बिहार चुनाव : नेताओं की उछलकूद जारी

आम लोगों के बीच किस पार्टी से किस को टिकट मिलेगा, इस पर अभी चर्चा ज्यादा हो रही है. अपनेअपने दलों से टिकट लेने वाले लोग आलाकमान तक पहुंच बनाने में रातदिन एक किए हुए हैं. कई दलों के संभावित उम्मीदवार अपनेअपने इलाके में प्रचार के काम में भी लग गए हैं.

सियासी गलियारे में पक्षविपक्ष के बीच आरोपप्रत्यारोप का दौर जारी है. एक दल से दूसरे दल में नेताओं की उछलकूद जारी हो गई है. गठजोड़ और मोरचे बनने लगे हैं. राजनीतिक पैतरेबाजियां शुरू हो चुकी हैं.

बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अक्तूबरनवंबर में चुनाव होना है. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होने वाला है. वर्तमान सरकार से भी बहुतेरे लोग खफा हैं. युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव ऋषि कुमार ने बताया कि राजद छोड़ कर भाजपा के साथ मिल कर सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार की इमेज लगातार गिरती गई. एससी और ओबीसी तबके के लोगों को जितना विश्वास इन के ऊपर था, वह लगातार घटता गया. नीतीश कुमार भाजपा के इशारे पर ही चलने लगे. ऊंचे तबके के लोगों को नीतीश कुमार प्रश्रय देने लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर बात में सुर में सुर मिलाने लगे. विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करने वाले और डीएनए की जांच के लिए नाखूनबाल केंद्र सरकार को भेजने वाले नीतीश कुमार ने भाजपा के सामने घुटने टेक दिए. बौद्ध धर्म से प्रभावित नीतीश कुमार ने कुरसी के चक्कर में भाजपा का थाम लिया. इस के चलते लोग इन्हें सोशल मीडिया पर ‘पलटू चाचा’ और ‘कुरसी कुमार’ के नाम से भी लोग ट्रोल करने लगे हैं.

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सामाजिक सरोकारों से जुड़े अवध किशोर कुमार का कहना है कि जब कोई भी शख्स सत्ता में लंबे अरसे तक रह जाता है तो वह मगरूर हो जाता है, इसलिए सत्ता में बदलाव भी जरूरी है.

महागठबंधन की ओर से अब तक तय नहीं हो पाया है कि किस पार्टी का उम्मीदवार किस क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा. इस की वजह से गठबंधन वाले सहयोगी दलों के बीच बेचैनी बढ़ने लगी है. सभी दल अपनाअपना गठबंधन मजबूत करने में लगे हुए हैं. महागठबंधन में लोग असमंजस की स्थिति में है. अब तक महागठबंधन के कई नेता अपनी अपनी पार्टी छोड़ कर जद (यू) में शामिल हो गए हैं. महागठबंधन में सीटों को ले कर दिक्कत आ रही है. कांग्रेस ने जिला स्तरीय वर्चुअल रैली के साथ अपना चुनावी अभियान तेज कर दिया है, लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन अब तक तय नहीं कर पाया है कि किस पार्टी का उम्मीदवार किस क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा, मुकेश साहनी का वीआईपी, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख अभी असमंजस की स्थिति में हैं. महागठबंधन से इस बात का खयाल रखा जा रहा है कि सत्ता विरोधी वोटों का बंटवारा किसी भी कीमत पर नहीं हो सके.

नीतीश कुमार से नाराज चल रहे चिराग पासवान के बोल बदल गए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे राजग के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार से कोई समस्या नहीं है. चिराग पासवान भाजपा से तत्काल रिश्ते नहीं खराब नहीं करना चाहते हैं. रामविलास पासवान ने कहा है कि वे चिराग के सभी फैसलों पर दृढ़ता से खड़े हैं. हाल के दिनों तक नीतीश कुमार चिराग पासवान के बोल से परेशान रहे हैं.

जद (यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि उन का गठबंधन भाजपा के साथ है और लोक जनशक्ति पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में है. फिलहाल नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच विवाद पर विराम लग गया है. दोनों नेताओं के शीर्ष पर भाजपा है, इसलिए दोनों नेताओं को भाजपा की बात माननी ही पड़ेगी.

इस बार का चुनाव प्रचार वर्चुअल संवाद के जरीए जारी है. आमसभा के दौरान किसी सभा में कितने लोग जुटे इस का आकलन तो सही तरीके से नहीं हो पाता था, लेकिन वर्चुअल संवाद में इसे कितने लोगों ने देखा है, इस का आंकड़ा पता चल जाता है.

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नीतीश कुमार के वर्चुअल संवाद में 31.2 लाख यूजर का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बिहार में यह आंकड़ा 12 लाख को भी पार नहीं कर सका.

जब सत्ता पक्ष के पास सारे संसधान रहते वर्चुअल संवाद की स्थिति यह है तो विपक्ष इस में कितनी कामयाबी हासिल कर पाएगा, यह शायद आने वाला समय ही बताएगा. इस बार का चुनाव पहले के चुनाव से हट कर होगा. नेता और आम नागरिक को भी एक नए तजरबे के साथ जुड़ना होगा.

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