हिंदी फिल्म ‘रोक सको तो रोक लो’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली मंजरी फडनिस ने बंगला, तमिल, तेलुगु, मलयालम और मराठी फिल्मों में भी काम किया है. हालांकि उन की पहली फिल्म कुछ खास नहीं चली थी, पर फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ में इमरान खान की प्रेमिका के रूप में उन के काम की काफी तारीफ हुई थी और फिल्म भी हिट रही थी. इश्तिहारों के अलावा मंजरी फडनिस ने शौर्ट फिल्मों में भी काम किया है. मंजरी फडनिस अब फिल्म ‘बाबा ब्लैक शीप’ में भी दिखाई दीं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:
फिल्म ‘बाबा ब्लैक शीप’ में काम करने की क्या वजह रही?
इस फिल्म की कहानी मुझे दिलचस्प लगी थी इसलिए मैं ने हां कर दी.
आप को फिल्मों में आने की प्रेरणा कहां से मिली?
मेरा फिल्मों में आना इत्तेफाक नहीं था, न ही बचपन से सोचा था. मैं एक आर्मी अफसर की बेटी हूं और पहले 3 साल तक पिता की पोस्टिंग के साथ मुंबई में रह चुकी थी. उस दौरान मैं मुंबई को थोड़ाबहुत जान चुकी थी. बचपन से मुझे स्कूल के स्टेज पर ऐक्टिंग करना पसंद था, पर वही मेरे लिए सबकुछ होगा, मैं ने ऐसा कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मेरे परिवार से कोई भी फिल्म इंडस्ट्री से नहीं था.
मैं पढ़ाई में अच्छी थी और मनोवैज्ञानिक बनना चाहती थी. 11वीं क्लास में पढ़ते समय मुझे लगा कि मैं फिल्म कलाकार बन सकती हूं. 12वीं क्लास के बाद मैं मुंबई आई और पोर्टफोलियो दिया. इस तरह मुझे पहली फिल्म के लिए काम मिला था.
फिल्मों में काम मिलने से पहले और काम मिलने के बाद इंडस्ट्री के बारे में आप की सोच में कितना बदलाव आया?
पहले जब मैं ने अपने मातापिता से कहा कि मैं फिल्मों में ऐक्टिंग करूंगी, तो वे हंसे. उन्हें लगा कि मैं मजाक कर रही हूं. उन्होंने सहयोग भी इस बात पर दिया कि थोड़े दिनों बाद मैं खुद ही इस सोच को बदल दूंगी, पर मुझे पता था कि मैं क्या कर रही हूं. हां, यह जरूर हुआ था कि जब मैं मुंबई आ रही थी, तो सभी रिश्तेदारों ने बहुत सी बातें की थीं, लेकिन मेरे मातापिता को मुझ पर विश्वास था. यहां सब लोग अच्छे मिले, जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने में मदद की. गलत लोग हर जगह होते हैं और मुझे उन से निबटना बखूबी आता है.
क्या आप को कभी कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा?
हां, जरूर करना पड़ा, पर सीधेतौर पर नहीं. जैसे कि कुछ लोग कहते थे कि आप मुझे पसंद हो और मैं आप को और अच्छी तरह समझना चाहता हूं. यह सही है कि इंडस्ट्री में कोई आप को किसी काम को करने के लिए दबाव नहीं बना सकता. आप की मरजी से ही सब होता है. अगर मैं ने किसी को कुछ मना भी कर दिया हो तो वह काम नहीं मिलता. मैं ने बहुत सारे काम छोड़े भी हैं, पर उस से मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता. मुझे मगरमच्छों के बीच में रहना आता है.
आप की जिंदगी की टर्निंग पौइंट फिल्म कौन सी है?
मेरी जिंदगी की टर्निंग पौइंट फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ थी. आज से 10 साल पहले मैं शूटिंग के लिए बैंकौक में थी और फिल्म रिलीज के एक हफ्ते बाद जब मैं मुंबई आई तो सब लोग मुझे देख कर इतने खुश हुए कि मैं बयां नहीं कर सकती.
आप को परिवार का कितना सहयोग मिला?
मैं अपने मातापिता की एकलौती औलाद हूं, लेकिन बहुत सालों से अकेली ही मुंबई में रह रही हूं. वे पुणे में रहते हैं. उन का मेरे लिए बहुत सहयोग रहा है.
आप ने इस मुकाम तक पहुंचने में कितनी जद्दोजेहद की है?
जद्दोजेहद तो चलती ही रहती है. उस का रूप बदलता है. नए होने पर पहले काम का मिलना जरूरी होता है. पहली फिल्म मुझे मुंबई शिफ्ट होने से पहले ही मिल गई थी. फिल्म नहीं चली तो जद्दोजेहद बदली और दूसरी फिल्म के लिए चुनौती आई. फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ मिली और फिर रास्ता आसान हुआ.
क्या कोई ड्रीम प्रोजैक्ट है?
मुझे बायोपिक नूर इनायत खान करने की इच्छा है. राजकुमार हिरानी की फिल्म करने की भी इच्छा है. मैं रोमांटिक और कौमेडी फिल्में करना पसंद करती हूं.
आप कितनी फैशनेबल हैं? क्या आप खानेपीने की शौकीन भी हैं?
मुझे फैशन ज्यादा पसंद नहीं, पर मैं मिठाई खाना बहुत पसंद करती हूं. मेरी मम्मी रुचि फडनिस तरहतरह के व्यंजन बनाना पसंद करती हैं.
आप को सुपर पावर मिले तो क्या बदलना चाहेंगी?
मैं नेताओं की सोच को जरूर बदलना चाहूंगी और सारे रेपिस्टों को मार देना चाहूंगी.
VIDEO : रेड वेलवेट नेल आर्ट
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.