बौलीवुड के बिग बी ‘अमिताभ बच्चन’ को लंबे पैरों की वजह से एक्ट्रैस नहीं बनना चाहती थी उनकी कोस्टार

बौलीवुड के बिग बी कहे जाने वाले एक्टर ‘अमिताभ बच्चन’ सभी न्यू स्टार्स के लिए एक मिसाल है. उन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखें है. उन्होंने बौलीवुड में एक्शन, रोमांस, कौमेडी और ट्रैजेड़ी से जुड़ी कई फिल्में दी है और दे रहे है. आज अमिताभ अपना 82वां बर्थ डे सेलिब्रेट कर रहे है. वे अबतक हिंदी सिनेमा को 54साल दे चुके है. इसमें उनसे जुड़े कई ऐसे किसे है जिनसे लोग आज भी बेखबर है.

 

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अमिताभ बच्चन खुद बताते है कि वे अपनी लाइफ में कई बार गिरे है और उठे है. एक टाइम पर जब एक्ट्रैस उनकी लंबी टांगों की वजह से उनके साथ एक्टिंग करने से मना कर देते थे. तब वे 300 रुपए लेकर भी बहुत खुश रहा करते थे. उन्होंने अपने करियर की सबसे पहली फिल्म ‘भुवन शोम’ की थी. 1969 में एक एक्टर के तौर पर नहीं बल्कि नरेटर के तौर पर हिंदी सिनेमा में कदम रखा था. एक्टर खुश रहते थे कि 300 रुपए तो मिल जाते है.

काफी संघर्ष के बाद मल्टीस्टारर ‘सात हिंदुस्तानी’ उसी साल यानी 1969 में मिली. इसके लिए 5 हजार रुपए भी मिले। फिर 1971 में ‘रेशमा और शेरा’. इसमें एक छोटा सा रोल मिला था वो भी मूक बधिर युवक छोटू का. फिल्में मिल रही थीं लेकिन वो मुकाम नहीं जिसकी दरकार थी. तभी जिंदगी में ‘आनंद’ ने दस्तक दी और ‘बाबू मोशाय’, ‘आनंद बाबू’ के साथ सबके चहेते बन गए. इनकी ‘बक-बक’ सुनने के लिए लोग थिएटर्स में खिंचे चल आए.

उनके करियर में टर्निंग पौइंट साबित हुई ‘जंजीर’

काम मिलने लगा, हरिवंशराय बच्चन का ये बड़ा बेटा अब खुद को स्थापित करने लगा था. फिर आई एक फिल्म जो टर्निंग पौइंट साबित हुई और यह थी 1973 की ‘जंजीर. बौलीवुड को अपना एंग्री यंग मैन मिल चुका था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक से बढ़कर एक ऐसी फिल्में की जिन्होंने इनकी काबिलियत को साबित किया. सौदागर, दीवार, शोले, लावारिस, चुपके – चुपके, नमक हलाल, नमक हराम, नास्तिक, कालिया, खुद्दार, शराबी, डौन जैसी फिल्मों के जरिए बौलीवुड इंडस्ट्री के मयार को ऊंचा रखा. हर जौनर की फिल्म की. हरेक किरदार निभाया.

एयरफोर्स में जाना जाते थे अमिताभ

वैसे, अपनी हाइट के कारण अमिताभ एक और सपना भी पूरा नहीं कर पाए थे और वो था देश की सेवा का. केबीसी में एक्टर ने बताया था कि दिल्ली में एक मिलिटरी औफिसर ने पिता जी से कहा था, ‘अपना यह बेटा मुझे दे दीजिएगा.’ कौलेज के बाद जब अमिताभ एयर फोर्स में भर्ती होने के लिए पहुंचे तो इंटरव्यू के दौरान छांट दिए गए. क्यों? क्योंकि टांगें लंबी थीं.

केबीसी के मंच पर अमिताभ बच्चन

अमिताभ ने वो सब कुछ हासिल किया जिसके वो हकदार थे. कमियों को ताकत बनाया और बन गए इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के शहंशाह बन गए. अमिताभ ने अपने जीवन में हमेशा मूल्यों को महत्व दिया. मां-बाप से जो पाया, उस पर गर्व किया और खुशी से उसे सबसे शेयर भी किया. केबीसी के मंच पर कई ऐसे पल साझा किए हैं जो अनमोल हैं, जो रिश्तों की गहराई को बखूबी बयां करते हैं.

अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्में

नटवरलाल, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, अग्निपथ, खुदा गवाह, मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, वक्त, सरकार, चीनी कम, भूतनाथ, पा, पीकू जैसी शानदार फिल्में देने वाले बिग बी के करियर में एक दिलचस्प बात भी देखने को मिली.

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