Glowing Skin के लिए पुरुषों की पहली पसंद होती है ये Detox Drinks

बारिश का मौसम जहां चिलचिलाती गर्मी से राहत देता है, वहीं उसके साथ स्किन की समस्याओं को भी लेकर आता है. अधिक नमी के कारण लोगों को अक्सर मुंहासे, ब्रेकआउट और कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ये सब हमारी स्किन से चमक को दूर करते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार मानसून में ह्यूमिडिटी के कारण स्किन पसीने से तर और ऑयली हो जाती है.इससे पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे ब्रेकआउट हो जाता है. कोविड के दौरान, जहां हम हर समय मास्क पहने रहते हैं, मुंहासों से परेशान स्किन के लिए स्थितियां और भी बदतर हो जाती हैं.

स्किन के लिए डाइट टिप्स

1. हाइड्रेट रहे

एक्सपर्ट्स के अनुसार, हैल्दी और ग्लोइंग स्किन की कुंजी है हाइड्रेशन. रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से हमारी स्किन कोमल और चमकदार दिखती है.  मानसून के दौरान हमें बहुत पसीना आता है. इससे हमारे शरीर से अत्यधिक पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाता है. अपनी डेली डाइट में ताजे फलों का रस और नींबू पानी शामिल करें. हर दिन 8-10 गिलास पानी का सेवन करें.

2. मौसमी फल खाएं

मानसून में कई ऐसे फल आते हैं, जो स्किन के लिए लाभकारी गुणों से भरपूर होते हैं. जामुन, आड़ू, चेरी आदि जैसे फल विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं, जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और नैचुरल ग्लो लाने में मदद करते हैं.

3. तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें

मानसून आते ही हम पकोड़े, भजिया और समोसे के बारे में सोचते हैं. रोजाना इन तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से पिंपल्स और मुंहासे हो सकते हैं, जिससे हमारी स्किन ड्राई हो जाती है. यही कारण है कि एक्सपर्ट्स इन पकोड़ों और भजिया से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं. इसके अलावा कैफीन के अत्यधिक सेवन से भी बचें.

हैल्दी स्कीन के लिए डिटौक्स ड्रिंक्स

1. ग्रीन टी

ग्रीन टी सबसे लोकप्रिय डिटॉक्स ड्रिंक्स में से एक है. यह एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों में समृद्ध है, जो हमारी स्किन (और हैल्थ) को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है.

2. नींबू पानी

नींबू पानी में सिर्फ हमें ठंडा और हाइड्रेटेड रखने के अलावा और भी बहुत कुछ है. नींबू विटामिन सी का भंडार है. यह न केवल कई कीटाणुओं और फंगल इंफेक्शन्स से लड़ता है, बल्कि हमारी स्किन के ग्लो को भी बहाल करता है.

3. हल्दी दूध

हल्दी दूध के लाभों को अलग से किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. हल्दी और दूध की अच्छाइयों से भरपूर, यह पेय ओवरऑल हेल्थ के लिए एक औषधि के रूप में काम करता है.

4. तुलसी की चाय

हर भारतीय के घर में आसानी से उपलब्ध, तुलसी सदियों से पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का हिस्सा रही है. यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एजिंग गुणों से समृद्ध है, जो हमें कई मौसमी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करती है. तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर छान लें और एक घूंट लें. आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने के अलावा, यह हर्बल चाय आपको लंबे और व्यस्त दिन के बाद आराम करने में मदद करेगी.

 

कब्ज में फायदेमंद है ये 5 ड्रिंक्स, पीने से जरुर मिलेगा आराम

इन दिनों गर्मियों का सीजन चल रहा है ऐसे में कभी-कभार पेट खराब होने के आसार ज्यादा रहते है जिसमें कभी पेट में कब्ज बन जाता है जिससे आराम दिलाने में मददगार होते है कुछ आसान ड्रिंक्स जिन्हे आप घर पर रेड़ी कर सकते है. बता दें, जिन्हे कब्ज की दिक्कत रहती है उनका शरीर काफी कमजोर महसूस करता है. तो आज हम आपको कुछ ऐस ही ड्रिंक्स के बारें में बताएंगे. जिन्हे पीकर आप पर ही कब्ज को दूर कर सकते है.

1. आम पन्ना

आम पन्ना हर भारतीय के घर में पाया जाने वाला रिफ्रेशिंग ड्रिंक है. जो कि कच्चे आम से तैयार किया जाता है.आम पन्ना ना केवल टेस्टी होता है बल्कि फाइबर से भरपूर होता है. हरे आम में पेक्टिन होता है, एक घुलनशील फाइबर जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और कब्ज से राहत दिलाता है.

2. जीरे का पानी

जीरे का पानी आम है कि सबके घर पर आसानी से बनाया जा सकता है इसके लिए आपको एक चम्मच जीरा लेन है और उबले हुए पानी में डाल देना है. इस मिश्रण को छान कर गर्म करके पीने से कब्ज में आराम मिलता है.

3. सौफ का पानी

सौंफ में प्राकृतिक पाचन गुण होते हैं और यह कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है. रात भर एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ भिगोकर सुबह पीने से कब्स में आराम मिलता है.

4. छाछ

छाछ एक पारंपरिक पेय पदार्थ है, जो सदियों से भारतीय घरों में परोसा जा रहा है. छाछ अपने पाचन लाभों के लिए जाना जाता है. इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंत को स्वस्थ बनाए रखने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं.

5. पुदीना और नींबू

पुदीना पाचन में लाभदायक होता है इसे नींबू के रस में मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है.

नशे से छुटकारा दिलाने के नाम पर देशभर में खुली दुकानें

नशे से छुटकारा दिलाने के नाम पर देशभर में नशा छुटकारा दुकानेें कुकुरमुत्तों की तरह उगने लगी हैं. दीवारों पर अब पोस्टर, पेंङ्क्षटग, लिखाई दिखने लगी हैं. जिन में नशे से छुटकारा दिलाने के लिए फोन नंबर लिखे होते हैं. नशेडिय़ों के घर वाले घर में नशा करने वाले से इस कदर परेशान रहते हैं कि  वे उन से छुटकारा पाने के लिए इन को मिलते हैं और जैसे भी हो, पैसा दे कर अपने घर के नशेड़ी को ठीक करने के लिए सौंप देते हैं.

अब पता चल रहा है कि इन में से ज्यादातर सिर्फ नीमहकीम होते हैं जिन्हें नशे की वजह और इलाज के बारे में कुछ नहीं मालूम होता और आमतौर पर सिर्फ अपने क्लिनिक को जेल की तरह अपडेट करते हैं जहां नशेड़ी को बांध कर रखा जाता है और उस के चीखनेचिल्लाने के बाद उसे मारपीट कर सुधारा जाता है. इस दौरान नशेड़ी के मातापिता, बेटा या पत्नी आते हैं तो सिर्फ पैसा या खाना देने के लिए.

नशे का इलाज आसान नहीं है क्योंकि इस की लत इस तरह पड़ती है कि नशा न मिलने पर रोगी बुरी तरह तड़पता है, चीखता है, अपने को मारतापीटता है. उस पर उस समय काबू लाना मुश्किल होता है. नशे के व्यापार के फलनेफूलने की वजह ही यह है कि एक बार जिसे नशा अच्छा लगने लगे वह सबकुछ बेचबाच कर नशे के लिए एक और डोज लेेने को तैयार हो जाता है.

नशे के रोगी के एक इसी तरह के क्लिनिक में एक रोगी की बेवजह से मौत हो गई क्योंकि रोगी आप से बाहर हो कर पहलवान किस्म के अटैंडैंटों से लडऩे लगा. पुलिस ने इन अटैंडैंटों को गिरफ्तार किया है पर नशा करने वाले कम होने वाले हैं और न इस तरह धोखा देने वाले क्लिनिक बंद होने वाले हैं. रोगी के घर वालों के लिए ये ज्यादा सुरक्षित होते हैं क्योंकि इन में कम लोग होते हैं और उन की जगहंसाई कम होती है.

नशा करने वाले मानसिक बीमार भी हैं यह अभी भी सभी समझने को तैयार नहीं हैं. ज्यादातर तो पंडितों, ओझाओं, बंगाली बाबाओं की शरण में जाते हैं जहां और ज्यादा मामला खराब किया जाता है और भभूत और दवा में दूसरा नशा मिला कर मरीज को कुछ देर सुला दिया जाता है. रोगी के घर वाले इसे ही इलाज समझ लेते हैं.

नशे का व्यापार हर रोज बढ़ रहा है. नई मादक दवाएं बाजार में आ रही हैं. पानमसाले के जरीए इस की लत आसानी से डाली जा रही है. ड्रग्स अब हर कोने पर मिलने लगी है और सिर्फ एक बार टेस्ट करनेके नाम पर शुरू करने वाले जल्दी ही पक्के नशेड़ी बन कर घर वालों के लिए आफत बन जाते हैं. नशा करने वाली दवाएं शराब से भी ज्यादा खतरनाक हैं पर हर तरफ इन का मिलना आसान होता जा रहा है. पुलिस को इस में मोटा पैसा मिलता है इसलिए वह ऊपरऊपर से ही काम करती है.

इस जंजाल का आसान जवाब नहीं है. ये नीमहकीम वाले दुकानदार तो कतई इलाज नहीं कर सकते पर यही ज्यादातर को मिलेंगे.

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