फिल्म समीक्षा : अवेंजर्स एंड गेम- बेहतरीन समापन 

बुराई पर अच्छाई की जीत पर भारत में सैकड़ों फिल्में बन चुकी हैं. मगर हौलीवुड ने अपने सुपर हीरो द्वारा पूरे विश्व को बुरी शक्तियों से बचाने वाली 22वीं फिल्म बना डाली, जिसका अंत ‘‘अवेंजर्स गेम एंड’ के साथ हो गया. बहरहाल, इस फिल्म में इसी सीरीज की पुरानी फिल्मों के सीन्स के साथ कई जटिल नाटकीय घटनाक्रमों के साथ ही कभी न मरने वाले यानी कि अजेय सुपर हीरो को श्रृद्धांजली भी दी गयी है.

निर्माताः केविन फिएग

निर्देशक: एंथनी रूसो, जौ रूसो

कलाकार: रौबर्ट डाउनीक्रिस इवांस, क्रिस हेम्सवर्थ, स्कारलेट जोहानसन और अन्य

रेटिंग: चार स्टार

कहानी

थैनोस (जोश ब्रोलिन) के खिलाफ आइरन मैन (रौबर्ट डाउनी), कैप्टन अमरीका (क्रिस इवांस), थौर (क्रिस हैम्सवर्थ), हल्क (मार्क रैफलो), ब्लैक विडो (स्कारलेट जोहानसन), जरेमी रेनर, ऐंट मैन (पौल रड), कैप्टन मार्वल (ब्री लार्सन) ने एकजुट होकर जंग छेड़ दी हैं. वास्तव में एंट मैन (पौल रड) इन सुपर हीरोज को आकर बताता है कि क्वांटम थ्योरी के जरिए वह अतीत में जाकर थैनोस से पहले उन मणियों को हासिल करें, तो इंफीनिटी वार की स्थिति से बचा जा सकता है. उस जंग में जिन अपनों को खो दिया गया था,उन्हें भी वापस लाया जा सकता है.

लेकिन क्या यह सभी क्वांटम थियरी को चाक चैबंद करके अतीत में जाकर विभिन्न जगहों से मणियों को हासिल कर पाएंगे. क्या अब थैनोस की बुराइयों का अंत हो पाएगा? क्या अवेंजर्स अपने प्यारों को वापस ला पाते हैं?क्या सुपर हीरोज का जलवा बरकरार रह पाता है? इन सारे दिलचस्प सवालों व कहानी के उतार चढ़ाव के लिए आपको अवेंजर्स देखनी होगी.

Avengers endgame full review in hindi

कैसी है फिल्म

इस साल की बहुप्रतीक्षित यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है. मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स के लिए यह शानदार एंडिंग है. दर्शकों ने इसके कुछ पात्रों को काफी पसंद किया. इसमें जिस तरह से कहानी का विस्तार होता रहा है, वह सदैव रोमांचक रहा. क्रिस्टोफर मार्कस व स्टीफन एम सी फीली की पटकथा फिल्म की असली हीरो तो इसकी पटकथा ही है. लेखक व निर्देशक ने हिंसा व नाटकीय घटनाक्रमों के बीच भावनाओं के सागर को भी बरकरार रखने में अद्भुत सफलता पायी. इस फिल्म से क्वांटम भौतिकी थियरी को नए आयाम मिले.

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डायरेक्शन

फिल्म ‘‘अवेंजर्स एंडगेम’’की गति धीमी है, पर लगता है कि ऐसा जान बूझकर किया गया. जिससे चरित्रों का गहन विकास और उनसे मिलने वाली सशक्त प्रेरणा अच्छे ढंग से उभर सके. निर्देशक ने इंफरनिटी वार के बाद के हालात में सबसे पहले सुपर हीरो को स्थापित किया, कि वह किस तरह अपने कारनामों और सुपर पावर्स से दूर आम जीवन बिता रहे हैं. मगर जब एंट मैन आकर उनके अंदर अपनों को दोबारा वापास लाने का जज्बा भरताहै, तब कहानी सरपट दौड़ती है. इस तरह तीन घंटे की फिल्म में से आखिरी आधे घंटे की फिल्म ही महत्वपूर्ण है, इसके बावजूद फिल्म बोर नही करती है. इसके लिए फिल्म के एडीटर भी बधाई के पात्र हैं.

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एक्टिंग

जहां तक एक्टिंग का सवाल है, तो हर कलाकार ने बेहतरीन अभिनय किया है. आइरन मैन (रौबर्ट डाउनी जूनियर), कैप्टन अमरीका (क्रिस इवांस), थौर (क्रिस हैम्सवर्थ), हल्क (मार्क रैफलो), ब्लैक विडो (स्कारलेट जोहानसन),जरेमी रेंटर, ऐंट मैन (पौल रड) सुपर हीरो का रोल करते हुए अपनी अभिनय प्रतिभा की छाप छोड़ जाते हैं. (थैनोस) जोश ब्रोलिन तो लार्जर देन लाइफ ही नजर आते हैं.

Edited by- Nisha Rai

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