ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी)के सौजन्य से महान कवियत्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती के अवसर पर भोजपुरी फिल्म निर्माता निशांत उज्ज्वल को महादेवी वर्मा सम्मान से अंलकृत किया गया. महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन राजधानी पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में हुआ, जिसमें निशांत उज्ज्वल समेत अलग-अलग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 16 विभूतियों को महादेवी वर्मा सम्मान से अंलकृत किया गया.
महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित होने के बाद निशांत उज्ज्वल ने जे की सी का आभार जताने के साथ कहा-‘‘महादेवी वर्मा सम्मान मेरे लिए बेहद गौरवान्वित महसूस करने वाला है.यह मेरे लिए प्रेरणा है.’’ इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा-‘‘साहित्य जगत में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की तरह प्रकाशमान है.
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महादेवी वर्मा हिंदी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवियत्रियों में से हैं. वह हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं. महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं.’’
जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा-‘‘साहित्य में महादेवी वर्मा का आविर्भाव उस समय हुआ,जब खड़ीबोली का आकार परिष्कृत हो रहा था.उन्होंने हिंदी कविता को बृजभाषा की कोमलता दी, छंदों के नए दौर को गीतों का भंडार दिया. उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया.’’
इस अवसर पर ‘महादेवी वर्मा सम्मान’’से सम्मानित की गई विभूतियों में रिपुसुदन श्रीवास्तव (साहित्य), श्री आलोक राज( गायन), अरूण प्रभा दास (मिथिला पेटिंग), मृणालिनी अखौरी (लोकगायन), पंखुरी श्रीवास्तव (शास्त्रीय संगीत), मनीष वर्मा (ब्लॉगर), निशांत उज्जवल (फिल्म), समीर परिमल (कविता), कुमार रजत (पत्रकारिता), मर्यादा कुलश्रेष्ठ निगम (शास्त्रीय नृत्य), श्यामल दास (पेटिंग), राजकुमार नाहर (शास्त्रीय संगीत), हिना रिजवी (शायरी), नीतु सिन्हा ‘तरंग (लेखन), प्रिया मल्लिक (पार्श्वगायन) और अनुशा चित्रांशी (लेखन) शामिल हैं.
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जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने अपने स्वागत भाषण में कहा-‘‘महादेवी वर्मा एक महान कवियत्री होने के साथ-साथ हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्य लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं.’’
वहीं आलोक राज ने कहा-‘‘महादेवी वर्मा जी एक मशहूर कवियत्री तो थी हीं, इसके साथ ही वह एक महान समाज सुधारक भी थीं. कवि निराला ने उन्हें ‘हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ भी कहा है.’’ विश्वरंजन ने कहा- ‘‘महादेवी वर्मा ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया और महिला शिक्षा को काफी बढ़ावा दिया था.’’
श्याम किशोर ने कहा कि महादेवी वर्मा ने महिलाओं को समाज में उनका अधिकार दिलवाने और उचित आदर सम्मान दिलवाने के लिए कई महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम उठाए थे.
कार्यक्रम के दौरान जूरी पैनल में शामिल सुशील भारती, डा.राजीव रंजन प्रसाद, शिवपूजन झा और मंजरी श्रीवास्तव, विशिष्ठ अतिथि अशोक प्रसाद, जीकेसी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव, एजुकेशन सेल के अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा, युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाला सौरभ वर्मा समेत कई पदाधिकारी भी मौजूद थे.कार्यक्रम के दौरान समीर परिमल, कुमार रजत, हिना रिजवी हैदर, नीतु सिन्हा ‘तरंग ने कविता पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.वहीं श्री आलोक राज और प्रिया मल्ल्कि ने पार्श्वगायन जबकि पंखुरी श्रीवास्तव और मर्यादा कुलश्रेष्ठ ने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति देकर समां को बांध दिया.इस दौरान बीफॉर नेशन और दीदीजी फाउंडेशन के बच्चों ने डांस पर आधारित प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोह लिया.
कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने ‘देव कुमार लाल एंड फ्रेंडस’के साथ संगत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए. कार्यक्रम के अंत में जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ और मीडिया सेल के अधिकारियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन जीकेसी की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमती रिद्धिमा श्रीवास्तव ने किया.कार्यक्रम का सफल संचालन आरजे श्वेता सुरभि और जीकेसी महिला संभाग की कार्यकारिणी अध्यक्ष संपन्नता वरूण ने किया.
समारोह में विशेष रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार, प्रेम कुमार ,युवा संभागके प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, बलिराम जी, अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा, अनुराग समरूप, अभिषेक शंकर, सुशांत सिन्हा, रश्मि लता, डॉ प्रियदर्शी हर्षवर्धन, रवि सिन्हा, हर्ष सिन्हा, सुभाषिनी स्वरूप, निखिल के डी वर्मा, कुमार गौरव, आशुतोष ब्रजेश, पीयूष श्रीवास्तव, सैयद सबीउद्दीन, राजेंद्र यादव, नागेंद्र जी, मधुप मणि पिक्कू, डॉ श्वेता, राजेश कुमार डब्लू, रंजीत प्रसाद सिन्हा आदि ने भी शिरकत की.