लड़कों को होने वाली काफी बीमारियां ऐसी भी जो होने पर ना सिर्फ दर्द देती है बल्कि अंदर तक तोड़ देती है. एक रिसर्च बताती है की लड़को से जुड़ी गुप्त समस्या की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. एक तरफ बिजी लाइफ स्टाइल है तो दूसरी तरफ उम्र से पहले ही बुढ़ापे की तरह जिंदगी जीने का तरीका. 40 की उम्र के बाद ज्यादातर पुरुष प्रोस्टेट ग्लैंड में वृद्धि की समस्या से परेशान होते हैं. प्रोस्टेट ग्लैंड को पुरुषों का दूसरा दिल भी माना जाता है. पौरूष ग्रंथि (Virgin gland) शरीर में कुछ बेहद ही जरूरी क्रिया करती है. जैसे यूरीन के बहाव को कंट्रोल करना और प्रजनन के लिए सीमन बनाना. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह ग्रंथि बढ़ने लगती है. इस ग्रंथि का अपने आप में बढ़ना ही हानिकारक होता है और इसे बीपीएच (बीनीग्न प्रोस्टेट हाइपरप्लेसिया) कहते हैं. तो अगर आप भी इस समस्या से परेशान है और निजात पाना चाहते हैं तो जाने इस प्रौब्लम का कारण और इसका इलाज…
प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने पर क्या होता है ?
प्रोस्टेट ग्लैंड ज्यादा बढ़ जाने पर कई लक्षण सामने आने लगते हैं जैसे यूरीन रूक-रूक कर आना, पेशाब करते समय दर्द या जलन और यूरीन ट्रेक्ट इन्फेक्शन बार-बार होना. प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ जाने से मरीज बार-बार पेशाब करने जाता है मगर वह यूरीन पास नहीं कर पाता. अगर बार-बार यह परेशानी होती है तो पौरूष ग्रंथि (Virgin gland) बढ़ने की संभावना हो सकती है. ऐसी अवस्था मरीज के लिए कष्टदायक होती है. उसे समझ नहीं आता कि क्या करना चाहिए.
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प्रोस्टेट के ट्रीटमेंट
दूसरे रोग की तरह प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने का भी इलाज संभव है. ऐसी बहुत सी दवाइयां हैं, जिससे मरीज को काफी आराम महसूस होता है और वह सामान्य दिनचर्या जी सकता है. इसके लिए कुछ अच्छे घरेलू उपाय भी हैं जैसे सीताफल के बीज इस बीमारी में बेहद लाभदायक होते हैं.
सीताफल के कच्चे बीज को अगर हर दिन अपने खाने में इस्तेमाल किया जाए, तो प्रोस्टेट ग्लैंड में वृद्धि की समस्या से बचा जा सकता है. इन बीजों में ऐसे ‘प्लांट केमिकल’ मौजूद होते हैं, जो शरीर में जाकर टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदलने से बचाता है जिससे प्रोस्टेट कोशिकाएं नहीं बन पातीं.
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मददगार है सीताफल
आयरन, फॉस्फोरस, टि्रप्टोफैन, कॉपर, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन के, प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल कच्चे सीताफल के बीज में काफी मात्रा में मौजूद होते हैं. ये बीज जिंक के बेहतरीन स्रोतों में से एक माने जाते हैं. हर दिन 60 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रोस्टेट से जूझ रहे मरीजों में बेहद फायदा पहुंचाता है और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार करता है. इन बीजों में बीटा-स्टिोसटेरोल भी होता है जो टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टेरोन में बदलने नहीं देता.
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तो इसलिए आप कभी भी प्रोस्टेट ग्लैंड में वृद्धि को नजर अंदाज ना करें और इस घरेलू उपाय का इस्तेमाल करके बचाव करें. लेकिन हम आपको ये सलाह जरुर देगें की ये समस्या होने पर किसी अच्छे डाक्टर से जरुर ट्रीटमेंट कराएं.