Writer- मीनू वालिया

कैंसर ऐसा रोग है जिस का नाम सुनते ही मरीज के हाथपांव फूल जाते हैं और उसे अपनी मौत सामने खड़ी दिखाई देने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव करने से कैंसर को रोका जा सकता है. कैंसर के 5 फीसदी मामलों का सीधा संबंध खानपान से होता है. दैनिक जीवन में खानपान में बदलाव कर के कैंसर से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं कैंसर से लड़ने के लिए आहार के विशेष टिप्स.

अधिक फलों से युक्त आहार का सेवन करने से पेट और फेफड़ों के कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है.

कैरोटिनौएड्स, जैसे गाजर आदि सब्जियों का सेवन करने से फेफड़े, मुह, गले और गरदन के कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है.

स्टौर्चरहित सब्जियों, जैसे ब्रोकली, पालक और फलियों का सेवन करने से पेट और गले  (इसोफेजियल) के कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है.

संतरे, बैरी, मटर, शिमलामिर्च, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों तथा विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आप अपनेआप को गले का कैंसर होने से बचा सकते हैं.

लाइकोपिन युक्त फलों व सब्जियों, जैसे टमाटर, अमरूद और तरबूज का सेवन करने से प्रोस्टैट कैंसर होने की आशंका को कम किया जा सकता है.

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फाइबर का सेवन

अधिक मात्रा में फाइबरयुक्त आहार का सेवन करने से आप अपनेआप को कोलोरैक्टल कैंसर तथा पाचनतंत्र के अन्य हिस्सों, जैसे पेट, मुख और गरदन के कैंसर से बचा सकते हैं.

फाइबर का पर्याप्त मात्रा में सेवन आप को कब्ज से भी बचाता है. फाइबर फलों, सब्जियों और पूर्ण अनाज में पाया जाता है. आमतौर पर भोजन जितना ज्यादा प्राकृतिक और अनप्रोसैस्ड होगा, उतना ही उस में फाइबर की मात्रा अधिक होगी. मांस, डेयरी उत्पादों, चीनी या सफेद भोजन, जैसे ब्रैड, सफेद चावल और पैस्ट्री में फाइबर बिलकुल नहीं होता है.

सफेद चावल के बजाय भूरे चावल यानी ब्राउन राइस का इस्तेमाल करें.

सफेद ब्रैड के बजाय होलग्रेन संपूर्ण अनाज की ब्रैड या मल्टीग्रेन ब्रैड का इस्तेमाल करें.

पेस्ट्री के बजाय ब्राउन मफिन खाएं.

आलू के चिप्स या सूखे मेवों के बजाय पौपकौर्न बेहतर और स्वास्थ्यप्रद पोषक स्नैक है.

सैंडविच, पकौड़ा या बर्गर में मीट के बजाय बींस का इस्तेमाल करें.

पानी का जादू

फाइबर पानी को अवशोषित करता है, इसलिए आप अपने आहार में जितना ज्यादा फाइबर का सेवन करते हैं, उतना ज्यादा आप को पानी पीना चाहिए. पानी कैंसर से लड़ने के लिए महत्त्वपूर्ण है.

यह आप की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, शरीर में से व्यर्थ और विषैले पदार्थों को निकालता है, और आप के सभी अंगों तक पोषक पदार्थों को पहुंचाता है.

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मांस का सेवन कम

अधिक मांस से युक्त आहार आप के लिए अच्छा नहीं है, खासकर तब जबकि आप की जीवनशैली गतिहीन है. इस के अलावा लाल मांस के सेवन से आंत का कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. आप जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को कम कर के और आहार के पोषक विकल्प चुन कर कैंसर होने की आशंका को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

आप के आहार में मांस की कुल मात्रा आप की कुल कैलोरीज की

15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. 10 फीसदी बेहतर है.

लाल मांस का सेवन कभीकभी करें. लाल मांस में संतृप्त वसा की पर्याप्त मात्रा होती है, इसलिए इस के सेवन से बचना आप के स्वास्थ्य के लिए अच्छा विकल्प होगा.

हर आहार में मांस की मात्रा कम करें. यह मात्रा आप के हाथ की हथेली के बराबर होनी चाहिए.

मांस का सेवन मुख्य भोजन के रूप में न करें, आप भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए कम मात्रा में इस का सेवन कर सकते हैं.

अपने भोजन में पौधों से मिलने वाले प्रोटीन स्रोतों, जैसे बींस आदि का इस्तेमाल करें.

लीनर मीट, जैसे चिकन, फिश और टर्की को प्राथमिकता देनी चाहिए.

प्रोसैस्ड मांस, जैसे हौट डौग, या रेडी टू ईट मांस उत्पादों के सेवन से बचें.

अगर हो सके तो और्गेनिक मांस का सेवन करें. और्गेनिक जानवरों को जीएमओ से रहित और्गेनिक भोजन ही दिया जाना चाहिए. उन्हें एंटीबायोटिक, हार्मोन या अन्य उपउत्पाद नहीं दिए जाने चाहिए.

वसा का सेवन सोचसमझ कर

अधिक वसा से युक्त आहार का सेवन करने से न केवल कैंसर बल्कि कई प्रकार के कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. इस से कौलैस्ट्रौल बढ़ने का भी खतरा होता है. वसा का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना इस का समाधान नहीं है. वास्तव में कुछ प्रकार की वसा आप को कैंसर और कोलैस्ट्रौल से बचाती हैं. वसा का चुनाव सोचसमझ कर करें और बहुत ज्यादा मात्रा में न करें.

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