देर रात का वक़्त है. अचानक मोबाइल की घंटी बजती है…  “भैया …भैया..! मैं बहुत बीमार हूं… मुझे.”और वह खांसने लगता है.

-“क्या हुआ है भाई तुझे बता… कैसा लग रहा है…. यह बताओ कहां पर हो…!”

थोड़ी देर में बीमार खांसते हुए शख्स के पास 4-5 युवा पहुंच जाते हैं. कोरोना संक्रमण के इस भयावह समय में यह सब आश्चर्यचकित करने वाली बात एक सच्ची घटना है.

दरअसल, कोरोनावायरस कोविड 19 के इस समय काल में जहां चारों तरफ बदहवासी का माहौल है, हर आमो ख़ास, जिम्मेदार आदमी अपनी जान बचाना चाहता है और घरों में  लाकडाउन  कर बैठा हुआ है….  ऐसे में कुछ युवा ऐसे भी हैं जो मानवीयता की डोर  को बांधे हुए हैं और मानवीय संवेदना का परिचय दे रहे हैं…

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रात का वक्त है. एंबुलेंस मुख्य मार्ग से होती हुई गोपालपुर  कोविद अस्पताल जहां खुद प्राइवट ऐम्ब्युलेन्स  सीधा वहां जाकर रुकती है एंबुलेंस से एक शख्स को बाहर निकाला जाता है. जो  कमजोर और बीमार दिखाई दे रहा है युवा उन्हें सहारा देकर के हॉस्पिटल की ओर आगे बढ़ते हैं. कोविड का समय है उन्हें लापरवाह देख कोई कहता है- प्रोटोकॉल का पालन करो! तब वह लोग सतर्क होते हैं.

हॉस्पिटल से किट मिल जाता है उसे पहन कर के यह लोग बीमार शख्स को सहारा देते हुए आगे बढ़ते हैं और चिकित्सालय में भर्ती करके उसे आक्सीजन की कमी का पता चलते ही बमुश्किल ऑक्सीजन की व्यवस्था करके उसकी जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं .

यह “एक्टिव टीम” है अमित नवरंग लाल की जिसमें वे स्वयं अनिल द्विवेदी, युगल शर्मा , संदीप अग्रवाल और अनिल वरंदानी जैसे कुछ युवा कोरोना कोविड-19 के इस त्रासद समय में लोगों की जान बचाने का स्तुत्य प्रयास कर रहे हैं.

एक छोटा सा प्रयास छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर कोरबा में चल रहा है यहां यह बताना भी लाज़मी है कि टीम द्वारा लोगों से सहयोग लेकर oximiter themamiter Cylender इत्यादि चिकित्सकीय सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है.

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और जेल भेजने की तैयारी!

और एक  दिन हुआ यह की जब एक्टिव टीम एक पॉजिटिव मरीज को लेकर के  नगर के हॉस्पिटल पहुंची तो वहां गेट बंद था रात हो चुकी थी और गेट नहीं खुल रहा था ऐसे में जब युवा टीम ने वहां हंगामा खड़ा किया तो डॉक्टर बाहर आ गए और बात पहुंच गई थाना पुलिस तक. आनन-फानन में पुलिस आई और एक्टिव टीम को थाने में बैठा दिया गया . गिरफ्तारी की कवायद शुरू हो गई. जैसे ही शहर में एक्टिव टीम की गिरफ्तारी की बात फैलने लगी पुलिस ने चिकित्सक के साथ समझौता करा कर अमित की एकटिव टीम को रिहा कर दिया.

अभी तक सेवा भावना से प्रेरित  टीम  तीन एयर कंडीशन और आक्सीजन गैस  युक्त एंबुलेंस शहरवासियों के लिए उपलब्ध करवा चुकी है जो कोरोना कोविड 19 पीड़ितों को पूर्णता निशुल्क सेवा दे रही है.

अमित नवरंग लाल द्वारा कोरोना से ग्रसित दुखी लोगों की जब सहायता की जाने लगी तो लोगों के हाथ सहयोग के लिए उठ खड़े हुए. देखते ही देखते किसी ने उन्हें  आक्सीजन तो किसी ने उन्हें दूसरे तरीके से मदद करने का काम किया.एक एक बुजुर्ग कोरोना निगेटिव महिला जिसका इलाज चल रहा था. उसने इस युवा टीम की सेवा भावना को देख कर के उस बुजुर्ग महिला ने अपने पास रखे हुए पचास हजार रुपए देते हुए कहा कि यह पैसे कोरोना से ग्रसित लोगों की सेवा में लगा दो. एक तरफ जहां चारों तरफ लोग आज कोरोना संक्रमण को देखकर के भयभीत हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के कोरबा की एक्टिव टीम यह संदेश दे रही है कि  मानव सेवा  से बड़ी कोई चीज नहीं होती, और  कोई जब मन में ठान कर के सेवा के लिए  निकल पड़ता है तो वह बड़ी सी बड़ी त्रासदी और बीमारी को भी हराकर एक संदेश दे जाता है.

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