बदलते जमाने के साथ पुरुषों में भी तेजी से सजनेसंवरने की चाह बढ़ रही है. वे तेजी से प्लास्टिक सर्जरी की तरफ रुख कर रहे हैं. पहले यह चलन जहां विदेशों में और सेलिब्रिटीज के बीच था, वहीं अब आम व्यक्ति इस से अछूता नहीं है. भारतीय युवकों को भी अब अपने शरीर के बेडौल हिस्से नागवार गुजरने लगे हैं. आज के पुरुष अधिक आमदनी अर्जित कर रहे हैं और वे सिर्फ घर की जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं हैं. अब वे अपनी कमाई का काफी हिस्सा खुद पर खर्च कर रहे हैं.
भारतीय कौस्मैटिक उद्योग की नई रिपोर्ट इंडियन कौस्मैटिक सैक्टर एनालिसिस की मानें तो पुरुषों में संजनेसंवरने की चाह को देखते हुए पुरुष कौस्मैटिक का बाजार 20 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है. पिछले कुछ वर्षों में पुरुषों के कौस्मैटिक उत्पाद काफी लोकप्रिय हुए हैं. कौस्मैटिक सर्जनों का कहना है कि पुरुष अपने उभरे हुए सीने को सुगठित आकार देने के लिए सर्जरी यानी गाइनेकोमेस्टिया कराने के लिए अधिक संख्या में आते हैं. साथ ही नाक को मनचाहा आकार देने के लिए युवा नोज जौब और रानोप्लास्टी भी करवाते हैं.
युवा दिखने के लिए पुरुषों में आइलिड सर्जरी भी लोकप्रिय उपचार है. इस में उन की ऊपरी और निचली पलक से वसा, मांसपेशी व ढीली त्वचा निकाली जाती है जिस की वजह से वे युवा दिखते हैं. चेहरे की झुर्रियों, सिकुड़न, ढीलापन, चेचक, कीलमुहांसे या उन के दाग, सफेद दाग, चेहरे पर कटे या जले के दाग और आंखों के नीचे पड़े गहरे काले धब्बे को दूर करने, पेट की चरबी को हटाने, बाल प्रत्यारोपण से गंजापन दूर कराने, कृत्रिम मसल्स आदि के लिए कौस्मैटिक सर्जरी का सहारा ले रहे हैं.
हर उम्र में कौस्मैटिक सर्जरी
प्लास्टिक व कौस्मैटिक सर्जन डा. चिरंजीव के अनुसार, हमारे यहां हर उम्र के पुरुष आते हैं. युवकों के साथसाथ अधेड़ उम्र के लोग भी कौस्मैटिक सर्जरी से खुद को आकर्षक बनाना चाहते हैं. आमतौर पर पुरुष धंसी ठुड्डी को ठीक कराने, झुर्रियों से छुटकारा पाने, पलकों को ठीक कराने, आकर्षक चेहरा पाने के लिए आते हैं. इस के अलावा स्लिमट्रिम और मर्दाना व्यक्तित्व पाना भी उन की ख्वाहिश होती है.
आकर्षक दिखना जरूरी है
डा. चारू शर्मा बताती हैं कि कौस्मैटिक सर्जरी कराने के लिए ब्यूटी क्लिनिकों में पुरुषों का अनुपात महिलाओं को छूने लगा है. अब पुरुष अपने सौंदर्य व व्यक्तित्व को ले कर अधिक सतर्क हो गए हैं. आजकल के युवाओं का मानना है कि कैरियर के लिए आकर्षक दिखना बहुत जरूरी है. युवाओं का मानना है कि अच्छी शक्लसूरत से उन में कौन्फिडैंस आता है जो उन के काम में ही नहीं तरक्की में भी सहायक है.
अंगों की सर्जरी कराते पुरुष
कौस्मैटिक सर्जन के अनुसार, आमतौर पर कौस्मैटिक सर्जरी में पुरुष फेस लिफ्ट सब से अधिक कराते हैं. 14 प्रतिशत पुरुष फेस लिफ्ट कराते हैं जबकि 11 प्रतिशत पुरुष कानों की कौस्मैटिक सर्जरी कराते हैं. करीब 10 प्रतिशत साफ्ट टिश्यू फिलर कराते हैं तथा करीब 9 प्रतिशत बोटोक्स कराते हैं. 7 प्रतिशत लाइपोसक्शन कराते हैं जबकि 6 प्रतिशत छाती के उभार को कम करने की सर्जरी कराते हैं. वहीं 4 प्रतिशत पलकों, 4 प्रतिशत डर्माब्रैजन, 4 प्रतिशत बाल प्रत्यारोपण और 4 प्रतिशत पैरों की उभरी हुई नसों को ठीक कराने की सर्जरी कराते हैं.
पार्लर में युवाओं की तादाद
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीते दिनों की बात हो गई जब युवा फिटनैस और चुस्तीतंदुरुस्ती के लिए जिम जाते थे. आज के युवा अपने त्वचा और चेहरे को ले कर काफी जागरूक हैं. इस के लिए वे बेहिचक कौस्मैटिक सर्जरी या सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह है कि पुरुषों का कौस्मैटिक बाजार 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है. सौंदर्य के प्रति बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों के युवाओं में भी काफी क्रेज देखने को मिल रहा है.
आज मैंस पार्लर में जाने वालों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए पुरुषों में हेयर स्पा का चलन भी खूब देखा जा रहा है. हेयर स्पा की पूरी प्रक्रिया में औयल मसाज, शैंपू हेयरमास्क और कंडीशनिंग की जाती है. इस प्रक्रिया में लगभग 1 घंटा तक लग जाता है.
इस के अतिरिक्त पुरुष मैंस पार्लर में विभिन्न हेयरस्टाइल, फेशियल और हेयर कलरिंग के साथसाथ पुरुष चैस्ट वैक्ंसिंग भी कराते हैं. गोरा रंग पाने का शौक अब लड़कियों में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी देखा जा रहा है और इस के लिए वे तमाम यत्न कर रहे हैं. आकर्षक दिखने के लिए पुरुषों में आजकल टैटू गुदवाने का भी खासा क्रेज है. सैफ अली खान ने जब से करीना का टैटू गुदवाया तब से युवाओं में इस चलन ने खासा जोर पकड़ा है.
सुंदर बालों का शौक
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डा. मधु कहती हैं कि सुंदर बालों का शौक अब लड़कियों तक नहीं रह गया है बल्कि आज के पुरुष भी सुंदर बाल पाने के लिए काफी पैसा खर्च कर रहे हैं. हमारे क्लिनिक में हर आयुवर्ग के पुरुष आते हैं. अब इस में उम्र की कोई सीमा नहीं रह गई है. पुरुषों के आदर्श कई ऐसे फिल्मी कलाकार हैं जो कहते हैं कि अभी तो मैं जवान हूं, बुड्ढा होगा तेरा बाप.