाहिर है कि आप का बौयफ्रैंड आप के साथ केवल शारीरिक संबंध बनाना चाहता है. यह प्रेम नहीं है. प्रेम तो एक-दूसरे का ख्याल रखने, बातें करने और एक-दूसरे को समझने को कहते हैं. आप अपने बौयफ्रैंड से प्रेम करती हैं लेकिन वह आप को डिजर्व नहीं करता. वह केवल आप की खूबसूरती और अपने आनंद के लिए आप के साथ है. इस रिश्ते को जल्द से जल्द खत्म कर देना ही सही है.

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सवाल…

मैं 12वीं में पढ़ती हूं. हमारे घर में ऊपर की मंजिल पर एक पति-पत्नी रहते हैं जो आए दिन झगड़ते रहते हैं. उन के चीखने-चिल्लाने की आवाजें इतनी तेज होती हैं कि मैं पढ़ना तो दूर सहम जाती हूं. माता-पिता से बात करती हूं तो वे किराए की दुहाई दे कर मुझे चुप रहने के लिए कहते हैं. इस से  मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब…

आप अपने माता-पिता को समझाएं कि किराए से ज्यादा अहम आप की पढ़ाई व कैरियर है. अगर आप लोग किराएदार हैं तो मकान बदल लें और खुद मकान मालिक?हैं तो दूसरा किराएदार रख लें. अगर कलह के चलते आप का रिजल्ट बिगड़ा तो उस की जिम्मेदारी  लेने कोई आगे नहीं आएगा. वैसे भी कलह के दूसरे भी नुकसान होते हैं, इसलिए झगड़ालू पड़ोसियों से दूर चले जाना ही बेहतर है?.

मेरी भाभी मुझ पर आरोप लगाती हैं कि मेरे और भैया के बीच गलत संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं अविवाहित युवती हूं. माता पिता नहीं हैं. मैं भाई भाभी के साथ रहती हूं. समस्या यह है कि मेरी भाभी मुझ पर आरोप लगाती हैं कि मेरे और भैया के बीच गलत संबंध हैं. मुझे उन का यह आरोप बहुत परेशान करता है. समझ नहीं आता कि भैया से इस बारे में बात करूं या नहीं, सलाह दें.

जवाब

लगता है आप की भाभी को आप का उन के साथ रहना अखरता है. वे आप के प्रति अपनी व आप के भैया के जिम्मेदारी से बचने के लिए ऐसा आरोप लगा रही है. भाई से अपनी शादी कराने के लिए कहें. जैसा भी पति मिले, उस के साथ शादी करने को हां कह दें. यह क्लेश सब को भारी पड़ सकता है.

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झारखंड राज्य का एक शहर है हजारीबाग. यह कुदरत की गोद में बसा छोटा सा, पर बहुत खूबसूरत शहर है. पहाड़ियों से घिरा, हरेभरे घने जंगल, झील, कोयले की खानें इस की खासीयत हैं. हजारीबाग के पास ही में डैम और नैशनल पार्क भी हैं. यह शहर अभी हाल में ही रेल मार्ग से जुड़ा है, पर अभी भी नाम के लिए 1-2 ट्रेनें ही इस लाइन पर चलती हैं. शायद इसी वजह से इस शहर ने अपने कुदरती खूबसूरती बरकरार रखी है.

सोमेन हजारीबाग में फौरैस्ट अफसर थे. उन दिनों हजारीबाग में उतनी सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए उन की बीवी संध्या अपने मायके कोलकाता में ही रहती थी.

दरअसल, शादी के बाद कुछ महीनों तक वे दोनों फौरैस्ट अफसर के शानदार बंगले में रहते थे. जब संध्या मां बनने वाली थी, सोमेन ने उसे कोलकाता भेज दिया था. उन्हें एक बेटी हुई थी. वह बहुत खूबसूरत थी, रिया नाम था उस का. सोमेन हजारीबाग में अकेले रहते थे. बीचबीच में वे कोलकाता जाते रहते थे.

हजारीबाग के बंगले के आउट हाउस में एक आदिवासी जोड़ा रहता था. लक्ष्मी सोमेन के घर का सारा काम करती थी. उन का खाना भी वही बनाती थी. उस का मर्द फूलन निकम्मा था. वह बंगले की बागबानी करता था और सारा दिन हंडि़या पी कर नशे में पड़ा रहता था.

एक दिन दोपहर बाद लक्ष्मी काम करने आई थी. वह रोज शाम तक सारा काम खत्म कर के रात को खाना टेबल पर सजा कर चली जाती थी.

उस दिन मौसम बहुत खराब था. घने बादल छाए हुए थे. मूसलाधार बारिश हो रही थी. दिन में ही रात जैसा अंधेरा हो गया था.

अपने आउट हाउस में बंगले तक दौड़ कर आने में ही लक्ष्मी भीग गई थी. सोमेन ने दरवाजा खोला. उस की गीली साड़ी और ब्लाउज के अंदर से उस के सुडौल उभार साफ दिख रहे थे.

सोमेन ने लक्ष्मी को एक पुराना तौलिया दे कर बदन सुखाने को कहा, फिर उसे बैडरूम में ही चाय लाने को कहा. बिजली तो गुल थी. उन्होंने लैंप जला रखा था.

थोड़ी देर में लक्ष्मी चाय ले कर आई. चाय टेबल पर रखने के लिए जब वह झुकी, तो उस का पल्लू सरक कर नीचे जा गिरा और उस के उभार और उजागर हो गए.

सोमेन की सांसें तेज हो गईं और उन्हें लगा कि कनपटी गरम हो रही है. लक्ष्मी अपना पल्लू संभाल चुकी थी. फिर भी सोमेन उसे लगातार देखे जा रहे थे.

यों देखे जाने से लक्ष्मी को लगा कि जैसे उस के कपड़े उतारे जा रहे हैं. इतने में सोमेन की ताकतवर बाजुओं ने उस की कमर को अपनी गिरफ्त में लेते हुए अपनी ओर खींचा.

लक्ष्मी भी रोमांचित हो उठी. उसे मरियल पियक्कड़ पति से ऐसा मजा नहीं मिला था. उस ने कोई विरोध नहीं किया और दोनों एकदूसरे में खो गए.

इस घटना के कुछ महीने बाद सोमेन ने अपनी पत्नी और बेटी रिया को रांची बुला लिया. हजारीबाग से रांची अपनी गाड़ी से 2 ढाई घंटे में पहुंच जाते हैं.

सोमेन ने उन के लिए रांची में एक फ्लैट ले रखा था. उन के प्रमोशन की बात चल रही थी. प्रमोशन के बाद उन का ट्रांसफर रांची भी हो सकता है, ऐसा संकेत उन्हें डिपार्टमैंट से मिल चुका था.

इधर लक्ष्मी भी पेट से हो गई थी. इस के पहले उसे कोई औलाद न थी. लक्ष्मी के एक बेटा हुआ. नाकनक्श से तो साधारण ही था, पर रंग उस का गोरा था. आमतौर पर आदिवासियों के बच्चे ऐसे नहीं होते हैं.

अभी तक सोमेन हजारीबाग में ही थे. वे मन ही मन यह सोचते थे कि कहीं यह बेटा उन्हीं का तो नहीं है. उन्हें पता था कि लक्ष्मी की शादी हुए 6 साल हो चुके थे, पर वह पहली बार मां बनी थी.

सोमेन को तकरीबन डेढ़ साल बाद प्रमोशन और ट्रांसफर और्डर मिला. तब तक लक्ष्मी का बेटा गोपाल भी डेढ़ साल का हो चुका था.

हजारीबाग से जाने के पहले लक्ष्मी ने सोमेन से अकेले में कहा, ‘‘बाबूजी, आप से एक बात कहना चाहती हूं.’’

‘‘हां, कहो,’’ सोमेन ने कहा.

‘‘गोपाल आप का ही खून है.’’

सोमेन बोले, ‘‘यह तो मैं यकीनी तौर पर नहीं मान सकता हूं. जो भी हो, पर तुम मुझ से चाहती क्या हो?’’

‘‘बाबूजी, मैं बेटे की कसम खा कर कहती हूं, गोपाल आप का ही खून है.’’

‘‘ठीक है. बोलो, तुम कहना क्या चाहती हो?’’

‘‘ज्यादा कुछ नहीं. बस, यह भी पढ़लिख कर अच्छा इनसान बने. मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी. आप इतना भरोसा तो मुझ पर कर सकते हैं,’’ लक्ष्मी बोली.

‘‘ठीक है. तुम लोगों के बच्चों का तो हर जगह आसानी से रिजर्वेशन कोटे में दाखिला हो ही जाता है. फिर भी मुझ से कोई मदद चाहिए तो बोलना.’’

इस के बाद सोमेन रांची चले गए. समय बीतता गया. सोमेन की बेटी रिया 10वीं पास कर आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई थी.

बीचबीच में इंस्पैक्शन के लिए सोमेन को हजारीबाग जाना पड़ता था. वे वहीं आ कर बंगले में ठहरते थे. लक्ष्मी भी उन से मिला करती थी. उस ने सोमेन से कहा था कि गोपाल भी 10वीं क्लास के बाद दिल्ली के अच्छे स्कूल और कालेज में पढ़ना चाहता है. उसे कुछ माली मदद की जरूरत पड़ सकती है.

सोमेन ने उसे मदद करने का भरोसा दिलाया था. गोपाल अब बड़ा हो गया था. वे उसे देख कर खुश हुए. शक्ल तो मां की थी, पर रंग गोरा था. छरहरे बदन का साधारण, पर आकर्षक लड़का था. उस के नंबर भी अच्छे आते थे.

रिया के दिल्ली जाने के एक साल बाद गोपाल ने भी दिल्ली के उसी स्कूल में दाखिला ले लिया. सोमेन ने गोपाल की 12वीं जमात तक की पढ़ाई के लिए रुपए उस के बैंक में जमा करवा दिए थे.

रिया गोपाल से एक साल सीनियर थी. पर एक राज्य का होने के चलते दोनों में परिचय हो गया. छुट्टियों में ट्रेन में अकसर आनाजाना साथ ही होता था. गोपाल और रिया दोनों का इरादा डाक्टर बनने का था.

रिया ने 12वीं के बाद कुछ मैडिकल कालेज के लिए अलगअलग टैस्ट दिए, पर वह कहीं भी पास नहीं कर सकी थी. तब उस ने एक साल कोचिंग ले कर अगले साल मैडिकल टैस्ट देने की सोची. वहीं दिल्ली के अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट में कोचिंग शुरू की.

अगले साल गोपाल और रिया दोनों ने मैडिकल कालेज में दाखिले के लिए टैस्ट दिए. इस बार दोनों को कामयाबी मिली थी. गोपाल के नंबर कुछ कम थे, पर रिजर्वेशन कोटे में तो उस का दाखिला होना तय था.

गोपाल और रिया दोनों ने बीएचयू मैडिकल कालेज में दाखिला लिया. सोमेन गोपाल की पढ़ाई का भी खर्च उठा रहे थे. अब दोनों की क्लास भी साथ होती थी. आपस में मिलनाजुलना भी ज्यादा हो गया था. छुट्टियों में भी साथ ही घर आते थे.

वहां से शेयर टैक्सी से हजारीबाग जाना आसान था. हजारीबाग के लिए कोई अलग ट्रेन नहीं थी. जब कभी सोमेन रिया को लेने रांची स्टेशन जाते थे, तो वे गोपाल को भी बिठा लेते थे और अगर सोमेन को औफिशियल टूर में हजारीबाग जाना पड़ता था, तो गोपाल को वे साथ ले जाते थे. इस तरह समय बीतता गया और गोपाल व रिया अब काफी नजदीक आ गए थे. वे एकदूसरे से प्यार करने लगे थे.

गोपाल और रिया दोनों असलियत से अनजान थे. दोनों के मातापिता भी उन की प्रेम कहानी से वाकिफ नहीं थे. उन्होंने पढ़ाई के बाद अपना घर बसाने का सपना देख रखा था. साढ़े 4 साल बाद दोनों ने अपनी एमबीबीएस पूरी कर ली. आगे उसी कालेज में दोनों ने एक साल की इंटर्नशिप भी पूरी की.

रिया काफी समझदार थी. उस की शादी के लिए रिश्ते आने लगे, पर उस ने मना कर दिया और कहा कि अभी वह डाक्टरी में पोस्ट ग्रेजुएशन करेगी.

लक्ष्मी कुछ दिनों से बीमार चल रही थी. इसी बीच सोमेन भी हजारीबाग में थे. उस ने सोमेन से कहा, ‘‘बाबूजी, मेरा अब कोई ठिकाना नहीं है. आप गोपाल का खयाल रखेंगे?’’

सोमेन ने समझाते हुए कहा, ‘‘अब गोपाल समझदार डाक्टर बन चुका है. वह अपने पैरों पर खड़ा है. फिर भी उसे मेरी जरूरत हुई, तो मैं जरूर मदद करूंगा.’’

कुछ दिनों बाद ही लक्ष्मी की मौत हो गई.

गोपाल और रिया दोनों ने मैडिकल में पोस्ट ग्रैजुएशन का इम्तिहान दिया था. वे तो बीएचयू में पीजी करना चाहते थे, पर वहां उन्हें सीट नहीं मिली. दोनों को रांची मैडिकल कालेज आना पड़ा.

उन में प्रेम तो जरूर था, पर दोनों में से किसी ने भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया था. दोनों ने तय किया कि जब तक उन की शादी नहीं होती, इस प्यार को प्यार ही रहने दिया जाए.

रिया की मां संध्या ने एक दिन उस से कहा, ‘‘तुम्हारे लिए अच्छेअच्छे घरों से रिश्ते आ रहे हैं. तुम पोस्ट ग्रेजुएशन करते हुए भी शादी कर सकती हो. बहुत से लड़केलड़कियां ऐसा करते हैं.’’

रिया बोली, ‘‘करते होंगे, पर मैं नहीं करूंगी. मुझ से बिना पूछे शादी की बात भी मत चलाना.’’

‘‘क्यों? तुझे कोई लड़का पसंद है, तो बोल न?’’

‘‘हां, ऐसा ही समझो. पर अभी हम दोनों पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रहे हैं. शादी की जल्दी किसी को भी नहीं है. पापा को भी बता देना.’’

संध्या ने कोई जवाब नहीं दिया. इसी बीच एक बार सोमेन के दोस्त ने उन्हें खबर दी कि उस ने रिया और गोपाल को एकसाथ सिनेमाघर से निकलते देखा है.

इस के कुछ ही दिनों बाद संध्या के रिश्ते के एक भाई ने बताया कि उस ने गोपाल और रिया को रैस्टौरैंट में लंच करते देखा है.

सोमेन ने अपनी पत्नी संध्या से कहा, ‘‘रिया और गोपाल दोनों को कई बार सिनेमाघर या होटल में साथ देखा गया है. उसे समझाओ कि उस के लिए अच्छे घरों से रिश्ते आ रहे हैं. सिर्फ उस के हां कहने की देरी है.’’

संध्या बोली, ‘‘रिया ने मुझे बताया था कि वह गोपाल से प्यार करती है.’’

सोमेन चौंक पड़े और बोले, ‘‘क्या? रिया और गोपाल? यह तो बिलकुल भी नहीं हो सकता.’’

अगले दिन सोमेन ने रिया से कहा, ‘‘बेटी, तेरे रिश्ते के लिए काफी अच्छे औफर हैं. तू जिस से बोलेगी, हम आगे बात करेंगे’’

रिया ने कहा, ‘‘पापा, मैं बहुत दिनों से सोच रही थी कि आप को बताऊं कि मैं और गोपाल एकदूसरे को चाहते हैं. मैं ने मम्मी को बताया भी था कि पीजी पूरा कर के मैं शादी करूंगी.’’

‘‘बेटी, कहां गोपाल और कहां तुम? उस से तुम्हारी शादी नहीं हो सकती, उसे भूल जाओ. अपनी जाति के अच्छे रिश्ते तुम्हारे सामने हैं.’’

‘‘पापा, हम दोनों पिछले 5 सालों से एकदूसरे को चाहते हैं. आखिर उस में क्या कमी है?’’

‘‘वह एक आदिवासी है और हम ऊंची जाति के शहरी लोग हैं.’’

‘‘पापा, आजकल यह जातपांत, ऊंचनीच नहीं देखते. गोपाल भी एक अच्छा डाक्टर है और उस से भी पहले बहुत नेक इनसान है.’’

सोमेन ने गरज कर कहा, ‘‘मैं बारबार तुम्हें मना कर रहा हूं… तुम समझती क्यों नहीं हो?’’

‘‘पापा, मैं ने भी गोपाल को वचन दिया है कि मैं शादी उसी से करूंगी.’’

उसी समय संध्या भी वहां आ गई और बोली, ‘‘अगर रिया गोपाल को इतना ही चाहती है, तो उस से शादी करने में क्या दिक्कत है? मुझे तो गोपाल में कोई कमी नहीं दिखती है.’’

सोमेन चिल्ला कर बोले, ‘‘मेरे जीतेजी यह शादी नहीं हो सकती. मैं तो कहूंगा कि मेरे मरने के बाद भी ऐसा नहीं करना. तुम लोगों को मेरी कसम.’’

रिया बोली, ‘‘ठीक है, मैं शादी ही नहीं करूंगी. तब तो आप खुश हो जाएंगे.’’

सोमेन बोले, ‘‘नहीं बेटी, तुझे शादीशुदा देख कर मुझे बेहद खुशी होगी. पर तू गोपाल से शादी करने की जिद छोड़ दे.’’

‘‘पापा, मैं ने आप की एक बात मान ली. मैं गोपाल को भूल जाऊंगी. परंतु आप भी मेरी एक बात मान लें, मुझे किसी और से शादी करने के लिए मजबूर नहीं करेंगे.’’

ये बातें फिलहाल यहीं रुक गईं. रात में संध्या ने पति सोमेन से पूछा, ‘‘क्या आप बेटी को खुश नहीं देखना चाहते हैं? आखिर गोपाल में क्या कमी है?’’

सोमेन ने कहा, ‘‘गोपाल में कोई कमी नहीं है. उस के आदिवासी होने पर भी मुझे कोई एतराज नहीं है. वह सभी तरह से अच्छा लड़का है, फिर भी…’’

रिया को नींद नहीं आ रही थी. वह भी बगल के कमरे में उन की बातें सुन रही थी. वह अपने कमरे से बाहर आई और पापा से बोली, ‘‘फिर भी क्या…? जब गोपाल में कोई कमी नहीं है, फिर आप की यह जिद बेमानी है.’’

सोमेन बोले, ‘‘मैं नहीं चाहता कि तेरी शादी गोपाल से हो.’’

‘‘नहीं पापा, आखिर आप के न चाहने की कोई तो ठोस वजह होनी चाहिए. आप प्लीज मुझे बताएं, आप को मेरी कसम. अगर कोई ऐसी वजह है, तो मैं खुद ही पीछे हट जाऊंगी. प्लीज, मुझे बताएं.’’

सोमेन बहुत घबरा उठे. उन को पसीना छूटने लगा. पसीना पोंछ कर अपनेआप को संभालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह शादी इसलिए नहीं हो सकती, क्योंकि…’’

वे बोल नहीं पा रहे थे, तो संध्या ने उन की पीठ सहलाते हुए उन को हिम्मत दी और कहा, ‘‘हां बोलिए आप, क्योंकि… क्या?’’

सोमेन बोले, ‘‘तो लो सुनो. यह शादी नहीं हो सकती है, क्योंकि गोपाल रिया का छोटा भाई है.

‘‘जब मैं हजारीबाग में अकेला रहता था, तब मुझ से यह भूल हो गई थी.’’

रिया और संध्या को काटो तो खून नहीं. दोनों हैरानी से सोमेन को देख रही थीं. रिया की आंखों से आंसू गिरने लगे. कुछ देर बाद वह सहज हुई और अपने कमरे में चली गई.

रात में ही उस ने गोपाल को फोन कर के कहा, ‘‘गोपाल, क्या तुम मुझ से सच्चा प्यार करते हो?’’

गोपाल बोला, ‘क्या इतनी रात गए यही पूछने के लिए फोन किया है?’

‘‘तुम ने सुना होगा कि प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं है, इस में कभी खोना भी पड़ता है.’’

गोपाल ने कहा, ‘हां, सुना तो है.’’

‘‘अगर यह सही है, तो तुम्हें मेरी एक बात माननी होगी. बोलो मानोगे?’’ रिया बोली.

गोपाल बोला, ‘यह कैसी बात कर रही हो आज? तुम्हारी हर जायज बात मैं मानूंगा.’

‘‘तो सुनो. बात बिलकुल जायज है, पर मैं इस की कोई वजह नहीं बता सकती हूं और न ही तुम पूछोगे. ठीक है?’’

‘ठीक है, नहीं पूछूंगा. अब बताओ तो सही.’

रिया बोली, ‘‘हम दोनों की शादी नहीं हो सकती. यह बिलकुल भी मुमकिन नहीं है. वजह जायज है और जैसा कि मैं ने पहले ही कहा है कि वजह न मैं बता सकती हूं, न तुम पूछना कभी.’’

गोपाल ने पूछा, ‘तो क्या हमारा प्यार झूठा था?’

रिया बोली, ‘‘प्यार सच्चा है, पर याद करो, हम ने तय किया था कि शादी नहीं होने तक हमारा प्यार ‘अधूरा प्यार’ रहेगा. बस, यही समझ लो.

‘‘अब तुम कहीं भी शादी कर लो, पर मेरातुम्हारा साथ बना रहेगा और तुम चाहोगे भी तो भी मैं कभी भी तुम्हारे घर आ धमकूंगी,’’ इतना कह कर रिया ने फोन रख दिया.

बेहद जरूरी है सैक्सुअल हाइजीन, जानें कैसे

स्वस्थ जीवन जीने के लिए जितना जरूरी बेसिक हाइजीन है उतना ही जरूरी सेक्सुअल हाइजीन है. आज भी हमारे देश में प्राइवेट पार्ट के हैल्थ और सेक्सुअल हाइजीन के बारे में उतनी गंभीरता से बातें नहीं बताई जाती, जितनी की बेसिक हाइजीन के बारे में, पर क्या आपको पता है सैक्सुअल हाइजीन को इग्नोर करने से कई तरह के गंभीर इंफैक्शन और सैक्सुअल प्रौब्लम हो सकती है. सैक्सुअल प्रौब्लम क्यों होती है और इसे रोकने के उपाय क्या हैं इस बारे में बता रही हैं कोलंबिया एशिया हौस्पिटल, गुड़गांव की कंसलटेंट औब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलौजिस्ट डाक्टर रितु सेठी.

क्यों होता है इंफैक्शन

एक सर्वे के अनुसार लगभग 93% शादीशुदा महिलाएं सेक्सुअल हाइजीन का खयाल नहीं रखती, दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू जैसे बड़े शहरों में एक सर्वे के मुताबिक 45% महिलाएं सामान्य वैजाइनल प्रौब्लम से ग्रसित हैं. लेकिन वे इसे चुपचाप सहती हैं. इस विषाय को किसी से शेयर नहीं करतीं, क्योंकि वे इंटिमेट हाइजीन को इतना महत्त्वपूर्ण ही नहीं समझती. दरअसल महिलाओं को इस बात का एहसास व समझ ही नहीं कि सेक्सुअल हाइजीन का सीधा संबंध सेक्सुअल इंफैक्शन से होता है और इस की कई वजह है.

सेक्सुअल इंफैक्शन की वजह महिलाओं में जागरूकता की कमी

महिलाओं में सैक्सुअल हाइजीन की जानकारी न होने की सब से बड़ी वजह हमारा सामाजिक ढांचा, जागरूकता व सर्तकता की कमी है. भारत में प्राइवेट पार्ट पर बात करने से लोग झिझकते हैं. यहां तक कि इस बारे में अपने डाक्टर्स से भी बात करने से कतराते हैं. सर्तकता और जागरूकता की कमी के चलते ही आज भी पढ़ीलिखी महिलाएं वैजाइनल हैल्थ व हाइजीन को अनदेखा कर रही है और कई गंभीर यौन रोग का शिकार हो रही हैं. जिस का परिणाम वैजाइना में गंध, खुजली और बैक्टीरियल इंफैक्शन आदि हो जाते हैं.

हाइजीन का ध्यान न देना

प्रकृति ने महिलाओं के वैजाइनल की संरचना कुछ ऐसे की है कि हाइजीन का ध्यान न रखने से वो इंफैक्शन के संपर्क में जल्दी आ जाती हैं जिस के कारण, यूरिन में जलन, फिजिकल रिलेशन बनाने के दौरान योनि में तेज जलन व दर्द, जैसी समस्याओं से हर महिला ग्रसित होती है.

वैजाइना और एनस का आसपास होना

महिलाओं में यूरिन इंफैक्शन की सब से बड़ी वजह उन के वैजाइना और (मलद्वार) एनस के बीच मामूली अंतर होना है अधिकांश महिलाओं में मलत्याग के बाद मल को साफ करने की प्रक्रिया बहुत गलत होती है, जिस से मल का टुकड़ा उन की योनि तक पहुंचना बेहद आसान हो जाता है और ऐसा अकसर होता है इसलिए मल के योनि तक पहुंचने का महिलाओं को पता ही नहीं चलता लेकिन इस के प्रभाव से वो इंफैक्शन का शिकार हो जाती हैं. लेकिन शायद ही महिलाएं इस के प्रति सचेत होती हैं. मल को साफ करने के लिए हाथ को आगे की तरफ न कर के पीछे की तरफ कर के मल की सफाई करें. वैजाइनल की क्लीनिंग का भी खास ध्यान रखें.

इनर वियर का साफ ना होना

महिलाएं अपनी पैंटी की साफसफाई की हमेशा से ही उपेक्षा करती हैं, जो यूरिन इंफैक्शन का कारण होती है. पैंटी का अंदरूनी हिस्सा, संक्रमित ल्यूकोरिया आदि के कारण संक्रमित हो जाता है जिस से पैंटी प्रदूषित रहती है. बाद में इसी पैंटी के जरिए योनि मार्ग से इंफैशन देखने में आता है.

पीरियड के समय सफाई न होना

खास कर पीरियड्स के दौरान अपनी पैंटी की साफसफाई का खास ध्यान न रखना, भी इंफैक्शन की वजह है, जिस से योनि से दुर्गंध युक्त पानी निकलना, प्रदर रोग, योनि व पेशाब में जलन खुजली एक बड़ी वजह हो जाती है.

सैक्सुअल हाइजीन को प्रभावित करने वाले कारक

महिलाओं में सेक्सुअल हाइजीन, हारमोनल परिवर्तन, पीरियड्स टाइम, बीमारी, प्रैगनैंसी, फिजिकल एक्टीविटीज और पैंटी पहनने के प्रकार से प्रभावित होती है. पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड का प्रयोग करने से इंफैक्शन और गंध हो जाती है.

सैक्स लाइफ को प्रभावित करते हारमोनल चेंजेज

महिलाओं में हारमोनल चेंजेज और खराब स्वास्थ्य के दौरान वैजाइनल डिसचार्ज होता है. जिस से योनि में गीलापन होता है और यही गीलापन ईचिंग का कारण होता है. इस के अलावा प्रैगनैंसी और डिलीवरी के दौरान वैजाइना की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं जो सेक्सुअल हाइजीन को प्रभावित करती है.

महिलाओं में सेक्सुअल हाइजीन की कमी उन की सेक्स लाइफ को खत्म कर देती है.

हाइजीन पर ध्यान देने वाली खास बातें

महिलाओं में प्राइवेट हाइजीन के मूल मुद्दों को अकसर ही नजरअंदाज कर दिया जाता रहा पर हैल्दी रहने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

  1. सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के समय हमेशा सचेत रहे हमेशा टौयलेट जाते समय फ्लश जरूर करें.
  2. पैंटी की सफाई किसी अच्छे डिटरजैंट से करें ताकि वह अच्छी तरह से साफ हो जाए.
  3. पैंटी को हमेशा सीधी दिशा में धूप में ही सुखाएं ताकि उस का अंदरूनी हिस्सा धूल, मिट्टी आदि से प्रदूषित न हो सके.
  4. रोज पहनने वाली पैंटी पर आयरन जरूर चलाएं. आयरन की गरमी से बैक्टीरिया का पूरी तरह से अंत हो जाता है और पैंटी इंफैक्शन से मुक्त हो जाती है.
  5. पीरियड्स के दौरान अपने पैड्स को 6 घंटे के अंतराल पर बदलें इसी समय इंफैक्शन होने का ज्यादा डर होता है.
  6. हमेशा लाईट कलर की पैंटी का प्रयोग करें व्हाइट कलर की पैंटी बेस्ट है इस में थोड़ी भी गंदगी साफ पता चलती है.
  7. पैंटी को डिटर्जेंट से धोने के बाद एक बार डिटौल व ऐंटीसैप्टिक की कुछ बूंदें डाल कर पानी में जरूर साफ करें इस से पैंटी बैक्टीरिया मुक्त हो जाती है और आप को फंगल या ऐसे किसी अन्य संक्रमण से बचाती है.
  8. सिंथेटिक की बजाए कौटन की पैंटी का प्रयोग करें और अपनी पैंटी को हर 3 महीने में चेंज जरूर करें.
  9. एक्सरसाइज के बाद पसीने से भीगी पैंटी को तुरंत बदल लें नमी के कारण उस में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है.
  10. वैजाइना को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से साफ करें.
  11. किसी भी सूरत में टैलकम पाउडर का इस्तेमाल न करें विशेष तौर पर निजी अंगों पर क्योंकि इस से ओवेरियन कैंसर होने की रिपोर्ट्स सामने आ रही है.
  12. बहुत ज्यादा टाइट पैंटी न पहनें.
  13. अपनी पैंटी को अपने अन्य कपड़ों के साथ कभी न धोएं उसे अलग से साफ करें.

महिलाओं के आवश्यक टैस्ट

नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच कराना भी बहुत जरूरी है, जिस से जीवनशैली संबंधी बीमारियों की जांच कर उन की रोकथाम की जा सके और साथ ही पैप स्मीयर्स जैसे महत्त्वपूर्ण टेस्ट भी हो सके, जिन्हें यौन संबंधों के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जाता है, क्योंकि लंबी अवधि में ये बीमारियां सर्वाइकल कैंसर की वजह भी बन सकती हैं. सेक्सुअल तौर पर बेहद सक्रिय महिलाओं को ये जांच अवश्य कराने की सलाह देनी चाहिए.

कम उम्र में ही महिलाओं की जांच जीवनशैली संबंधी बीमारियों के लिए भी हो जानी चाहिए जैसे डायबिटीज. क्योंकि इस का महिलाओं की फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है और अगर इस की जांच सही समय पर नहीं हो तो यह महिलाओं के जीवन को युवा उम्र में ही प्रभावित कर सकती है. ऐसी स्थितियों की वजह से लंबी अवधि में महिला और उस के साथी के यौन स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

सैक्सुअल हैल्थ के लिए जरूरी है सेफ सैक्स

अक्सर शर्म और झिझक के चलते महिलाएं अपने मेल पार्टनर से सेफ सेक्स पर बात नहीं करती लेकिन आप की सेहत आप के हाथ है. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से कंडोम यूज करने को कहें जिस से कई तरह के गंभीर व जानलेवा यौन संक्रमणों से बचा जा सकता है.

सेक्सुअल हैल्थ के लिए बैलैंस्ड डाइट बहुत जरूरी है. ये इंफैक्शन से बचाता है. यदि वैजाइनल ड्रायनैस है तो सोया प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल करें क्योंकि इस में एस्ट्रोजन का एक प्रकार पाया जाता है जो नेचुरल लूब्रिकेशन को बढ़ाता है इस के साथ एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है.

ये सभी बातें महिलाओं के सेक्सुअल जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं क्योंकि बारबार फंगल इंफैक्शन होने से फिजिकल रिलेशन के दौरान अत्यधिक दर्द और सूखापन हो जाता है जिस से महिलाएं इंटरकोर्स करने से कतराने लगती हैं इसलिए अगर इस की मूल वजह को सुधार दिया जाए और लड़कियों को युवा उम्र से ही अपनी साफसफाई रखने की बात सिखाई जाए तो इस से बेहद तेजी से बढ़ते यौन बीमारियों के मामले नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. मूल मुद्दों की जानकारी के अभाव के कारण ही अकसर लड़कियों में यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्रमार्ग) के इंफैक्शन हो जाते हैं और जेनिरी-यूरिनरी सिस्टम में भी फंगल इंफैक्शन हो जाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो इस का खास ध्यान रखें.

सैक्स को गंभीरता से लेना है बेहद जरूरी

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही, कही इसकी वजह ये तो नहीं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 1 साल हो चुका है. अभी तक मुझे मातृत्व सुख नहीं प्राप्त हुआ है. सहवास में निवृत्त होने के बाद मैं तुरंत खड़ी हो जाती हूं. क्या इसीलिए मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही? गर्भधारण करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? क्या मुझे किसी तरह की जांच करानी चाहिए?

जवाब
अभी आप की उम्र बहुत कम है और शादी में भी सिर्फ 1 वर्ष ही हुआ है, इसलिए मातृत्व को ले कर आप को अभी चिंतित होने की जरूरत नहीं है. अभी कुछ वर्ष आप वैवाहिक जीवन का आनंद लें. शारीरिक और मानसिक तौर पर जब आप मातृत्व वहन करने के योग्य हो जाएंगी तब इस विषय में सोचें. जहां तक सहवास के बाद खड़े हो जाने की बात है तो इस से गर्भधारण करने में कोई व्यवधान नहीं पड़ता.

मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है, क्या करूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय नौजवान हूं और पापा का बिजनैस संभाल रहा हूं. मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रैंड हैं लेकिन मेरी कभी कोई गर्लफ्रैंड नहीं बनी. ऐसी बात नहीं कि मैं देखने में अच्छा नहीं लगता बल्कि मेरी पर्सनैलिटी देख कर सब कहते हैं कि मैं छिपा रहा हूं कि मेरी गर्लफ्रैंड नहीं है. उन्हें क्या पता कि मेरी वाकई में कोई गर्लफ्रैंड नहीं. मुझे अच्छा नहीं लगता. इस वजह से आजकल मैं उदास रहने लगा हूं. लाइफ बोर लगने लगी है. अभी शादी भी नहीं करना चाहता. क्या करूं?

जवाब

आप जिंदगी से नाराज क्यों हैं. गर्लफ्रैंड नहीं है तो न सही, इस में उदास होने की क्या बात है. आप अकेले हैं क्या जिस की गर्लफ्रैंड नहीं है. आप जैसे हजारों लड़के होंगे. क्या वे जिंदगी के मजे नहीं उठा रहे. अरे भई, क्या कभी सोचा है कि गर्लफ्रैंड के न रहने से आप की जिंदगी कितनी बेहतर हो सकती है? नहीं जानते तो हम बताते हैं. सब से बड़ा फायदा यह है कि गर्लफ्रैंड न होने से आप किसी भी लड़की के साथ घूमफिर सकते हैं. आप को हर वक्त कोई रोकनेटोकने वाला नहीं होता. दूसरा, आप कभी भी नाइटआउट के लिए बाहर जा सकते हैं.

इतना ही नहीं, आप को अपने दोस्तों से मिलने के लिए किसी को जवाब नहीं देना पड़ता. तीसरा, आप की जिंदगी में अगर लड़की न हो तो आप अपने हिसाब से रह सकते हैं. आप को किसी की पसंद से कुछ भी पहनने की जरूरत नहीं होती. चौथी बात, पैसों की बचत तो है ही. गर्लफ्रैंड को खुश रखने के लिए जेब तो ढीली करनी ही पड़ती है और आखिरी बात, गर्लफ्रैंड न होने का सब से बड़ा फायदा यह है कि आप के पास अपने लिए काफी समय होता है. आप जो चाहे वह कर सकते हैं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

सुहागरात पर मसाज का मजा लिया क्या?

अमूमन यह माना जाता है कि सुहागरात पर जिस्मानी रिश्ता तो हर कीमत पर बनना ही चाहिए. दूल्हे के दिमाग में तो यह भर दिया जाता है कि पहली रात को ही अपनी दुलहन को अपने जिस्म से मसल देना. बहुत सी लड़कियां भी सुहागरात पर ऐसा ही कुछ चाहती हैं कि उन का दूल्हा बादाम का दूध पीने के बाद उस की पूरी कीमत वसूले.

लेकिन एक बड़ा सच यह भी होता है कि अपनी शादी की रस्मों की थकावट के बाद दूल्हा और दुलहन इस कदर परेशान हो चुके होते हैं कि वे सुहारागत पर सेक्स से ज्यादा मसाज की चाहत रखते हैं. लिहाजा, जब दूल्हा-दुलहन अपने कमरे में बंद होते हैं तो वे एकदूसरे को मसाज दे कर शुरू होने वाले रिश्ते को नई गरमाहट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के एक नौजवान ने यही तरीका अपनाया था. उस की बरात बहुत दूर किसी ठेठ देहात में गई थी. शादी हुई और दुलहन चल पड़ी अपने ससुराल. हालांकि वह नौजवान कार से अपनी दुलहन को घर ला रहा था, पर रास्तेभर उस ने देखा कि उस की नई नवेली दुल्हन अपने भारी लहंगे और नींद की खुमारी में हद से ज्यादा परेशान थी.

ससुराल में भी रस्मों के नाम पर दुलहन की चकरघिन्नी बना दी गई. रात हुई तो उसे सुहाग सेज के लिए सजा दिया गया, पर असल में तो यह उस के लिए बहुत बड़ी सजा थी.

रात को जब पति कमरे में आया तो दुल्हन की सांसें ऊपर-नीचे होने लगीं, पर वह नौजवान बड़ा समझदार निकला. उस ने चंद बातें करने के बाद अपनी दुलहन को एक नाइटी गिफ्ट की और खुद भी कपड़े बदल कर बिस्तर पर एक तरफ लेट गया.

जब दुलहन नाइटी पहन कर कमरे में आई तो उस का हाथ पकड़ कर अपने पास लिटा लिया. थोड़ी देर में ही उस नौजवान के हाथ अपनी पत्नी के बदन से ऐसे खेलने लगे जैसे कोई मसाज करता है. पत्नी को थोड़ा आराम मिला तो पति ने लाइट बंद कर के उस की अपने मजबूत हाथों से इस तरह अच्छी मसाज की कि पत्नी उस के आगोश में ही सो गई. पत्नी की सारी थकावट जो उतर गई थी.

इस के बाद तो पत्नी की नींद सुबह 5 बजे ही टूटी. पति बगल में सो रहा था. पत्नी ने उसे प्यार से चूम लिया. पति की नींद खुल गई. उस ने दोबारा अपनी पत्नी को गले से लगा लिया.

पत्नी ने कहा, ‘‘अब मेरी बारी. आप भी तो बहुत थके हुए लग रहे हैं.’’

रात को पति से जो मसाज करने का गुर सीखा था, पत्नी ने वही अपनाया. कुछ देर बाद ही पति की नींद काफूर हो गई. अब तो वे दोनों पूरी तरह खुल चुके थे और बड़े तरोताजा लग रहे थे. पति ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अपनी पत्नी को चूम लिया. इस के बाद उन दोनों के बीच वही हुआ जिस की सुहागरात पर उन से उम्मीद की जा रही थी और हुआ भी बड़े अच्छे तरीके से.

मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर शादी का दबाव बना रहा है, क्या करूं?

सवाल 

मेरी उम्र 20 साल है. मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से बहुत प्यार करता है. वह मुझ से शादी करना चाहता है पर मैं चाहती हूं कि अभी कैरियर पर ध्यान दूं फिर शादी करूं. वह शादी के लिए बहुत दबाव बना रहा है और मेरे मना करने पर मुझ से बातचीत तक नहीं कर रहा. मैं क्या करूं?

जवाब 

आप बिलकुल सही हैं. आजकल लड़कियों को सब से पहले अपने कैरियर पर ही ध्यान देना चाहिए. इस के लिए आप अपने प्रेमी को समझाने की कोशिश कीजिए. अगर वह नहीं मानता है तो यह समय आप के पढ़ाईलिखाई के लिए यानी कैरियर बनाने के लिए है. बौयफ्रैंड से ज्यादा जरूरी आप का कैरियर है. अभी सिर्फ अपने कैरियर पर ही ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

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अंग का आकार : क्या बड़ा है तो बेहतर है?

काफी समय पहले की बात है. करन जौहर अपने इंगलिश टेलीविजन शो ‘कौफी विद करन’ में अक्षय कुमार और उन की पत्नी ट्विंकल खन्ना से सवालजवाब कर रहे थे.

करन जौहर ने ट्विंकल खन्ना से पूछा कि अक्षय में ऐसा क्या है जो खान (शाहरुख, आमिर और सलमान वगैरह) में नहीं है?

इस पर ट्विंकल खन्ना ने तपाक से कहा, “कुछ इंच ज्यादा का फर्क है.”

यह सुन कर अक्षय शरमा से गए और करन अपने चिरपरिचित अंदाज में खीसें निपोरने लगे.

उस समय बाद में चाहे ट्विंकल खन्ना ने कहा कि वे अक्षय के पैरों (जूते) के साइज का जिक्र कर रही थीं, पर उन की इस डबल मीनिंग वाली बात ने दर्शकों को हैरान के साथसाथ हंसने पर भी मजबूर कर दिया था.

आम जिंदगी की बात करें तो जवानी फूटते ही लड़कों को यह बात ज्यादा हैरानपरेशान करती है कि क्या उन के अंग का साइज इतना है कि वे अपनी पत्नी या प्रेमिका को जिस्मानी तौर पर संतुष्ट कर पाएंगे?

कभीकभी तो अपने अंग के साइज को ले कर नौजवान इतने आतंकित हो जाते हैं कि सार्वजनिक शौचालयों में चिपके नीमहकीमों के अंग के फौलादी और लंबे होने के इश्तिहारों पर इतने मुग्ध हो जाते हैं कि बिना सोचेसमझे उन से अधकचरी जानकारी ले लेते हैं और अपना पैसा लुटवा देते हैं.

रमेश के साथ ऐसा ही हुआ. शादी से पहले उस के दोस्तों ने उसे एक ब्लू फिल्म दिखा दी. उस फिल्म के मर्द कलाकार का अंग बहुत बड़ा था और इस वजह से औरत कलाकार को खूब मजे आए थे.

चूंकि रमेश का अंग उतना बड़ा नहीं था तो वह तनाव में आ गया. सुहागरात पर उस के मन में डर बैठ गया कि वह अपनी पत्नी को बड़े अंग का सुख नहीं दे पाएगा और उस की शादी शुरुआत में ही नरक बन जाएगी.

इस का नतीजा यह हुआ कि रमेश सुहागरात पर पत्नी के नजदीक जाने से कतराने लगा. उस रात तो पत्नी ने ज्यादा कुछ नहीं सोचा, पर जब हर रात रमेश उस से दूर रहने लगा तो उस का माथा ठनका.

ज्यादा जोर देने पर रमेश ने इस समस्या की तरफ इशारा किया. पत्नी पढ़ीलिखी और बहुत समझदार थी तो उस ने रमेश का यह वहम दूर करने के लिए एक काबिल सैक्स डाक्टर का सहारा लिया.

जब डाक्टर को यह बात पता चली तो उस ने रमेश को समझाते हुए कहा, “रमेश, यह अकेले तुम्हारी ही समस्या नहीं है, बल्कि बहुत से लोग इस छोटी सी बात का बड़ा बना कर अपनी शादीशुदा जिंदगी को खराब कर लेते हैं.

“दुनिया में हर मर्द के अंग का साइज, उस का मोटापन अलगअलग हो सकता है. अमूमन यह सख्त होने पर औसतन 5 से 6 इंच का होता है. किसी का अंग इस से छोटा या बड़ा भी हो सकता है. वैसे, अगर किसी का सख्त अंग, अगर वह 2 इंच का भी हो तो, औरत को संतुष्ट करने के लिए काफी होता है.”

यह सुन कर रमेश के कान खड़े हुए और उस ने पूछा, “वह कैसे?”

इस पर डाक्टर ने बताया, “किसी औरत का उस के अंग का अगला डेढ़ से 2 इंच का हिस्सा ही संवेदनशील होता है, जहां मरदाना अंग की रगड़ से उसे मजा आता है. बात अंग के साइज की नहीं रगड़ की होती है कि वह आप ने कितनी बार किया है.”

“मतलब?” रमेश ने पूछा.

मतलब यह कि तुम अपनी पत्नी के साथ कितनी देर तक जिस्मानी रिश्ता बनाते हो, वह ज्यादा जरूरी है न कि तुम्हारा अंग कितना बड़ा है. इस में फोरप्ले और आफ्टरप्ले का रोल भी बड़ा अहम होता है.”

“फोरप्ले और आफ्टरप्ले क्या बला है?

रमेश के यह पूछने पर डाक्टर ने कहा, “जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले और बाद का प्यार. फोरप्ले में पत्नी के अंगों को चूमना, मसलना, उन्हें सहलाना, प्यार भरी बातें करना होता है, जिस से तुम्हारे अंग में पूरा तनाव आ जाएगा और पत्नी को जोश. बहुत सी औरतों को यह फोरप्ले इतना पसंद आता है कि वे इस में पति का भरपूर साथ देती हैं और रात को रंगीन बना देती हैं. इस से जिस्मानी रिश्ता भी काफी देर तक टिक पाता है.

“जब पतिपत्नी जिस्मानी रिश्ता बना कर संतुष्ट हो चुके होते हैं, तब बहुत से थकेहारे मर्द मुंह फेर कर सो जाते हैं और पत्नी बेचारी सिसकती रहती है. यहां पर आफ्टरप्ले काम आता है. इस में भी पतिपत्नी का एकदूसरे की बांहों में समाना, बालों को सहलाना, चूमना और नींद के आगोश में ले जाना शामिल होता है.

“जब यह सब पूरा होता है तो इस से पतिपत्नी का प्यार ज्यादा बढ़ जाता है और वे जिस्मानी रिश्ता बनाने का भरपूर मजा लेते हैं.”

“इस का मतलब मेरे अंग के साइज में कोई दिक्कत नहीं है?”

बिलकुल नही, बल्कि कभीकभार तो ज्यादा बड़े और मोटे साइज का अंग औरत को दर्द दे सकता है और जिस्मानी सुख को फीका कर सकता है.”

यह सुन कर रमेश को बड़ी राहत मिली. उस ने उसी रात अपनी सुहागरात मनाई और फोरप्ले और आफ्टरप्ले का भी ध्यान रखा. इस का बड़ा ही सुखद नतीजा रहा, पति और पत्नी दोनों के लिए.

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