मार्केट में जब भी दूध लेने जाते है तो तरह तरह के दूध वहा मौजूद होते है. कई लोग तो इस के अंतर और फायदे को जानते है पर ज्यादातर लोग इस बात से अनजान रहते है की फूल क्रीम और टोंड मिल्‍क में क्या अंतर होता है. वजन बढ़ने और अन्‍य कई समस्‍याओं के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध को दोष दिया जाता है, लेकिन क्‍या ये सही है. इन्ही सब के चलते आज हम दूध से जुड़े कुछ ऐसी बाते बताएंगे जो आपके जानना जरुरी है. तो चलिए जानते है..

क्या आप जानते है फैक्ट

फुल-फैट वाले डेयरी उत्पाद वास्तव में आपके वजन घटाने के लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जबकि लोग ऐसा नहीं मानते हैं. 18,000 मिडिल एज की स्वस्थ वजन वाली महिलाओं पर किए गए दस साल के लंबे रिसर्च में पाया गया कि जिन महिलाओं ने अधिक दूध का सेवन किया और पूर्ण फैट वाले डेयरी उत्पादों का सेवन किया, उनमें उन महिलाओं की तुलना में अधिक वजन और मोटापे की संभावना कम थी, जिन्होंने पूर्ण फैट वाले डेयरी का सेवन नहीं किया था.

फुल क्रीम दूध की दैनिक खपत ने प्रतिभागी के एचडीएल कोलेस्ट्रौल (अच्छे कोलेस्ट्रौल) के स्तर में वृद्धि की, जबकि टोंड मिल्‍क पीने वाली महिलाओं ये लाभ नहीं दिखा। कुछ अन्य अध्ययनों में पाया गया कि जो बच्चे फुल क्रीम दूध का सेवन करते हैं, उनमें बाकी बच्‍चों (जो कम फैट वाले दूध पीते हैं) के मुकाबले विटामिन डी का स्तर बेहतर था. शोधकर्ताओं ने पाया कि दूध में पाई जाने वाला फैट शरीर को अधिक विटामिन डी अवशोषित करने में मदद करती है.

फैट-फ्री और स्किम मिल्क संतोषजनक नहीं होते हैं और फैट रहित दही अतिरिक्त शर्करा से भरे होते हैं और ये हमें फैट वाले डेयरी उत्‍पादों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों से भी वंचित रखते हैं. जब लोग फैट को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वे विकल्प के रूप में ज्‍यादा रिफाइंड कार्ब्‍स और शुगर खाने लगते हैं, जिसके अपने कई स्वास्थ्य जोखिम होते हैं.

आखिर कहां से आया टोंड मिल्क का कौनसेप्ट

1990 के दशक के दौरान, पोषण विशेषज्ञों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने लोगों को अपने आहार से फैट में कटौती करने की सलाह दी जिसमें दूध और अन्‍य डेयरी उत्‍पाद शामिल थे. जिसके कारण अधिक से अधिक लोग कम फैट और फैट रहित डेयरी उत्‍पादों का विकल्प चुनने लगे. इसके बाद डेयरी उत्‍पाद के निर्माताओं ने अपने उत्पादों में आर्टीफिशियल इंग्रीडिएंट और चीनी मिलाना शुरू कर दिया, ताकि लोगों को बेहतर स्वाद मिल सके. इसके कारण हमें फ्लेवर्ड दूध, मीठी दही और अन्‍य उत्‍पाद मार्केट में मिलने लगे.

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