जो पैर पूरे शरीर का वजन ढोते हैं वे ही देखरेख और अनदेखी के सब से ज्यादा शिकार होते हैं. इस अनदेखी का ही नतीजा है पैरों का फटना जिस के बारे में यह कहावत बेवजह चलन में नहीं है कि जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई.
दरअसल, पैरों का फटना एडि़यों का फटना है जो ठंड में ज्यादा फटती हैं और उठनाबैठना, चलनाफिरना तक मुहाल कर देती हैं.
क्यों फटते हैं पैर
जाहिर सी बात है कि सही देखरेख न होने के चलते पैर फटते हैं, लेकिन ऐसी कई और भी वजहें हैं, जिन के चलते पैर ज्यादा फटते हैं. इलाज के लिए इन बातों का जानना बहुत जरूरी है:
* ज्यादातर वक्त नंगे पैर घूमना.
* पैरों की साफसफाई न करना.
* शरीर में चिकनाई और कैल्शियम की कमी होना.
* एडि़यों की त्वचा मोटी होती है इसलिए शरीर में बनने वाला कुदरती तेल उन तक नहीं पहुंच पाता है जिस से एडि़यां खुरदरी हो कर फट जाती हैं.
भोपाल के एक नामी डाक्टर राजीव मदान की मानें तो पैरों की फटी जगह में बहुत तेज दर्द होता है और वक्त रहते इलाज न किया जाए तो खून भी रिसने लगता है. फटे हिस्से में तेज जलन भी होती है.
ऐसे करें देखभाल व इलाज
पैर फटते ही होशियार हो जाना चाहिए, नहीं तो दर्द, जलन और तकलीफ दिनोंदिन बढ़ती जाती हैं. जैसे ही पैर फटें उन की रोजाना सफाई करना जरूरी है. पैरों को सुबह और रात को सोने से पहले कुनकुने पानी में आधा घंटे डुबो कर रखना चाहिए. इस से दरारों में भरा मैल निकलता है और दर्द से राहत मिलती है.
पैर सुखाने के लिए उन्हें मोटे तौलिए या कपड़े से रगड़ना चाहिए.
सूखने के बाद फटे हिस्से में कोई भी तेल या चिकनाई वाली क्रीम लगानी चाहिए. पैरों में हमेशा मोजे पहनने चाहिए और नंगे पैर घूमनाफिरना तो बिलकुल बंद कर देना चाहिए.
अगर ऐसी जगह काम करना है जहां नंगे पैर घूमना हो तो मोजे जरूर पहनें और रोज पैर धोएं.
अगर पैर या एडि़यां ज्यादा फट गई हैं तो एक चम्मच बोरिक पाउडर को 2 चम्मच वैसलीन में मिला कर फटी जगह पर सुबह व रात को लगाना चाहिए. इस से फटी जगह भरने लगती है.
रात को सोते वक्त कुनकुने पानी में थोड़ा सा शैंपू, एक चम्मच सोडा और 4-6 बूंदें डिटौल की डाल कर 10-15 मिनट तक पैर डुबो कर रखने चाहिए. ये सभी चीजें दवा की किसी भी दुकान में आसानी से मिल जाती हैं.
सोते वक्त पैरों में नारियल या जैतून के तेल से मालिश करने से भी फायदा होता है.
गरम पानी में एक नीबू का रस निचोड़ कर उस में पैर डालने से भी फायदा होता है. इस के अलावा नरम और खूबसूरत पैरों के लिए खुराक में दालें, हरी सब्जियां, दूध, दही वगैरह को शामिल करना चाहिए.
आजकल बाजार में कटेफटे पैरों को ठीक करने के लिए तरहतरह की मलहम मिलती हैं. इन के रोजाना इस्तेमाल से भी आराम मिलता है, लेकिन कोशिश यह होनी चाहिए कि पैरों की साफसफाई पर दूसरे अंगों की तरह ध्यान दिया जाए.
पैर शरीर का अहम अंग हैं. इन की देखभाल में कंजूसी या अनदेखी काफी महंगी पड़ जाती है. इन्हें धूल और गंदगी से बचाना चाहिए. औरतों के पैर जल्दी फटते हैं, क्योंकि वे अकसर घर में नंगे पैर रहती हैं.
पैरों की खूबसूरती के अपने अलग माने हैं. फटे पैर भद्दे भी लगते हैं और दर्द भी देते हैं, इसलिए इन की देखभाल में कोताही न बरतें.