लोकतंत्र: कीचड़ में भाजपा और चंडीगढ़ का संदेश

कहा जाता है कि कुछ लोग होते हैं जो 100 जूते खाकर भी हंसते हैं. भारतीय राजनीति में भी अब धीरे-धीरे कुछ यही स्थितियां बनती चली जा रही हैं जहां राजनीति में शुचिता और जनता का भय खत्म होता चला जा रहा है. यही कारण है कि देश भर ने देखा कि चंडीगढ़ में महापौर चुनाव में किस तरह नग्न खेल हुआ. अच्छा होता कि भारतीय जनता पार्टी जो देशभक्ति की बात करती है, सिद्धांतों की बात करती थी स्वयं आगे आकर के चंडीगढ़ में हुए महापौर चुनाव पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने मेयर, चुने गए व्यक्ति को हटाकर संदेश देती की निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए हैं. और पापा यह सब पसंद नहीं करती है. मगर हुआ यह की मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया देश भर में धांधली का वीडियो प्रसारित हो गया मगर भाजपा के छोटे से बड़े नेता तक के मुंह से एक शब्द नहीं निकला.

उल्टा हुआ यह की आप पार्टी के तीन पार्षदों को तोड़ने का प्रयास जारी हो गया. अब वह समय आ गया है जब चुनाव के बाद किसी भी तरह की दल बदल को गैरकानूनी घोषित कर दिया जाए चंडीगढ़ में महापौर चुनाव का यही संदेश है कि देश की राजनीति में आज स्वच्छता और ईमानदारी भाईचारे की स्थापना की जाए. यह नहीं होना चाहिए कि अगर कोई एक दल सत्ता में है तो दूसरा दल, रुपए पैसों और पदों की लालच देकर विधायकों, पार्षदों या सांसदों को तोड़े.

यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है. केजरीवाल ने कहा- ” न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा पूरे देश में बेनकाब हो गई है. यह भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी (इंडिया) गठबंधन की पहली और बहुत बड़ी जीत है. मैं इसके लिए शीर्ष न्यायालय का बहुत-बहुत शुक्रिया करता हूं. ”

इससे पहले सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट साझा कर केजरीवाल ने कहा -” कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है. इंडिया गठबंधन की ओर से चंड़ीगढ़ का महापौर बनने पर बहुत-बहुत बधाई. ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सर्वोच्च न्यायालय की वजह से संभव हुआ है. हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला एक ऐसे समय में आया है जब देश में हालात बहुत कठिन है, तानाशाही चल रही है और स्वायत्त संस्थानों को कुचला जा रहा है.ऐसे में जनतंत्र को बचाने के लिए यह फैसला काफी मायने रखता है.”

राजनीति का चंडीगढ़ बॉर्डर 

भारतीय राजनीति में पंजाब के चंडीगढ़ महापौर चुनाव , उसके परिणाम और उच्चतम न्यायालय में मामले के पहुंचने के बाद कुलदीप कुमार के महापौर पर मोहर लगाया जाना,अपने आप में एक ऐसा संदेश है जिसे हर राजनीतिक पार्टी को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और देश की जनता को याद रखना चाहिए कि आगे कभी कोई ऐसा मामला न होने पाए.

संभव तो यही कारण है कि आप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केजरीवाल ने कहा -” चंड़ीगढ़ में बीस वोट इंडिया गठबंधन के थे, सोलह वोट भाजपा के थे. सबने यह देखा है कि किस तरह से गठबंधन के वोट गलत तरीके से अवैध घोषित कर दिए गए और हमारे उम्मीदवार कुलदीप कुमार को हारा हुआ और भाजपा उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दिया गया. लेकिन न्यायालय ने तीव्र गति से मामले की सुनवाई में ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ कर दिया.यह भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी (इंडिया) गठबंधन की पहली और बहुत बड़ी जीत है.”

सच तो यह है कि सारे देश और दुनिया ने देखा है कि उच्चतम न्यायालय ने लोकतंत्र को निरंकुश भाजपा के जबड़े से बचाया है भाजपा चुनावी हेर फेर का सहारा लिया . यह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हट धर्मिता है कि मामला उच्चतम न्यायालय में होने के बावजूद आप पार्टी के तीन पार्षदों को तोड़ने का प्रयास चलता रहा. अब जब उच्चतम न्यायालय से फैसला आ गया है तब भी सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी मौन रहेगी या फिर आप या कांग्रेस पार्टी के पार्षदों को तोड़कर महापौर बनने का प्रयास करवाएगी.

गौरतलब है कि पीठ ने अदालत के समक्ष गलत बयान देने के लिए चंडीगढ़ महापौर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत आपराधिक कार्यवाही भी कर दी है. अदालत ने सुनवाई के दौरान मतपत्र और रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया था. इन्हें पांच फरवरी को पिछले आदेश के अनुसार पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने कब्जे में ले लिया था. उच्चतम न्यायालय द्वारा चंडीगढ़ का महापौर घोषित किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद कुलदीप कुमार ने कहा -” यह लोकतंत्र और शहर के निवासियों की जीत है.” कुमार ने न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा अगर चंडीगढ़ महापौर चुनाव में भाजपा ने धांधली नहीं की होती तो यह पहले ही महापौर बन गए होते कुमार ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की जीत है, चंडीगढ़ निवासियों की जीत है और सच्चाई की जीत है.”न्यायालय के फैसले के बाद महापौर बने कुमार ने कहा-“‘आज, मेरी आंखों में खुशी के आंसू हैं.”

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