पुरुषों से जुड़ी कुछ बीमारीयां ऐसी भी होती हैं जिसे लेकर ना तो आप जानकारी रखते हैं और इसके होने पर डर के साए में खो जाते है. इन्हीं में से एक हैं पुरुषों की यूरीन में आने वाला खून. यूरीन में खून आने को डौक्टर हेमाट्यूरिया की स्थिति बताते हैं. ये किसी उम्र में हो सकता है और किसी को भी. यह स्थिति अचानक ही आपके सामने आती है शायद यही कारण हैं की पुरुष इस स्थिति को देखकर डर जाते हैं. सोचिए अगर आप सुबह सोकर उठते हैं और अचानक वौशरूम में जाते हैं तो देखते हैं कि आपके यूरीन का रंग लाल हो गया है, जिसे देखकर मन में भय होना स्वभाविक है. इस स्थिति के कारणों का पता लगा पाना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि हम खुद इसके कारणों को नहीं पहचान पाते हैं. इसलिए आज हम आपको इस स्थिति से जुड़े कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आप इस बचाव कर सकते हैं.
यूरीन में होने वाला इंफेक्शन…
इस स्थिति को यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन यानी की यूटीआई भी कहते हैं. यूटीआई यूरीन में खून आने का एक आम कारण है. हालांकि यह महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन पुरुष भी स्थिति का शिकार होते हैं. पुरुषों में यूटीआई के जोखिम कारकों में प्रोस्टेट समस्याएं और हालिया कैथीटेराइजेशन शामिल है. यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है. यह वह ट्यूब है, जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालती है. अगर यूटीआई किडनी को प्रभावित करता है तो इससे कमर और पीठ में दर्द होता है.
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किडनी और मूत्राशय की पथरी (Bladder stones)…
अगर खून में तरलता बहुत कम और वेस्ट बहुत ज्यादा हो तो वेस्ट यूरीन में कैमिकल के साथ बंध सकता है, जिससे किडनी या मूत्राशय में पथरी हो सकती है. अक्सर, पथरी यूरीन के रास्ते गुजरने में काफी छोटी होती है. बड़ी पथरी किडनी या मूत्राशय में रह जाती है, जो मूत्रमार्ग में कहीं भी अटक सकती है. बड़ी पथरी के आमतौर पर दिखाई देने वाले लक्षण होते हैं.
क्या हे इसके कारण…
- खून में यूरीन आना
- कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
- पेट में बार-बार दर्द होना
- उल्टी आना
- यूरीन से जोरदार बदबू आना
- प्रोस्टेट का बढ़ जाना
प्रोस्टेट किसे कहते है?
प्रोस्टेट एक ग्रंथि है, जो कि पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा होती है और वीर्य (Sperm)के उत्पादन में मदद करती है. यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने होती है. प्रोस्टेट बढ़ जाने से मूत्रमार्ग पर दबाव बनता है, जिससे यूरीन करने में दिक्कत होती है. यूरीन करने में ज्यादा दम लगाने से नुकसान पहुंचता है, जिससे रक्तस्राव हो सकता है. इस स्थिति से 51 से 60 साल की उम्र के 50 फीसदी पुरुष परेशान होते हैं.
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किडनी में चोट के कारण
ग्लोमेरुली, किडनी के भीतर की छोटी संरचनाएं हैं, जो रक्त को छानने और साफ करने में मदद करती हैं. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (जीएन) उन रोगों के समूह के लिए एक शब्द है, जो इन संरचनाओं को नुकसान पहुंचाती है. जीएन से पीड़ित लोगों में घायल गुर्दे शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को नहीं निकाल पाते. बिना उपचार के जीएन किडनी फेलियर का कारण बन सकता है. युवाओं में लंबे समय तक जीएन रहने से सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित होती है और वह दोनों शक्तियां खो भी सकते हैं.
तो ये है वो कारण जिसके चलते यूरीन में खून आमे की समस्या पेदा होती हैं.